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राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद बोले बागड़े- शिक्षा का व्यवसायीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, कठोर कार्रवाई होगी - Rajasthan New Governor Oath

राज्यपाल पद की शपथ लेने के साथ हरिभाऊ किसनराव बागड़े बुधवार को राजभवन में मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि राजस्थान में उच्च शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Governor Haribhau Kisanrao Bagde
राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 31, 2024, 8:06 PM IST

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : शिक्षा का व्यवसायीकरण पर अब शिकंजा कसा जाएगा. राज्यपाल पद की शपथ लेने के साथ ही हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए, किसी तरह की शिकायत आई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. जो भी गलतियां जानबूझकर करेंगे उनको नही छोड़ेंगे, शिक्षा के क्षेत्र में तो कभी गलती को माफ नहीं करनी चाहिए. बागड़े ने कहा कि राजस्थान में उच्च शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास किए जाएंगे. उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकास के लिए कार्य होंगे. कुलाधिपति के रूप में प्रयास रहेगा कि राजस्थान के विश्वविद्यालय पूरे देश में और विश्वभर में रैंकिंग में आगे रहें.

महाराष्ट्र और राजस्थान का एक निकट का नाता : राज्यपाल बागड़े ने कहा कि महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजी नगर में और दूसरे स्थानों पर बहुत से राजस्थानी रहते हैं. महाराष्ट्र और राजस्थान का एक निकट का नाता बना हुआ है. प्रयास करेंगे कि दोनों के रिश्तों में मिलजुलकर सहकारिता की सोच की तहत राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कार्य किया जाए. दुग्ध व्यवसाय से भी उनका निकट का नाता रहा है. गरीब लोगों को, जिनके पास खेती भी नहीं है, उनके लिए यह व्यवसाय बहुत लाभकारी हो सकता है. ऐसे लोगों को दुग्ध व्यवसाय में आगे बढ़ाने के लिए कार्य होगा.

पढ़ें. हरिभाऊ किसनराव बागड़े बने राजस्थान के राज्यपाल, राजभवन में ली शपथ

युवाओं को कृषि और पारंपरिक व्यवसायों से जोड़ा जाए : उन्होंने कहा कि ओलंपिक में कईं सालों से भारतीय खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ओलंपिक में भारत का नाम हो, इसके लिए खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जाएगा. इसके साथ राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उद्यमिता को प्रोत्साहन देने वाले पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देकर कार्य करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि और पारंपरिक व्यवसायों के लिए कौशल विकास से जोड़ा जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालयों में उद्योगों से समन्वय कर सीएसआर के तहत युवाओं को लाभान्वित करने की दिशा में काम किया जाएगा. जनजातीय क्षेत्रों में सहकारिता आंदोलन कैसे गति पकड़े, इसके लिए विशेष प्रयास करेंगे.

शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं हो : उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के रूप में शिक्षा के व्यवसायीकरण और निजी क्षेत्र के अंतर्गत शिक्षा की अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. संविधान के लिए राजस्थान में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कलराज मिश्र ने किए हैं. संविधान सर्वोच्च है, इस सोच के साथ युवाओं को देश के प्रति कर्तव्य बोध रहने की दिशा में भी निरंतर कार्य होगा. कृषि क्षेत्र और सहकारिता क्षेत्र में राजस्थान महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. प्रयास रहेगा कि इन क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों का जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रो में विषेष क्रियान्वयन किया जाए.

बागड़े ने कहा कि गौरवशाली परम्पराओं और देश के पहले स्वाधीनता सेनानी महाराणा प्रताप की आन-बान और शान की इस धरती पर राज्यपाल के रूप में कार्य करने का अवसर मिला है. 'मैं शिवाजी महाराज की गौरव भूमि महाराष्ट्र से आया हूं, जिस परिवेश में पला-बढ़ा हूं, उसके अंतर्गत जनता से सदा सीधे सरोकार रहा है. राजनीति में इसी उद्देश्य से आना हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र में जन-कल्याण के लिए अपने को समर्पित करूं'.

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : शिक्षा का व्यवसायीकरण पर अब शिकंजा कसा जाएगा. राज्यपाल पद की शपथ लेने के साथ ही हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए, किसी तरह की शिकायत आई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. जो भी गलतियां जानबूझकर करेंगे उनको नही छोड़ेंगे, शिक्षा के क्षेत्र में तो कभी गलती को माफ नहीं करनी चाहिए. बागड़े ने कहा कि राजस्थान में उच्च शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास किए जाएंगे. उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकास के लिए कार्य होंगे. कुलाधिपति के रूप में प्रयास रहेगा कि राजस्थान के विश्वविद्यालय पूरे देश में और विश्वभर में रैंकिंग में आगे रहें.

महाराष्ट्र और राजस्थान का एक निकट का नाता : राज्यपाल बागड़े ने कहा कि महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजी नगर में और दूसरे स्थानों पर बहुत से राजस्थानी रहते हैं. महाराष्ट्र और राजस्थान का एक निकट का नाता बना हुआ है. प्रयास करेंगे कि दोनों के रिश्तों में मिलजुलकर सहकारिता की सोच की तहत राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कार्य किया जाए. दुग्ध व्यवसाय से भी उनका निकट का नाता रहा है. गरीब लोगों को, जिनके पास खेती भी नहीं है, उनके लिए यह व्यवसाय बहुत लाभकारी हो सकता है. ऐसे लोगों को दुग्ध व्यवसाय में आगे बढ़ाने के लिए कार्य होगा.

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युवाओं को कृषि और पारंपरिक व्यवसायों से जोड़ा जाए : उन्होंने कहा कि ओलंपिक में कईं सालों से भारतीय खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ओलंपिक में भारत का नाम हो, इसके लिए खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जाएगा. इसके साथ राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उद्यमिता को प्रोत्साहन देने वाले पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देकर कार्य करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि और पारंपरिक व्यवसायों के लिए कौशल विकास से जोड़ा जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालयों में उद्योगों से समन्वय कर सीएसआर के तहत युवाओं को लाभान्वित करने की दिशा में काम किया जाएगा. जनजातीय क्षेत्रों में सहकारिता आंदोलन कैसे गति पकड़े, इसके लिए विशेष प्रयास करेंगे.

शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं हो : उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के रूप में शिक्षा के व्यवसायीकरण और निजी क्षेत्र के अंतर्गत शिक्षा की अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. संविधान के लिए राजस्थान में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कलराज मिश्र ने किए हैं. संविधान सर्वोच्च है, इस सोच के साथ युवाओं को देश के प्रति कर्तव्य बोध रहने की दिशा में भी निरंतर कार्य होगा. कृषि क्षेत्र और सहकारिता क्षेत्र में राजस्थान महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. प्रयास रहेगा कि इन क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों का जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रो में विषेष क्रियान्वयन किया जाए.

बागड़े ने कहा कि गौरवशाली परम्पराओं और देश के पहले स्वाधीनता सेनानी महाराणा प्रताप की आन-बान और शान की इस धरती पर राज्यपाल के रूप में कार्य करने का अवसर मिला है. 'मैं शिवाजी महाराज की गौरव भूमि महाराष्ट्र से आया हूं, जिस परिवेश में पला-बढ़ा हूं, उसके अंतर्गत जनता से सदा सीधे सरोकार रहा है. राजनीति में इसी उद्देश्य से आना हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र में जन-कल्याण के लिए अपने को समर्पित करूं'.

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