आगरा : जिले के बाह थाना से गायब सरकारी पिस्टल का अभी तक पता नहीं चल पाया. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर शुक्रवार रात चौकी इंचार्ज बटेश्वर राजबाबू यादव और सिपाही अमित कुमार को निलंबित कर दिया. लापता सिपाही अमित कुमार की तलाश की जा रही है. थाने की जीडी में सिपाही अमित कुमार को पिस्टल देने का तस्करा पड़ा है. उसे ही सरकारी पिस्टल और 10 कारतूस यह कहकर दिए गए थे कि वो पिस्टल चौकी इंचार्ज को सौंप देगा. मगर, ये गलत तरीका था. आरोपी सिपाही अमित कुमार 22 जून से गैरहाजिर चल रहा है. इस मामले की जांच एसीपी बाह गौरव सिंह कर रहे हैं. इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी, जीडी मुंशी और हेड मोहर्रिर भी फंस सकते हैं.
बता दें कि, बीते दिनों जिले के बाह थाना के हेड मोहर्रिर वीरेश कुमार का तबादला कानपुर नगर में हो गया है. बाह थाना में इस पद पर अवधेश कुमार को नई तैनाती मिली है. मालखाने के चार्ज हस्तांतरण के दौरान माल का मिलान किया गया तो बटेश्वर चौकी प्रभारी राजाबाबू यादव को आवंटित पिस्टल और 10 कारतूस कम मिले. इससे थाने में खलबली मच गई. पिस्टल गायब होने की जानकारी हेड मोहर्रिर ने थाना प्रभारी को दी. इस पर छानबीन शुरू की गई. पिस्टल की खोजबीन की गई. मगर, पिस्टल का पता नहीं चला.
चौकी इंजार्च ने जमा कराई, सिपाही लेकर चला गया : चौकी प्रभारी राजबाबू यादव का कहना है कि लोकसभा चुनाव की ड्यूटी के बाद उन्होंने मालखाने में सरकारी पिस्टल जमा करा दी थी. तब से उनके पास पिस्टल नहीं है. जबकि, इस बारे में तत्कालीन हेड मोहर्रिर वीरेश कुमार का कहना है कि पिस्टल चौकी प्रभारी राजबाबू यादव को आवंटित की गई थी. प्रारंभिक जांच में पता चला कि, चौकी प्रभारी बटेश्वर ने पिस्टल और 10 कारतूस बाह थाने में जमा कराए. मगर, नौ मई को जीडी में तस्करा पड़ा है, इसमें बटेश्वर चौकी पर तैनात सिपाही अमित कुमार को पिस्टल देने की बात है.
सिपाही अमित कुमार लोकसभा चुनाव के चौथे, पांचवें, छठवें व सातवें चरण के मतदान कराने रायबरेली, हरदोई और आजमगढ़ ड्यूटी पर गया था. 28 मई को सिपाही अमित कुमार वापस लौटा. फिर, बाह थाना से पिस्टल और 10 कारतूस सिपाही अमित कुमार को यह कहकर सौंपे गए कि, चौकी प्रभारी राजबाबू यादव को दे दे. इसका भी तस्करा भी थाने की जीडी में है.
सिपाही पिस्टल लगाकर घूमता था : निलंबित चौकी इंचार्ज राजबाबू यादव का कहना है कि, निलंबित सिपाही अमित कुमार ने उन्हें पिस्टल नहीं दी. उनसे कहा था कि, पिस्टल चीता के लिए आवंटित हुई है. सिपाही अमित कुमार ही पिस्टल लगाकर घूमता रहा. 10 जून तक पिस्टल सिपाही के पास देखी. वह एक कार्यक्रम में गया और छुट्टी से वापस लौटा तो परेशान था. फिर, 22 जून से सिपाही गैर हाजिर है.
गबन का मुकदमा करके वेतन से होगी वसूली : डीसीपी पूर्वी अतुल कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की जांच एसीपी बाह गौरव सिंह कर रहे हैं. प्रारंभिक जांच में गैरहाजिर सिपाही अमित कुमार को गलत तरीके से जीडी में तस्करा डालकर पिस्टल देने की बात सामने आई है. इस मामले में चौकी इंचार्ज बटेश्वर राजबाबू यादव और सिपाही अमित कुमार को निलंबित कर दिया गया है. यदि पिस्टल नहीं मिली तो इस मामले में कई और पुलिस कर्मी फंसेंगे. रिपोर्ट के आधार पर गबन का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. जो भी पुलिसकर्मी इस मामले में दोषी होंगे. पिस्टल की कीमत उनके वेतन से काटी जाएगी. इसके साथ ही विभागीय जांच के बाद भी दंड भी मिलेगा.
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