हजारीबाग: झारखंड का शिमला कहा जाने वाला हजारीबाग इन दिनों गर्म हवाओं की चपेट में है. हजारीबाग का तापमान शायद ही कभी 45 डिग्री को पार कर पाया हो, लेकिन इस बार यह रिकॉर्ड टूट गया है. स्थिति ऐसी है कि आम लोगों से लेकर जानवर तक परेशान हैं.
बढ़ते तापमान को देखते हुए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. डॉक्टर भी कह रहे हैं कि जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें. शीतल पेय का अधिक सेवन करें. बुधवार को हजारीबाग का अधिकतम तापमान 45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. गुरुवार को भी राहत की कोई उम्मीद नहीं है. इस बीच मौसम विभाग ने लू को लेकर अलर्ट जारी किया है.
बिना काम न निकलें घर से बाहर
हजारीबाग जिला प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी कर कहा है कि जरूरी काम हो तभी घर से बाहर निकलें और एहतियात बरतें. बढ़ती गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. चुरचू उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर मेघा सिन्हा ने कहा कि जब भी घर से बाहर निकलें तो खूब पानी पीएं. हो सके तो ओआरएस का घोल साथ रखें. डायरिया होने या बेचैनी महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें.
स्थानीय लोगों का भी यह कहना है कि हजारीबाग को झारखंड का शिमला कहा जाता था. पिछले कुछ सालों में यहां का तापमान काफी बढ़ गया है. इसकी वजह पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है. हजारीबाग का तापमान कभी 45 डिग्री तक नहीं पहुंचा था, लेकिन इस बार वह रिकॉर्ड भी टूट गया है. हर किसी की जिंदगी पर भी असर पड़ रहा है. हाल के दिनों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने हजारीबाग के मौसम को प्रभावित किया है. अंग्रेजों के जमाने में शिमला कहलाने वाला जिला 45 डिग्री तापमान का सामना कर रहा है.
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