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नीतीश कुमार के बाद किसके हाथों में JDU की कमान? चुनाव से पहले एक्टिव हुए मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार 18-19 साल से बिहार की सत्ता संभाल रहे हैं. उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू होती है लेकिन उत्तर अबतक नहीं मिला है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 14, 2024, 7:27 PM IST

पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सूबे में नीतीश कुमार के बाद कौन सत्ता का चेहरा होगा. बिहार में नीतीश कुमार पिछले 18-19 साल से बिहार की सत्ता संभाल रहे हैं. समय-समय पर नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है. प्रशांत किशोर, उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह, तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं की चर्चा समय-समय पर होती रही है. पिछले दिनों मनीष वर्मा और श्रवण कुमार के नाम की भी चर्चा होने लगी थी. लेकिन नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी का उत्तर अबतक नहीं मिला है.

नीतीश कुमार को सब अपने साथ रखना चाहते हैं: नीतीश कुमार की इमेज एक ऐसे नेता की रही है जिसे जमीन पर जनता क्या चाहती है, ये पता होता है. बिजली आपूर्ति हो या माफियाओं को जेल भेजना या फिर शराबबंदी, नीतीश कुमार की पार्टी 20 साल से बिहार की सत्ता का केंद्र बनी हुई है तो उसके पीछे इन सबका महत्वपूर्ण रोल माना जाता है. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि इसका बड़ा कारण यह है कि नीतीश कुमार के विकल्प कि जब भी चर्चा होती है तब नीतीश कुमार ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. बीजेपी और राजद के नेता दोनों नीतीश कुमार को अपने साथ रखना चाहते हैं. नीतीश कुमार इसका फायदा उठाते हैं.

सीएम नीतीश कुमार का कौन होगा उत्तराधिकारी (ETV Bharat)

उत्तराधिकारी के रूप में कई नामों की होती रही चर्चा: बिहार में पिछले दो दशक से नीतीश कुमार सत्ता के केंद्र बिंदु में रहे हैं कई बार ऐसा लगा कि नीतीश कुमार अब राजनीति की अंतिम पारी खेल रहे हैं लेकिन एकाएक फिर से एक्टिव हो जाते हैं. 2015 के बाद से नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर कई नाम की चर्चा हुई प्रशांत किशोर जब जदयू में शामिल हुए थे तो उनके नाम की भी चर्चा होने लगी थी उपेंद्र कुशवाहा जब जदयू में वापसी किए थे तो उनके नाम की भी खूब जोर शोर से चर्चा थी है आरसीपी सिंह को तो नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान ही दे दी थी लेकिन आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी नहीं बन सके.

एनडीए में वापसी कर सभी को नीतीश ने चौंकाया: 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. उस समय कहा जाने लगा कि नीतीश कुमार अब अंतिम पारी खेल रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने एनडीए से महागठबंधन में पाला बदल लिया फिर महागठबंधन में जब तेजस्वी यादव के उत्तराधिकारी बनने की बात होने लगी तो नीतीश कुमार ने फिर से पाला बदलकर एनडीए में वापसी कर ली और लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के साथ वापसी कर मुख्यमंत्री की कुर्सी को भी सुरक्षित कर लिया.

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"जब जननायक कर्पूरी ठाकुर का निधन हुआ था उस समय कहा गया की पार्टी का क्या होगा, लेकिन मजबूती से आगे पार्टी चली. इसलिए जनता जिसे पसंद करेगी वह आगे काम करेंगे और अभी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अच्छे ढंग से शासन चला रहे हैं." -निहोरा यादव, प्रवक्ता जदयू

मनीष वर्मा की खूब हुई थी चर्चा: पिछले दिनों मनीष वर्मा को जब पार्टी में शामिल कराया गया तो उनके नाम की भी चर्चा होने लगी कि उत्तराधिकारी बनाया जाएगा उनके साथ श्रवण कुमार के नाम की भी चर्चा होती रही है लेकिन जब भी इस तरह की चर्चा होती है. नीतीश कुमार पहले से ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं और नीतीश के उत्तराधिकारी का मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

हमेशा सरकार चलाते रहे नीतीश: 2020 में जब नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर सिमट गए और बिहार में पहली बार तीसरे नंबर की पार्टी उनकी हो गई. कहा जाने लगा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक अब समाप्त हो जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में एनडीए के लिए बेहतर रिजल्ट देकर सबको चौंका दिया. देश में नीतीश कुमार ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री होंगे जिनकी पार्टी को कभी भी पिछले दो दशक में बहुमत नहीं मिला, लेकिन सहयोगी दलों के सहयोग से हमेशा सरकार चलाते रहे हैं. अब एक बार फिर से 2025 से 2030 तक उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात बीजेपी भी कह रही है. जदयू तो लगातार कहीं रही है ऐसे में नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी और विकल्प का मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया है.

"नीतीश कुमार अब टायर्ड हो चुके हैं. जनता में विश्वास खो चुके हैं. रिटायर्ड अधिकारी उनके नाम पर बिहार को चला रहे हैं. जनता का विश्वास अब तेजस्वी यादव पर है और नीतीश कुमार के बाद तेजस्वी यादव ही कमान संभालेंगे."-एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

नीतीश कब पाला बदल लेंगे यह कोई नहीं जानता है: वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है विकल्प की बात जब भी होती है तो नीतीश कुमार एक्टिव दिखने लगते हैं. कुछ ही दिनों में विकल्प का मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बीजेपी नीतीश कुमार को हमेशा मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करती रही है. इस बार भी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है. बीजेपी को डर लगता है कि कहीं नीतीश कुमार फिर से पालना बदल न लें दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव भी नीतीश कुमार को लेकर बहुत ही सधे तरीके से बोलते हैं. नीतीश कुमार कब पाला बदल लेंगे यह कोई नहीं जानता है.

