लखनऊ : विद्यालय में एडमिशन कराने को लेकर सरकार का एक नया नियम अभिभावकों के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है. विशेष तौर पर जो अभिभावक किसी कारणवश अपने बच्चों के विद्यालय बदल रहे हैं. उन्हें विद्यालय चेंज करने के दौरान परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) को लेकर काफी परेशान हो रहे हैं. सत्र 2024-25 में बच्चों के प्रवेश को लेकर अभिभावकों की काफी माथापच्ची बढ़ गई है. अभिभावक एक विद्यालय से टीसी लेकर दूसरे विद्यालय तो पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके बच्चों को प्रवेश नहीं मिल रहा है. स्कूल बच्चों के परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) मांग रहे हैं. अभिभावक समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर पेन (PEN) नंबर क्या है? स्कूल बिना परमानेंट एजुकेशन नंबर के बच्चों के प्रवेश नहीं ले रहे हैं. ऐसे में अभिभावक टीसी लेने के बाद भी स्कूलों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
विद्यालयों में अब प्रवेश के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) अनिवार्य हो गया है. एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में प्रवेश पर परमानेंट एजुकेशन नंबर की आवश्यकता पड़ती है. स्कूलों को अपने यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का रेकॉर्ड यूडायस पर चढ़ाना होता है. जिससे उनका परमानेंट एजुकेशन नंबर जनरेट होता है, लेकिन विद्यालय टीसी के साथ स्टूडेंट्स के परमानेंट एजुकेशन नंबर नहीं दे रहे हैं. इससे बच्चों के प्रवेश लटक रहे हैं.
मिर्जापुर में बीएसए ने जारी किया पत्र : मिर्जापुर जिले के बीएसए अनिल कुमार वर्मा ने पत्र जारी कर टीसी (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) पर स्कूल का यूडायस कोड और बच्चे का पेन नंबर दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. जबकि, टीसी पर पेन एवं आधार नंबर दर्ज करने का कोई कॉलम अलग से नहीं है. उधर, माध्यमिक विद्यालयों से लेकर सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूलों में टीसी पर यूडायस कोड एवं पेन नंबर दर्ज करने को लेकर कोई भी लिखित निर्देश जारी नहीं हुए हैं. इससे ट्रांसफर लेकर दूसरे विद्यालय में प्रवेश लेने वाले बच्चों के अभिभावकों को मुसीबतें उठानी पड़ रही हैं.
अभिभावक टीसी के साथ मांगें पेन नंबर : विभागीय अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों को टीसी के साथ पेन नंबर देने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन गैरइरादतन वजह से स्कूल पेन नंबर नहीं दे रहे हैं. वहीं, स्कूलों में सभी बच्चों के रेकॉर्ड अभी यूडायस पर अपलोड नहीं हो सके हैं. ऐसे में अभिभावक भी टीसी लेते समय स्कूल से पेन नंबर की मांग कर सकते हैं. इससे उन्हें प्रवेश में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
यूडायस और पेन नंबर : राजधानी में कई स्कूल रजिस्टर्ड नहीं है. वहीं, कई बच्चों के नाम एक से अधिक विद्यालय में दर्ज है. इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए विद्यालयों का यूडायस और स्टूडेंट्स का पेन नंबर जनरेट होता है. रजिस्टर्ड विद्यालयों को विभाग यूडायस नंबर अलॉट करता है. विद्यालय यूडायस पर स्टूडेंट्स का पूरा रेकॉर्ड आधार नंबर, कक्षा, सेक्शन, माता-पिता का नाम, पता, जन्मतिथि वगैरह दर्ज करता है. यह रिकॉर्ड दर्ज करते ही छात्र का पेन नंबर जनरेट हो जाता है. अधिकारियों ने बताया कि ऐसे में जिन विद्यालयों के पास यूडायस नहीं होगा, वो विद्यालय रजिस्टर्ड नहीं होंगे. साथ ही वे विद्यालय स्टूडेंट के पेन नंबर भी जनरेट नहीं कर सकेंगे.
यह भी पढ़ें : एक कमरे में संचालित होता है राजधानी लखनऊ का यह प्राथमिक विद्यालय...