लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की तरफ से ताबड़तोड़ जनसभाएं की जा रहीं हैं. चुनाव का आधा पड़ाव लगभग पूरा हो चुका है. अब चुनाव के चार चरण बाकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे ज्यादा जनसभाएं और रोड शो करने के लिए डिमांड आ रही है. वह दूसरे राज्यों में भी जनसभाएं कर रहे हैं.
बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच समन्वय बनाते हुए योगी के प्रचार करने से उम्मीदवारों को कितना फायदा मिलेगा, आदि विषयों पर मंथन के बाद देश के अन्य राज्यों में भी उन्हें प्रचार के लिए भेजा जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक-एक दिन में तीन-तीन जनसभाएं और शाम को या सुबह रोड शो भी करते हुए पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाते हुए नजर आ रहे हैं.
प्रत्याशी कर रहे डिमांड : दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था को लेकर किए गए काम के चलते उनकी बुलडोजर बाबा की छवि बन चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धार्मिक ध्रुवीकरण करने को लेकर भी जाने जाते हैं. कानून व्यवस्था, भगवा फायर ब्रांड, हिंदुत्व नेता गोरख पीठाधीश्वर संत के रूप में भी वह पहचान रखते हैं. प्रत्याशियों की तरफ से बीजेपी की केंद्रीय कार्यालय में योगी आदित्यनाथ की जनसभाएं और रोड शो करने की भारी डिमांड आ रही है.
पीएम नरेंद्र मोदी के बाद योगी लोकप्रिय नेता : अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसभाएं कर चुके हैं. अन्य राज्यों में भी उनके काफी संख्या में चुनाव प्रचार लगातार हो रहे हैं. करीब 30 जनसभाएं दूसरे राज्यों में आयोजित हो चुकी है. अभी भी करीब 200 से अधिक जनसभाएं उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाहरी राज्यों की लोकसभा सीटों पर उनकी डिमांड की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक के रूप में लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं. भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए सीएम योगी की जनसभाओं को अंतिम रूप देने का काम किया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर चुके हैं. आने वाले चरणों में भी उनकी जनसभाएं आयोजित किए जाने की लगातार तैयारी की जा रही है. उत्तर प्रदेश में भी पांचवें, छठवें और सातवें चरण के चुनाव में पूर्वांचल की कई लोकसभा सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्टार प्रचारक के रूप में जनसभाएं आयोजित करने के लिए पहले डिमांड की गई है. बीजेपी के प्रत्याशी उनकी जनसभाओं के सहारे अपनी चुनावी नय्या पार लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
सीएम योगी की धार्मिक ध्रुवीकरण पर नजर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन बाहरी राज्यों में लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार करते हैं. वहां के स्थानीय मुद्दे और वहां की सरकारों के कामकाज को टारगेट करते हुए वह चुनाव प्रचार करते हैं. दूसरे पार्टियों के शासित राज्यों में भी वह जमकर हमला बोलते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभाओं की डिमांड उन सीटों पर ज्यादा है, जहां धुव्रीकरण की संभावना अधिक रहती है, जहां राजपूत वोटर भी निर्णायक हैं. भाजपा के केंद्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी ने पश्चिम बंगाल में 4 से अधिक रैलियां की हैं. ये वो इलाके हैं, जो मुस्लिम बहुल और हिंसा प्रभावित रहे हैं.
कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी के गढ़ भी रहे हैं. जहां सीएम धुंवाधार चुनाव प्रचार करते हुए वोट मांगे. चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करते हुए नजर आए. अभी 10 से ज्यादा राज्यों में सीएम योगी की डिमांड है. दिल्ली, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश,राजस्थान, उत्तराखंड और असम में भी चुनावी रैलियां और रोड शो के कार्यक्रम तय किये जा रहे हैं.
भाजपा प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगी मॉडल की चर्चा पूरे भारत में खूब होती है. वह कहते हैं, कि यूपी कभी माफियाओं और गुंडागर्दी की पहचान और कर्मस्थली के रूप में जाना जाता था. आज कानून का डंडा और बाबा का बुलडोजर दहाड़ रहा है. इन मामलो में अब कार्रवाई हो रही है. इसलिए सीएम योगी की डिमांड है.