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पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सूबे में नीतीश कुमार के बाद कौन सत्ता का चेहरा होगा. बिहार में नीतीश कुमार पिछले 18-19 साल से बिहार की सत्ता संभाल रहे हैं. समय-समय पर नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है. प्रशांत किशोर, उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह, तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं की चर्चा समय-समय पर होती रही है. पिछले दिनों मनीष वर्मा और श्रवण कुमार के नाम की भी चर्चा होने लगी थी. लेकिन नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी का उत्तर अबतक नहीं मिला है.

नीतीश कुमार को सब अपने साथ रखना चाहते हैं: नीतीश कुमार की इमेज एक ऐसे नेता की रही है जिसे जमीन पर जनता क्या चाहती है, ये पता होता है. बिजली आपूर्ति हो या माफियाओं को जेल भेजना या फिर शराबबंदी, नीतीश कुमार की पार्टी 20 साल से बिहार की सत्ता का केंद्र बनी हुई है तो उसके पीछे इन सबका महत्वपूर्ण रोल माना जाता है. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि इसका बड़ा कारण यह है कि नीतीश कुमार के विकल्प कि जब भी चर्चा होती है तब नीतीश कुमार ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. बीजेपी और राजद के नेता दोनों नीतीश कुमार को अपने साथ रखना चाहते हैं. नीतीश कुमार इसका फायदा उठाते हैं.

सीएम नीतीश कुमार का कौन होगा उत्तराधिकारी (ETV Bharat)

उत्तराधिकारी के रूप में कई नामों की होती रही चर्चा: बिहार में पिछले दो दशक से नीतीश कुमार सत्ता के केंद्र बिंदु में रहे हैं कई बार ऐसा लगा कि नीतीश कुमार अब राजनीति की अंतिम पारी खेल रहे हैं लेकिन एकाएक फिर से एक्टिव हो जाते हैं. 2015 के बाद से नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर कई नाम की चर्चा हुई प्रशांत किशोर जब जदयू में शामिल हुए थे तो उनके नाम की भी चर्चा होने लगी थी उपेंद्र कुशवाहा जब जदयू में वापसी किए थे तो उनके नाम की भी खूब जोर शोर से चर्चा थी है आरसीपी सिंह को तो नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान ही दे दी थी लेकिन आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी नहीं बन सके.

एनडीए में वापसी कर सभी को नीतीश ने चौंकाया: 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. उस समय कहा जाने लगा कि नीतीश कुमार अब अंतिम पारी खेल रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने एनडीए से महागठबंधन में पाला बदल लिया फिर महागठबंधन में जब तेजस्वी यादव के उत्तराधिकारी बनने की बात होने लगी तो नीतीश कुमार ने फिर से पाला बदलकर एनडीए में वापसी कर ली और लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के साथ वापसी कर मुख्यमंत्री की कुर्सी को भी सुरक्षित कर लिया.

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"जब जननायक कर्पूरी ठाकुर का निधन हुआ था उस समय कहा गया की पार्टी का क्या होगा, लेकिन मजबूती से आगे पार्टी चली. इसलिए जनता जिसे पसंद करेगी वह आगे काम करेंगे और अभी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अच्छे ढंग से शासन चला रहे हैं." -निहोरा यादव, प्रवक्ता जदयू

मनीष वर्मा की खूब हुई थी चर्चा: पिछले दिनों मनीष वर्मा को जब पार्टी में शामिल कराया गया तो उनके नाम की भी चर्चा होने लगी कि उत्तराधिकारी बनाया जाएगा उनके साथ श्रवण कुमार के नाम की भी चर्चा होती रही है लेकिन जब भी इस तरह की चर्चा होती है. नीतीश कुमार पहले से ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं और नीतीश के उत्तराधिकारी का मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

हमेशा सरकार चलाते रहे नीतीश: 2020 में जब नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर सिमट गए और बिहार में पहली बार तीसरे नंबर की पार्टी उनकी हो गई. कहा जाने लगा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक अब समाप्त हो जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में एनडीए के लिए बेहतर रिजल्ट देकर सबको चौंका दिया. देश में नीतीश कुमार ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री होंगे जिनकी पार्टी को कभी भी पिछले दो दशक में बहुमत नहीं मिला, लेकिन सहयोगी दलों के सहयोग से हमेशा सरकार चलाते रहे हैं. अब एक बार फिर से 2025 से 2030 तक उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात बीजेपी भी कह रही है. जदयू तो लगातार कहीं रही है ऐसे में नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी और विकल्प का मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया है.

"नीतीश कुमार अब टायर्ड हो चुके हैं. जनता में विश्वास खो चुके हैं. रिटायर्ड अधिकारी उनके नाम पर बिहार को चला रहे हैं. जनता का विश्वास अब तेजस्वी यादव पर है और नीतीश कुमार के बाद तेजस्वी यादव ही कमान संभालेंगे."-एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

नीतीश कब पाला बदल लेंगे यह कोई नहीं जानता है: वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है विकल्प की बात जब भी होती है तो नीतीश कुमार एक्टिव दिखने लगते हैं. कुछ ही दिनों में विकल्प का मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बीजेपी नीतीश कुमार को हमेशा मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करती रही है. इस बार भी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है. बीजेपी को डर लगता है कि कहीं नीतीश कुमार फिर से पालना बदल न लें दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव भी नीतीश कुमार को लेकर बहुत ही सधे तरीके से बोलते हैं. नीतीश कुमार कब पाला बदल लेंगे यह कोई नहीं जानता है.

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