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जयपुर में बारिश से बिगड़े हालात के बाद अधिकारी उतरे सड़क पर, ड्रेनेज सिस्टम होगा अपग्रेड - Officials visited Jaipur city

राजधानी जयपुर में इस बार पिछले दस साल की सर्वाधिक बारिश हुई. इसके चलते शहर में जगह जगह पानी भर गया. जलभराव से शहर का जनजीवन प्रभावित हुआ. राजधानी के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों की एक टीम ने शनिवार को शहर का दौरा किया.

Officials visited Jaipur city
यूडीएच अधिकारियों ने किया शहर का दौरा (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 17, 2024, 3:36 PM IST

यूडीएच अधिकारियों ने किया शहर का दौरा (Video ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजधानी में बारिश से बिगड़े हालात का जायजा लेने के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के तमाम अधिकारी शनिवार को एक साथ शहर के दौरे पर निकले. इस दौरान शहर के जल भराव वाले स्थानों, बारिश से उधड़ी सड़कों और सीवर की समस्याओं से दो-चार हो रहे शहरवासियों को त्वरित समाधान के लिए इंजीनियरों को निर्देश दिए. यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकर टेबल वर्क कर उसे धरातल पर उतारने की बात कही.

राजधानी में इस बार मेघ इस कदर बरसे कि शहर के ड्रेनेज सिस्टम की बखिया उधड़ गई. शहर के दिल्ली रोड, रामगढ़ मोड़, जल महल, सीकर रोड, अजमेर रोड, झालाना, नंदपुरी अंडरपास, गोपालपुरा बायपास, महारानी फार्म तमाम जगहों पर जल भराव की स्थिति बनी. इससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. यही नहीं लाल डूंगरी में तो घर, मंदिर और वाहन सभी मिट्टी में समा गए.

पढ़ें:PHED शासन सचिव ने तड़के 4 बजे किया शहर का दौरा, पेयजल सप्लाई का लिया जायजा, कई बूस्टर जब्त

ड्रेनज सिस्टम का लिया जायजा: शहर की तस्वीरें देखने के बाद यूडीएच मंत्री और मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अमले को फटकार लगाई. इसके बाद बारिश के बिगड़े हालात देखने के लिए शनिवार को यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत की अगुवाई में निगम, जेडीए, जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस के तमाम आलाधिकारी एक साथ बस में बैठकर शहर के दौरे पर निकले. इस दौरान शहर की सफाई व्यवस्था, जल भराव की समस्या और वर्षा से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का जायजा लिया.

officials visited jaipur
बारिश ने ड्रेनेज सिस्टम की उधेड़ी बखिया (Photo ETV Bharat Jaipur)

ड्रेनेज सिस्टम की कैपेसिटी बढ़ाने की जरूरत :यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने बताया कि इस बार ज्यादा पानी आया है. इस कारण ड्रेनेज सिस्टम की कैपेसिटी बढ़ाने की जरूरत है. इंजीनियर को निर्देश दिए हैं कि नालों की साइज का डायमीटर वापस से निर्धारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बारिश से पहले भी इस तरह के दौरे किए गए थे. मार्च महीने से ही नालों की सफाई का दौर शुरू हो गया था, लेकिन बीते 10 सालों में ऐसी बारिश नहीं हुई, जो इस बार हुई है. इसलिए कैपेसिटी कम पड़ रही है. उन्होंने कहा कि आज सभी डिपार्टमेंट को साथ लाए हैं, ताकि सिस्टम को रीडिजाइन किया जा सके और ड्रेनेज पर भी पूरा काम किया जा सके. अब सिस्टम को अपग्रेड करने का समय आ गया है और कोशिश यही रहेगी कि अगली बारिश में जयपुर शहर वासियों को इन समस्याओं से दो-चार ना होना पड़े. फिलहाल इन हालात से त्वरित समाधान के संबंध में इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं. आज के दौरे के बाद सभी अधिकारी दोबारा बैठेंगे. टेबल वर्क किया जाएगा. उसे फिर धरातल पर उतारा जाएगा.

यह भी पढ़ें:जयपुर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, लगा लंबा ट्रैफिक जाम, गाड़ियों में फंसे लोग

जयपुर के इन इलाकों का किया दौरा: अधिकारियों के दल ने शहर में नंदपुरी अंडरपास, झालाना बायपास, ट्रांसपोर्ट नगर, दिल्ली रोड, जल महल, जोरावर सिंह गेट, सुभाष चौक, बड़ी चौपड़, सी स्कीम, चौमूं पुलिया, सीकर रोड, अजमेर रोड, 200 फीट बायपास, न्यू सांगानेर रोड, शिप्रा पथ, महारानी फार्म, टोंक रोड होते हुए सीतापुरा तक का अवलोकन किया. इस दौरान जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल, हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अभिषेक सुराणा, ग्रेटर निगम कमिश्नर रुकमणी रियाड़, जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित सहित जेडीए, निगम और ट्रैफिक डिपार्टमेंट के कई अधिकारी और इंजीनियर्स भी मौजूद रहे. टी रविकांत ने नाले के प्रवाह में बसी बस्तियों और आवासों का चिह्नीकरण करने, नंदपुरी अंडरपास के लिए स्थायी समाधान ढूढने, खोले के हनुमान जी मंदिर में ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने, सीकर रोड पर विकसित किए जाने वाले ड्रेनेज फेज-I के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए.

