जयपुर. गुजरात के राजकोट हादसे से सबक लेते हुए राजस्थान में सतर्कता बरतने के लिए स्वायत्त शासन विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं, जिसके तहत प्रदेश के सभी गेम जोन में सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर उन्हें दुरुस्त करवाया जाएगा. प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के आयुक्त और ईओ को गेम जोन का निरीक्षण कर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. लापरवाही बरतने वाले गेम जोन संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. ताकि राजस्थान में राजकोट जैसा हादसा ना हो. रविवार को जयपुर में चल रहे कई गेमिंग जोन में निगम की टीम ने जांच की को कई खामियां पाई गई, जिसके बाद टीम ने आधा दर्जन गेमिंग जोन को सील कर दिया गया.
स्वायत्त विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी निकायों के आयुक्त और ईओ को जल्द से जल्द अपने क्षेत्रों में चल रहे गेम जोन्स का निरीक्षण करने के लिए टीमें गठित कर, इस पूरे काम की मॉनिटरिंग करनी होगी. चूंकि गेम जोन में बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर वीकेंड पर अपने परिवारों के साथ जाते हैं. ऐसे में इन जगहों पर अग्निशमन के साथ अन्य व्यवस्थाओं को पुख्ता रखने की संचालक की जिम्मेदारी होगी. साथ ही निकाय अधिकारियों पर भी इन व्यवस्थाओं की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी.
स्वायत्त शासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि कमाई के लालच में किसी के जीवन से खिलवाड़ को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में यदि किसी गेम जोन में सुरक्षा व्यवस्थाओं में लापरवाही सामने आती है, तो संबंधित संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं.
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आधा दर्जन गेमिंग जोन सील : इससे पहले रविवार को जयपुर में चल रहे गेमिंग जोन की भी निगम की टीम जांच करने के निकली. जहां खामियां ही खामियां नजर आईं. सुरक्षा मानकों को धता बताकर गेमिंग जोन में बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता हुआ मिला. किसी जोन में सेफ्टी के लिए लगा हॉज पाइप कोने में था तो कहीं मोटर से पानी चलाने पर उसमें धार नजर नहीं आई. यही नहीं, गेम जोन में ज्वलनशील मैटेरियल का उपयोग भी होता मिला. ज्यादातर जोन में फायर फाइटिंग सिस्टम ही काम नहीं कर रहे. ग्रेटर नगर निगम की अग्निशमन शाखा की ओर से शहर में करीब आधा दर्जन से ज्यादा गेमिंग जोन में निरीक्षण कर कमियां पाए जाने पर उन्हें सील कर दिया गया.
जयपुर में 25 से ज्यादा गेमिंग जोन : फायर समिति के चेयरमैन पारस जैन ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 25 से ज्यादा छोटे-बड़े गेम जोन चल रहे हैं. लेकिन एक भी गेम जोन ऐसा नहीं है, जो सुरक्षा के सभी मानकों को पूरे करते हों. अधिकतर गेम जोन ऐसे हैं, जहां 20 फीसदी भी मानक पूरे नहीं किए जा रहे हैं. जबकि वीकेंड पर यहां बच्चों के लिए विशेष ऑफर निकाले जा रहे हैं. और क्षमता से अधिक बच्चों को भरा जा रहा है. ऐसे में संचालक बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं. इन गेम जोन पर अभियान चलाकर सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी.