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बिहार के इन कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! निर्माण निगम के पूर्व कर्मियों के बकाया भुगतान का रास्ता साफ

बिहार के निर्माण निगम के पूर्व कर्मियों के बकाया भुगतान का रास्ता साफ हो गया है. इसे लेकर बिहार और झारखंड के बीच सहमति बनी.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

Bihar Nirman Nigam
बिहार निर्माण निगम (ETV Bharat)

पटना: बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के 1256 पूर्व कर्मियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल संसाधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल तथा जल संसाधन विभाग झारखंड के सचिव प्रशांत कुमार की उपस्थिति में सिंचाई भवन सभागार, पटना में बिहार और झारखंड के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.

बिहार और झारखंड के बीच सहमति: बैठक का उद्देश्य बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के पूर्व कर्मचारियों की लंबित देयताओं के भुगतान से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था. बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि पूर्व कर्मियों के वेतन और अन्य लंबित भुगतान की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा. इस संदर्भ में दोनों राज्यों के संबंधित अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करेंगे, ताकि कर्मियों को उनकी बकाया राशि जल्द प्रदान की जा सके.

कब होगा कर्मचारियों का भुगतान: दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक में बनी इस सहमति से निगम के पूर्व कर्मचारियों का भुगतान अब जल्द मिलने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड का गठन साल 1974 में बिहार सरकार के तत्कालीन सिंचाई एवं विद्युत विभाग (वर्तमान में जल संसाधन विभाग) के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन किया गया था, जो अब कार्यशील नहीं है.

झारखंड बटवारा के कारण फंसा पेंच: साल 2000 में बिहार राज्य के बंटवारे के बाद भी बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के कई कार्यालय झारखंड के रांची, गुमला, जमशेदपुर, डाल्टेनगंज और देवघर में अवस्थित रहे. निगम के कार्यभार में निरंतर कमी होने से उत्पन्न परिस्थिति में निगम का दायित्व निगम कर्मियों के वेतन, दैनिक भुगतान एवं भत्ते आदि का बकाया निरंतर बढ़ने लगा. भुगतान नहीं मिलने पर निगम कर्मियों की ओर से पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई.

कोर्ट के सख्त आदेश के बाद बैठक: पटना हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए दिसंबर 2002 में पारित आदेश के बाद, आदेश के अनुपालन के लिए निगम के परिसमापन की प्रक्रिया शुरू की गई. इसके बाद परिसमापन की प्रक्रिया के खिलाफ और निगम के कर्मियों के समायोजन, उनकी बकाया के भुगतान से संबंधित विभिन्न मामलों में 2015 में आये पटना हाईकोर्ट और 2023 में आये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आलोक में बिहार राज्य निर्माण निगम के कर्मचारियों के आस्तियों एवं दायित्वों के बिहार और झारखंड सरकार के बीच बटवारे की प्रक्रिया शुरू की गई. इसके लिए दोनों राज्यों के विभिन्न कार्यालयों से आवश्यक दस्तावेज एकत्रित किये गए.

इतने कर्मियों की देयता लंबित: प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के कुल 1256 कर्मियों (नियमित-658, दैनिक वेतनभोगी-598) की देयता लंबित है. जिनमें से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप झारखंड राज्य अंतर्गत कुल 575 कर्मी (नियमित-247, दैनिक वेतनभोगी-328) चिह्नित किये गये हैं. जबकि शेष 681 कर्मी (नियमित-411, दैनिक वेतनभोगी-270) बिहार के अंतर्गत चिह्नित किये गये हैं. चिह्नित निगम कर्मियों को दिए बकाया राशि का आकलन पूर्ण कर लिया गया है.

वहीं लंबित मुद्दों पर हुई बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श के बाद सैद्धांतिक सहमति बन गई है. अब दोनों राज्यों के संबंधित अधिकारी भुगतान से संबंधित प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएंगे.

पढ़ें-एक बार फिर बिहार में ब्रिज का पिलर ध्वस्त, भागलपुर-अगुवानी पुल की पाया-9 का सुपर स्ट्रक्चर गंगा में समाया - Bridge Collapsed In Bhagalpur

पटना: बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के 1256 पूर्व कर्मियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल संसाधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल तथा जल संसाधन विभाग झारखंड के सचिव प्रशांत कुमार की उपस्थिति में सिंचाई भवन सभागार, पटना में बिहार और झारखंड के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.

बिहार और झारखंड के बीच सहमति: बैठक का उद्देश्य बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के पूर्व कर्मचारियों की लंबित देयताओं के भुगतान से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था. बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि पूर्व कर्मियों के वेतन और अन्य लंबित भुगतान की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा. इस संदर्भ में दोनों राज्यों के संबंधित अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करेंगे, ताकि कर्मियों को उनकी बकाया राशि जल्द प्रदान की जा सके.

कब होगा कर्मचारियों का भुगतान: दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक में बनी इस सहमति से निगम के पूर्व कर्मचारियों का भुगतान अब जल्द मिलने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड का गठन साल 1974 में बिहार सरकार के तत्कालीन सिंचाई एवं विद्युत विभाग (वर्तमान में जल संसाधन विभाग) के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन किया गया था, जो अब कार्यशील नहीं है.

झारखंड बटवारा के कारण फंसा पेंच: साल 2000 में बिहार राज्य के बंटवारे के बाद भी बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के कई कार्यालय झारखंड के रांची, गुमला, जमशेदपुर, डाल्टेनगंज और देवघर में अवस्थित रहे. निगम के कार्यभार में निरंतर कमी होने से उत्पन्न परिस्थिति में निगम का दायित्व निगम कर्मियों के वेतन, दैनिक भुगतान एवं भत्ते आदि का बकाया निरंतर बढ़ने लगा. भुगतान नहीं मिलने पर निगम कर्मियों की ओर से पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई.

कोर्ट के सख्त आदेश के बाद बैठक: पटना हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए दिसंबर 2002 में पारित आदेश के बाद, आदेश के अनुपालन के लिए निगम के परिसमापन की प्रक्रिया शुरू की गई. इसके बाद परिसमापन की प्रक्रिया के खिलाफ और निगम के कर्मियों के समायोजन, उनकी बकाया के भुगतान से संबंधित विभिन्न मामलों में 2015 में आये पटना हाईकोर्ट और 2023 में आये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आलोक में बिहार राज्य निर्माण निगम के कर्मचारियों के आस्तियों एवं दायित्वों के बिहार और झारखंड सरकार के बीच बटवारे की प्रक्रिया शुरू की गई. इसके लिए दोनों राज्यों के विभिन्न कार्यालयों से आवश्यक दस्तावेज एकत्रित किये गए.

इतने कर्मियों की देयता लंबित: प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के कुल 1256 कर्मियों (नियमित-658, दैनिक वेतनभोगी-598) की देयता लंबित है. जिनमें से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप झारखंड राज्य अंतर्गत कुल 575 कर्मी (नियमित-247, दैनिक वेतनभोगी-328) चिह्नित किये गये हैं. जबकि शेष 681 कर्मी (नियमित-411, दैनिक वेतनभोगी-270) बिहार के अंतर्गत चिह्नित किये गये हैं. चिह्नित निगम कर्मियों को दिए बकाया राशि का आकलन पूर्ण कर लिया गया है.

वहीं लंबित मुद्दों पर हुई बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श के बाद सैद्धांतिक सहमति बन गई है. अब दोनों राज्यों के संबंधित अधिकारी भुगतान से संबंधित प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएंगे.

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