साथ ही बीआरटीएस कॉरिडोर सहित सीकर रोड का नवीनीकरण करने, जल महल क्षेत्र का जलभराव की समस्या के समाधान के साथ विकास करने, ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में सड़क चौड़ी करने, सभी मुख्य सड़कों पर कर्व स्टोन की मरम्मत, ड्रेनेजेस वॉल की मरम्मत करने और करतारपुरा नाला में अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के भी निर्देश दिए. वहीं, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता से करने, सड़क पर बारिश से हुए गड्ढों को भरने और महारानी फार्म पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए. महारानी फार्म की पुलिया के लिए 6 करोड़ की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है. बारिश के बाद ये काम शुरू किया जाएगा.

यूडीएच अधिकारियों ने किया शहर का दौरा (Video ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजधानी में बारिश से बिगड़े हालात का जायजा लेने के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के तमाम अधिकारी शनिवार को एक साथ शहर के दौरे पर निकले. इस दौरान शहर के जल भराव वाले स्थानों, बारिश से उधड़ी सड़कों और सीवर की समस्याओं से दो-चार हो रहे शहरवासियों को त्वरित समाधान के लिए इंजीनियरों को निर्देश दिए. यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकर टेबल वर्क कर उसे धरातल पर उतारने की बात कही.

राजधानी में इस बार मेघ इस कदर बरसे कि शहर के ड्रेनेज सिस्टम की बखिया उधड़ गई. शहर के दिल्ली रोड, रामगढ़ मोड़, जल महल, सीकर रोड, अजमेर रोड, झालाना, नंदपुरी अंडरपास, गोपालपुरा बायपास, महारानी फार्म तमाम जगहों पर जल भराव की स्थिति बनी. इससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. यही नहीं लाल डूंगरी में तो घर, मंदिर और वाहन सभी मिट्टी में समा गए.

पढ़ें:PHED शासन सचिव ने तड़के 4 बजे किया शहर का दौरा, पेयजल सप्लाई का लिया जायजा, कई बूस्टर जब्त

ड्रेनज सिस्टम का लिया जायजा: शहर की तस्वीरें देखने के बाद यूडीएच मंत्री और मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अमले को फटकार लगाई. इसके बाद बारिश के बिगड़े हालात देखने के लिए शनिवार को यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत की अगुवाई में निगम, जेडीए, जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस के तमाम आलाधिकारी एक साथ बस में बैठकर शहर के दौरे पर निकले. इस दौरान शहर की सफाई व्यवस्था, जल भराव की समस्या और वर्षा से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का जायजा लिया.

officials visited jaipur
बारिश ने ड्रेनेज सिस्टम की उधेड़ी बखिया (Photo ETV Bharat Jaipur)

ड्रेनेज सिस्टम की कैपेसिटी बढ़ाने की जरूरत :यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने बताया कि इस बार ज्यादा पानी आया है. इस कारण ड्रेनेज सिस्टम की कैपेसिटी बढ़ाने की जरूरत है. इंजीनियर को निर्देश दिए हैं कि नालों की साइज का डायमीटर वापस से निर्धारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बारिश से पहले भी इस तरह के दौरे किए गए थे. मार्च महीने से ही नालों की सफाई का दौर शुरू हो गया था, लेकिन बीते 10 सालों में ऐसी बारिश नहीं हुई, जो इस बार हुई है. इसलिए कैपेसिटी कम पड़ रही है. उन्होंने कहा कि आज सभी डिपार्टमेंट को साथ लाए हैं, ताकि सिस्टम को रीडिजाइन किया जा सके और ड्रेनेज पर भी पूरा काम किया जा सके. अब सिस्टम को अपग्रेड करने का समय आ गया है और कोशिश यही रहेगी कि अगली बारिश में जयपुर शहर वासियों को इन समस्याओं से दो-चार ना होना पड़े. फिलहाल इन हालात से त्वरित समाधान के संबंध में इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं. आज के दौरे के बाद सभी अधिकारी दोबारा बैठेंगे. टेबल वर्क किया जाएगा. उसे फिर धरातल पर उतारा जाएगा.

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जयपुर के इन इलाकों का किया दौरा: अधिकारियों के दल ने शहर में नंदपुरी अंडरपास, झालाना बायपास, ट्रांसपोर्ट नगर, दिल्ली रोड, जल महल, जोरावर सिंह गेट, सुभाष चौक, बड़ी चौपड़, सी स्कीम, चौमूं पुलिया, सीकर रोड, अजमेर रोड, 200 फीट बायपास, न्यू सांगानेर रोड, शिप्रा पथ, महारानी फार्म, टोंक रोड होते हुए सीतापुरा तक का अवलोकन किया. इस दौरान जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल, हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अभिषेक सुराणा, ग्रेटर निगम कमिश्नर रुकमणी रियाड़, जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित सहित जेडीए, निगम और ट्रैफिक डिपार्टमेंट के कई अधिकारी और इंजीनियर्स भी मौजूद रहे. टी रविकांत ने नाले के प्रवाह में बसी बस्तियों और आवासों का चिह्नीकरण करने, नंदपुरी अंडरपास के लिए स्थायी समाधान ढूढने, खोले के हनुमान जी मंदिर में ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने, सीकर रोड पर विकसित किए जाने वाले ड्रेनेज फेज-I के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए.

साथ ही बीआरटीएस कॉरिडोर सहित सीकर रोड का नवीनीकरण करने, जल महल क्षेत्र का जलभराव की समस्या के समाधान के साथ विकास करने, ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में सड़क चौड़ी करने, सभी मुख्य सड़कों पर कर्व स्टोन की मरम्मत, ड्रेनेजेस वॉल की मरम्मत करने और करतारपुरा नाला में अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के भी निर्देश दिए. वहीं, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता से करने, सड़क पर बारिश से हुए गड्ढों को भरने और महारानी फार्म पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए. महारानी फार्म की पुलिया के लिए 6 करोड़ की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है. बारिश के बाद ये काम शुरू किया जाएगा.

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