देहरादून: दिल्ली का प्रदूषण स्तर बढ़ने के चलते ग्रैप- 4 का प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसकी वजह से उत्तराखंड की बीएस- 4 श्रेणी की 194 डीजल बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पा रही थी. अब दिल्ली में पॉल्यूशन का स्तर कम होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप- 4 के प्रतिबंध को हटा दिया है. दरअसल, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को ग्रैप- 4 प्रतिबंध को हटाने की अनुमति दे दी है. ऐसे में उत्तराखंड की 194 बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिल गई है. इसके लिए परिवहन निगम के अधिकारियों ने दिल्ली सरकार से बातचीत की थी. दिल्ली सरकार से हरी झंडी मिलने पर आज से इन बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है.
दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-4 के प्रतिबंध हटे: दरअसल, दिल्ली में एयर पॉल्यूशन का स्तर बढ़ने की वजह से 20 दिन पहले दिल्ली सरकार ने बीएस- 4 श्रेणी की डीजल बसों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दिया था. इस वजह से उत्तराखंड की 194 बीएस- 4 बसों का संचालन बंद हो गया था. सिर्फ 310 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर किया जा रहा था. बसों की संख्या कम होने के चलते यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम को राहत मिली है. बता दें कि, ग्रैप- 4 के प्रावधानों के तहत ही बीएस-4 बसों पर रोक लगायी गयी थी.
अब दिल्ली में प्रवेश कर रही हैं उत्तराखंड की बीएस-4 बसें: सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को इस बाबत आदेश दिए हैं कि अगर एक्यूआई 401 के ऊपर जाता है तो ग्रैप- 3 और अगर एक्यूआई 450 के पार हो जाता है तो ग्रैप- 4 के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे. हालांकि, दिल्ली में अभी भी ग्रैप- 2 का प्रतिबंध लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड के तमाम डिपो में पिछले 20 दिनों से खड़ी परिवहन निगम की 194 बसों को दिल्ली भेजना शुरू कर दिया है.
बीएस-4 हैं 194 बसें: वहीं, उत्तराखंड के परिवहन सचिव ब्रजेश कुमार संत ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रैप- 4 के तहत लगाए गए बीएस- 4 की बसों का प्रतिबंध हट गया है. ऐसे में दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित आईएसबीटी के लिए उन बसों का संचालन दोबारा शुरू किया गया है, जो ग्रैप- 4 के दायरे में आ रही थीं.
बीएस-4 बसें क्या हैं? भारतीय ऑटो बाजार में बिकने वाली गाड़ियों में बीएस-4 इंजन आता है. इनके ईंधन में सल्फर की मात्रा अधिक होती है. इस कारण नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन अधिक होता है. BS-4 ईंधन से निकलने वाला धुआं वायु प्रदुषण का एक मुख्य कारण है. चूंकि दिल्ली और एनसीआर पहले से ही प्रदूषण के प्रभावित थे, तो इसलिए उत्तराखंड की बीएस-4 बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी.
ग्रैप (GRAP) क्या है? दिल्ली-NCR (National Capital Region) में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) तैयार किया गया है. इसमें 4 चरण बनाए गए हैं. इन चरणों के द्वारा कुछ आवश्यक प्रतिबंध लगाकर प्रदूषण कम करने का प्रयास किया जाता है. एक्यूआई (Air Quality Index) 200 के ऊपर जाने के बाद ग्रैप का पहला चरण लागू किया जाता है.
ग्रैप के कितने फेज होते हैं? ग्रैप के 4 फेज होते हैं, जो इस प्रकार हैं
- ग्रैप-1 तब लगाया जाता है, जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है.
- ग्रैप-2 को लागू तब किया जाता है, जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है.
- हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रैप-3 लगाया जाता है.
- एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर ग्रैप-4 लागू किया जाता है.
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