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उत्तराखंड में अपराध नियंत्रण में खराब परफॉर्मेंस ACR पर डालेगी असर, इन दो IPS को मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी - Uttarakhand Police Review Meeting

Major decisions of Uttarakhand Police Review Meeting उत्तराखंड सरकार राज्य को 2025 तक ड्रग्स और अपराध मुक्त बनाना चाहती है. इसके लिए कई प्रयास हो रहे हैं. अब पुलिस विभाग में दो आईपीएस अफसरों को अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था संभालने के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही आपराधिक घटनाओं को लेकर खराब परफॉर्मेंस वाले पुलिस अफसरों की ACR में प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज होगी. और क्या नई बातें पुलिस मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक में निकल कर आईं, पढ़ें इस खबर में.

Uttarakhand Police Review Meeting
उत्तराखंड पुलिस समाचार (Photo- Police Department)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 12, 2024, 7:42 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से नए प्रयोग भी किये जा रहे हैं और निर्देश भी जारी हुए हैं. इस कड़ी में आपराधिक मामलों पर खराब परफॉर्मेंस के लिए ACR में प्रतिकूल प्रविष्टि किए जाने की भी चेतावनी जारी हुई है. पुलिस मुख्यालय में इसको लेकर समीक्षा बैठक की गई, जिसमें अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी हुए.

दो आईपीएस अफसरों को नई जिम्मेदारी: उत्तराखंड पुलिस विभाग में दो आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है. इसके तहत आईपीएस अधिकारी विमी सचदेवा को पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मॉडर्नाइजेशन की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. नीलेश आनंद भरणे को पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस विभाग नए प्रयोग कर रहा है. साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर दिशा निर्देश भी जारी हो रहे हैं. पुलिस मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान विभिन्न अपराधों को लेकर निर्देश जारी हुए साथ ही जिम्मेदारी भी तय की गई.

अपराध नियंत्रण में लापरवाही पड़ेगी भारी: बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि अपराध नियंत्रण के लिए थाना अध्यक्ष और संबंधित क्षेत्राधिकारी द्वारा लापरवाही बरते जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बड़े अधिकारियों की ACR (Annual Confidential Report) में प्रतिकूल प्रविष्टि भी की जाएगी. इसके तहत गंभीर अपराधों में जिनमें चोरी, चेन लूट और डकैती जैसी घटनाओं के अनावरण में 90% और चोरी या लूटी गई संपत्ति की 70% से ज्यादा बरामदगी के भी निर्देश दिए गए.

इस तरह होगी समीक्षा: जिला स्तर पर 3 साल के गंभीर अपराधों हत्या, लूट, डकैती और वाहन चोरी जैसे अपराधों की समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए गए. इसमें तमाम जनपद प्रभारियों के आपराधिक आंकड़ों का विश्लेषण करने और अपराधों का अनावरण किये जाने के लिए प्लान ऑफ एक्शन तैयार करने के निर्देश दिए गए. महिला अपराध पर नियंत्रण के लिए भी आदेश दिए गए. इसमें स्कूल, कॉलेज में पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences) के प्रति जागरूकता बढ़ाने और एक एजुकेशन मॉडल तैयार किए जाने के लिए कहा गया.

साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम: साइबर अपराध के लिए भी विवेचना में तेजी लाने और प्रशिक्षित निरीक्षकों की नियुक्ति किए जाने समेत जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने के लिए भी कहा गया है. इसके साथ ही ड्रग्स और मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए NCRB (National Crime Records Bureau) के सैटेलाइट डाटा लेकर अवैध अफीम, चरस की खेती को नष्ट किए जाने के निर्देश दिए गए. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर यातायात प्रबंधन के लिए भी ध्यान देने के लिए कहा गया और यातायात प्रबंधन के लिए मैन पावर का आकलन करने के लिए निर्देश दिए गए.
ये भी पढ़ें: सीएम के बाद अपराधियों को उत्तराखंड DGP का अल्टीमेटम, अब गोलियों से बात करेगी पुलिस

देहरादून: उत्तराखंड में अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से नए प्रयोग भी किये जा रहे हैं और निर्देश भी जारी हुए हैं. इस कड़ी में आपराधिक मामलों पर खराब परफॉर्मेंस के लिए ACR में प्रतिकूल प्रविष्टि किए जाने की भी चेतावनी जारी हुई है. पुलिस मुख्यालय में इसको लेकर समीक्षा बैठक की गई, जिसमें अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी हुए.

दो आईपीएस अफसरों को नई जिम्मेदारी: उत्तराखंड पुलिस विभाग में दो आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है. इसके तहत आईपीएस अधिकारी विमी सचदेवा को पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मॉडर्नाइजेशन की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. नीलेश आनंद भरणे को पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस विभाग नए प्रयोग कर रहा है. साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर दिशा निर्देश भी जारी हो रहे हैं. पुलिस मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान विभिन्न अपराधों को लेकर निर्देश जारी हुए साथ ही जिम्मेदारी भी तय की गई.

अपराध नियंत्रण में लापरवाही पड़ेगी भारी: बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि अपराध नियंत्रण के लिए थाना अध्यक्ष और संबंधित क्षेत्राधिकारी द्वारा लापरवाही बरते जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बड़े अधिकारियों की ACR (Annual Confidential Report) में प्रतिकूल प्रविष्टि भी की जाएगी. इसके तहत गंभीर अपराधों में जिनमें चोरी, चेन लूट और डकैती जैसी घटनाओं के अनावरण में 90% और चोरी या लूटी गई संपत्ति की 70% से ज्यादा बरामदगी के भी निर्देश दिए गए.

इस तरह होगी समीक्षा: जिला स्तर पर 3 साल के गंभीर अपराधों हत्या, लूट, डकैती और वाहन चोरी जैसे अपराधों की समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए गए. इसमें तमाम जनपद प्रभारियों के आपराधिक आंकड़ों का विश्लेषण करने और अपराधों का अनावरण किये जाने के लिए प्लान ऑफ एक्शन तैयार करने के निर्देश दिए गए. महिला अपराध पर नियंत्रण के लिए भी आदेश दिए गए. इसमें स्कूल, कॉलेज में पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences) के प्रति जागरूकता बढ़ाने और एक एजुकेशन मॉडल तैयार किए जाने के लिए कहा गया.

साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम: साइबर अपराध के लिए भी विवेचना में तेजी लाने और प्रशिक्षित निरीक्षकों की नियुक्ति किए जाने समेत जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने के लिए भी कहा गया है. इसके साथ ही ड्रग्स और मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए NCRB (National Crime Records Bureau) के सैटेलाइट डाटा लेकर अवैध अफीम, चरस की खेती को नष्ट किए जाने के निर्देश दिए गए. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर यातायात प्रबंधन के लिए भी ध्यान देने के लिए कहा गया और यातायात प्रबंधन के लिए मैन पावर का आकलन करने के लिए निर्देश दिए गए.
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