देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में केदारनाथ चुनाव के बाद प्रमोशन और ट्रांसफर की प्रक्रिया को शुरू की जाएगी. इसके तहत विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आईएफएस अफसर को जिम्मेदारी देने पर विचार किया जाएगा. वही लंबित डीपीसी भी की जाएगी. उधर अब प्रभारी डीएफओ (प्रभागीय वन अधिकारी) के लिए नई तैनाती वाले एसीएफ (सहायक वन संरक्षक) को भी मौका दिए जाने का फैसला किया गया है.
उत्तराखंड वन महकमे में एक बार फिर विभिन्न जिम्मेदारियों के लिए ट्रांसफर प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. इस दौरान कुछ मामूली बदलाव किए जाएंगे तो वहीं प्रमोशन की प्रक्रिया को भी शुरू की जाएगी. फिलहाल भारतीय वन सेवा के अधिकारियों में एपीसीसीएफ कपिल लाल का प्रमोशन होना है. माना जा रहा है कि इसके लिए चुनाव के बाद डीपीसी करवाई जा रही है. इसी तरह से सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक को भी चुनाव के बाद कराए जाने पर विचार किया जा रहा है. वहीं दिसंबर महीने में पीसीसीएफ अफसर विजय कुमार रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में दिसंबर महीने में एक पद खाली हो जाएगा. जिसके बाद कपिल लाल को पीसीसीएफ पद पर प्रमोशन का रास्ता खुल जाएगा.
ऐसा इसलिए क्योंकि विभिन्न पदों पर अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव के लिए चर्चा चल रही है और विभाग में होने वाले तबादलों को भी चुनाव के बाद ही सीएसबी की बैठक के साथ अमलीजामा पहनाया जाएगा. उधर दूसरी तरफ प्रभारी डीएफओ बनाए जाने के लिए भी प्रयास तेज कर दिए गए हैं और जल्द ही विभाग के स्तर पर इसको लेकर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा. खास बात यह है कि अब सीनियरिटी के आधार पर ही डीएफओ की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया है. इसके चलते अब नई नियुक्ति वाले एसीएफ भी इस तैनाती में शामिल हो गए हैं.
यानी वन विभाग अब प्रभारी डीएफओ के लिए जो कसरत कर रहा है. उसमें सीनियरिटी के आधार पर ही तैनाती दी जाएगी. इस तरह नईं नियुक्ति वाले एसीएफ को भी मौका मिल जाएगा. हालांकि इन्हें कुछ खास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. वन मंत्री सुबोध उनियाल से इस मामले पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जल्द इस मामले में प्रक्रिया चलने की पुष्टि की.
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