बीकानेर: राज्य में संचालित सरकारी स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों और कर्मियों के समायोजन की तस्वीर अब साफ हो गई है. यह प्रक्रिया गत 25 नवंबर को शुरू हुई थी. अब सामने आए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 35 हजार 794 शिक्षक और कार्मिक सरप्लस है. इनका अब दूसरे रिक्त पदों पर पदस्थापन किया जाएगा. शुक्रवार को इन सरप्लस हुए शिक्षकों और कार्मिकों का पदस्थापन कर दिया जाएगा.
इस बार शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को 14 दिसंबर को शुरू होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले पूरी करने की तैयारी करने का निर्णय किया. ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में प्रदेश के हजारों रिक्त पड़े पदों पर सरप्लस शिक्षकों को पदस्थापित कर दिया जाएगा. इस बार काउंसलिंग की प्रक्रिया के बिना ही सीधे पदस्थापन आदेश करने को लेकर शिक्षक संगठनों में रोष है. शिक्षक संगठनों ने अपनी बात को शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशक तक पहुंचा है और वार्ता भी की है. ऐसे में अब शिक्षक संगठन प्रक्रिया का पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं.
गाइडलाइन बनाई: विभाग से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि पूरी प्रक्रिया के लिए एक गाइडलाइन तैयार की गई है और उसी के अनुरूप पूरी प्रक्रिया की जाएगी. एक दिन पहले विभाग ने सभी संयुक्त निदेशकों को दोबारा पत्र भेजकर प्रक्रिया की गाइडलाइन को पूरी तरह से फॉलो करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी प्रकार की कोई गलती और कोताही नहीं हो.
इस कारण हुए सरप्लस : असल में प्रदेश के स्कूलों के क्रमोन्नत होने और महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के खुलने के बाद पहले से संचालित स्कूलों के शिक्षक अधिशेष हो गए. अब समान रूप से सभी स्कूलों में शिक्षकों को लगाने के लिए प्रक्रिया को किया जा रहा है.इतना ही नहीं अब भी राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मियों के ढेरों पद रिक्त पड़े हैं. ऐसे में जहां रिक्त पद हैं, वहां सरप्लस शिक्षकों और कर्मचारियों को पदस्थापित किया जाएगा.
श्रीगंगानगर में हो रही प्रक्रिया: मंडल स्तर पर संयुक्त निदेशक के स्तर पर इस प्रक्रिया को किया जा रहा है, लेकिन बीकानेर में संयुक्त निदेशक मुख्यालय होने के बावजूद इस प्रक्रिया को लेकर गंगानगर में कैंप किया गया है. शिक्षक संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है और उनका कहना है कि जब मुख्यालय बीकानेर है तो श्रीगंगानगर में प्रक्रिया क्यों की जा रही है. हालांकि, शिक्षक संगठनों ने साफ कर दिया है कि गाइडलाइन के अलावा अगर प्रक्रिया में किसी भी तरह का पदस्थापन किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा.