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हाई कोर्ट के आदेश के बाद जयपुर जिले में चरागाह पर बने आशियानों पर चला बुलडोजर - Encroachment Removed in Jaipur

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

जयपुर जिले के मोरसर गांव में चरागाह भूमि पर बसे 53 आशियानों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद तहसील प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाया.

Encroachment Removed  in Jaipur
मोरसर गांव में मौजूद पुलिस बल और अतिक्रमण हटाती जेसीबी (Photo ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: जिले के सांभरलेक उपखंड क्षेत्र के मोरसर गांव में मंगलवार को तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कारवाई को अंजाम दिया. सुबह पुलिस प्रशासन ने चिह्नित घरों पर मकान खाली करने के नोटिस चस्पा किया. इसके बाद बाद लोगों की भीड़ जमा होने लगी और तहसील प्रशासन भी दलबल के साथ अतिक्रमण हटाने मोरसर गांव पहुंचा.भारी पुलिस बल के साथ सुबह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. जहां ग्रामीणों ने वर्षों पुराने पट्टे सहित अन्य दस्तावेज प्रशासन को दिखाए, लेकिन प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश को लेकर ग्रामीणों से आदेश की पालना करने में सहयोग की मांग की. प्रशासन ने कच्चे और पक्के निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया.

चरागाह पर बने आशियानों पर चला बुलडोजर (Video ETV Bharat Jaipur)

तहसीलदार कृष्ण शर्मा ने बताया कि सांभरलेक उपखंड क्षेत्र के मोरसर गांव में चरागाह भूमि पर काबिज 53 परिवारों के मकानों को अतिक्रमण मानते हुए हाईकोर्ट के आदेश की पालना में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. यहां मंगलवार को पुलिस बल के साथ तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई.

पढ़ें: जेडीए ने 10 बीघा भूमि पर चार अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को किया विफल

ग्रामीणों ने किया विरोध: अतिक्रमण हटाने आए अधिकारियों से स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए कहा कि वर्षों से बसे लोगों को बेघर करने की प्रशासन की कार्रवाई गलत है. सरकार से अतिक्रमण हटाने से पहले उनके पुनर्वास करने की मांग की. यहां अधिकारियों ने उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शाम तक चली. तीन जेसीबी से लगभग दो बीघा चरागाह भूमि में हुए अतिक्रमण को हटाया गया.

ग्रामीणों ने की पुनर्वास की मांग: चरागाह भूमि पर बसे दिलीप सिंह ने बताया कि उनके पूर्वज भी यहां बसे हुए थे और उनके पास ग्राम पंचायत के वर्षों पुराने पट्टे भी बने हुए हैं. उन्हीं के आधार पर बिजली, पानी के कनेक्शन हुए राशन कार्ड, आधार कार्ड और पीएम आवास योजना में घर भी बने हुए हैं. अब प्रशासन ने अतिक्रमण मानते हुए बेदखल करने की कार्रवाई की है. सरकार से भी लोगों ने उनके पुनर्वास या जगह को आबादी में तब्दील करने की मांग की है. यहां अधिकारियों ने भी उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

ये अधिकारी रहे मौजूद: मोरसर गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान सांभरलेक उपखंड अधिकारी महेंद्र कुमार यादव, तहसीलदार कृष्णा शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजमोहन, एससी एसटी सेल पुलिस उपाधीक्षक, माधोराजपुरा पुलिस उपाधीक्षक पार्थ, नरेना थानाधिकारी दिलीप सिंह, नायब तहसीलदार गंगा बिशन गुजराती, 8 ग्राम पंचायत के पटवारी सांभर लेक, नरेना, फुलेरा पुलिस थाने सहित सैंकड़ों पुलिस के जवान भी तैनात रहे.

जयपुर: जिले के सांभरलेक उपखंड क्षेत्र के मोरसर गांव में मंगलवार को तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कारवाई को अंजाम दिया. सुबह पुलिस प्रशासन ने चिह्नित घरों पर मकान खाली करने के नोटिस चस्पा किया. इसके बाद बाद लोगों की भीड़ जमा होने लगी और तहसील प्रशासन भी दलबल के साथ अतिक्रमण हटाने मोरसर गांव पहुंचा.भारी पुलिस बल के साथ सुबह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. जहां ग्रामीणों ने वर्षों पुराने पट्टे सहित अन्य दस्तावेज प्रशासन को दिखाए, लेकिन प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश को लेकर ग्रामीणों से आदेश की पालना करने में सहयोग की मांग की. प्रशासन ने कच्चे और पक्के निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया.

चरागाह पर बने आशियानों पर चला बुलडोजर (Video ETV Bharat Jaipur)

तहसीलदार कृष्ण शर्मा ने बताया कि सांभरलेक उपखंड क्षेत्र के मोरसर गांव में चरागाह भूमि पर काबिज 53 परिवारों के मकानों को अतिक्रमण मानते हुए हाईकोर्ट के आदेश की पालना में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. यहां मंगलवार को पुलिस बल के साथ तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई.

पढ़ें: जेडीए ने 10 बीघा भूमि पर चार अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को किया विफल

ग्रामीणों ने किया विरोध: अतिक्रमण हटाने आए अधिकारियों से स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए कहा कि वर्षों से बसे लोगों को बेघर करने की प्रशासन की कार्रवाई गलत है. सरकार से अतिक्रमण हटाने से पहले उनके पुनर्वास करने की मांग की. यहां अधिकारियों ने उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शाम तक चली. तीन जेसीबी से लगभग दो बीघा चरागाह भूमि में हुए अतिक्रमण को हटाया गया.

ग्रामीणों ने की पुनर्वास की मांग: चरागाह भूमि पर बसे दिलीप सिंह ने बताया कि उनके पूर्वज भी यहां बसे हुए थे और उनके पास ग्राम पंचायत के वर्षों पुराने पट्टे भी बने हुए हैं. उन्हीं के आधार पर बिजली, पानी के कनेक्शन हुए राशन कार्ड, आधार कार्ड और पीएम आवास योजना में घर भी बने हुए हैं. अब प्रशासन ने अतिक्रमण मानते हुए बेदखल करने की कार्रवाई की है. सरकार से भी लोगों ने उनके पुनर्वास या जगह को आबादी में तब्दील करने की मांग की है. यहां अधिकारियों ने भी उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

ये अधिकारी रहे मौजूद: मोरसर गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान सांभरलेक उपखंड अधिकारी महेंद्र कुमार यादव, तहसीलदार कृष्णा शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजमोहन, एससी एसटी सेल पुलिस उपाधीक्षक, माधोराजपुरा पुलिस उपाधीक्षक पार्थ, नरेना थानाधिकारी दिलीप सिंह, नायब तहसीलदार गंगा बिशन गुजराती, 8 ग्राम पंचायत के पटवारी सांभर लेक, नरेना, फुलेरा पुलिस थाने सहित सैंकड़ों पुलिस के जवान भी तैनात रहे.

Last Updated : 2 hours ago
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