उदयपुर. एक ओर मरुधरा में जहां भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से लोग बेहाल हैं तो वहीं दूसरी ओर अब गर्मी की वजह से डूंगरपुर के बाद उदयपुर में भी बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. बीते दो दिन की बात करें तो उदयपुर में 500 से ज्यादा चमगादड़ों मौत हुई है. इसको लेकर पशुपालन विभाग की ओर से अब जांच शुरू कर दी है. वहीं, इससे पहले डूंगरपुर में 300 से अधिक चमगादड़ों की मौत हो गई थी.
पशुपालन विभाग ने शुरू की जांच : मरुधरा में पारा अर्धशतक लगा चुका है. आलम यह है कि कोई भी शख्स बिना जरूरी काम के घर से बाहर निकलने से भी कतरा रहा है. इस बीच बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत ने पशुपालन विभाग की चिंताएं बढ़ा दी है. पहले डूंगरपुर में 300 चमगादड़ों की मौत का मामला सामने आए. उसके बाद अब उदयपुर में 500 से अधिक चमगादड़ों की पिछले दो दिनों में मौत हुई है. दरअसल, उदयपुर की मेनार गांव में बड़ी संख्या में चमगादड़ों के मरने की सूचना मिलने के बाद पशुपालन व वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
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पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने बताया कि पशुपालन विभाग के डॉ. नवीन शर्मा और प्रभारी पशु चिकित्सालय स्टाफ व भींडर के क्षेत्रीय वन अधिकारी कैलाश मेनारिया ने घटनास्थल का मुआयना किया. इसके बाद चमगादड़ों की मौत कैसे हुई और इसके पीछे के कारणों को जानने के लिए जांच शुरू कर दी गई है. क्षेत्रीय वन अधिकारी कैलाश मेनारिया ने बताया कि उदयपुर में पिछले दिनों में करीब 500 से अधिक चमगादड़ों की मौत हुई है. ऐसे में घटना की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने क्षेत्रीय पशु रोग निदान केंद्र उदयपुर के उपनिदेशक डॉ. लज्जाराम मीणा और वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी को मौके पर भेजकर मौत के कारण का पता लगाने का निर्देश दिया है.
वहीं, पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्रथम दृष्ट्या हीट स्ट्रोक से मौत होने की बात सामने आ रही है. बावजूद इसके चार चमगादड़ों के सैंपल राष्ट्रीय उच्च पशुरोग संस्थान भोपाल को भेजे गए हैं. साथ ही पशुपालन विभाग के डॉ. नवीन शर्मा के नेतृत्व एक टीम गठित की गई है, जो घटनास्थल पर रहकर आगे की जांच करेगी. वन विभाग के उप वन संरक्षक अजय चितौड़ा ने मौके से आवश्यक जानकारी एकत्रित की है. साथ ही मृत चमगादड़ों को वैज्ञानिक विधि से दफना दिया गया है.
डूंगरपुर में 300 से अधिक चमगादड़ों की हुई थी मौत : बता दें कि इससे पहले डूंगरपुर में भी 300 से ज्यादा चमगादड़ों की मौत का मामला सामने आया था. उसके बाद पशुपालन विभाग की टीम ने इस पूरे मामले की जांच की शुरू की.