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करोड़ों के घोटाले को लेकर लखनऊ गोल्फ क्लब में बड़ी कार्रवाई, दो आला पदाधिकारी बर्खास्त - Lucknow Golf Club Corruption

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 8:37 AM IST

लखनऊ गोल्फ क्लब में भारी भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित दो आला पदाधिकारीयों को उनकी सदस्यता से बर्खास्त किया गया है. क्लब में यह कार्रवाई रविवार को हुई बैठक के बाद की गई है.

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Etv Bharat (Etv Bharat reporter)

लखनऊ: गोल्फ क्लब में करोड़ों के घोटाले और मेंबरशिप में गड़बड़ी के आरापों का विवाद बढ़ता जा रहा है. क्लब के वरिष्ठ सदस्यों ने शुक्रवार को वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों को साथ बैठाकर समझाने का प्रयास किया था , लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था. मौजूदा पदाधिकारी 12 मई को अभूतपूर्व आम सभा में घोटाले का ब्योरा और कार्यवाही का प्रस्ताव लाने पर अड़े रहे तो पूर्व पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट से वाद वापस लेने से इनकार कर दिया. इस बीच दोनों गुटों ने शनिवार को अलग-अलग आयोजन का ऐलान किया था.

लखनऊ गोल्फ क्लब के मौजूदा पदाधिकारियों ने शनिवार शाम 7:30 बजे सिंगिंग आइडल के आयोजन का ऐलान किया था. इसमें सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया था. वहीं, दो पूर्व पदाधिकारियों ने फैजाबाद रोड स्थित एक बड़े होटल में डिनर का आयोजन किया था. इसके लिए सभी को बुलावा पत्र भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक, रविवार की अभूतपूर्व आम सभा में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर सभी सदस्यों की वोटिंग भी कराई गई.

इस वोटिंग पर ही क्लब में दोनों पक्षों की स्थिति भी टिकी थी. क्लब की प्रबंध कमेटी ने शुक्रवार को पूर्व पदाधिकारियों को बयान के लिए बुलाया था. तय समय पर दोनों पूर्व पदाधिकारी क्लब पहुंचे. दोनों ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए खारिज कर दिया. रविवार को बैठक में इन दोनों पदाधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया.

इसे भी पढ़े-लखनऊ एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, CISF के पास आया ईमेल, 12 अन्य एयरपोर्ट का भी जिक्र - Threat To Bomb Lucknow Airport

12 साल पहले हुआ था घोटाला: सूत्रों के मुताबिक लखनऊ गोल्फ क्लब में साल 2012 में बड़ा घोटाला हुआ था. जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि तो हुई, लेकिन वसूली नहीं हो सकी. मामले में क्लब से जुड़े कई रसूखदार सदस्यों की गर्दन फंस रही थी. लिहाजा, पहले तो एफआईआर में देरी की गई. इसके बाद मामला दर्ज हो गया तो बरसों तक पैरवी नहीं की गई.

लखनऊ गोल्फ क्लब में एक बड़े नेता की रिश्तेदार को सदस्यता देने पर भी सवाल उठ रहे हैं. आरोप है, कि एक तरफ गोल्फ न खेलने का तर्क देते हुए सदस्यता खत्म की गई. वहीं, बड़े नेता की महिला रिश्तेदार को मानकों की अनदेखी करते हुए सदस्यता दे दी गई. यही नहीं, चिटफंड के रजिस्ट्रार को दी गई.

यह भी पढ़े-नगर निगम की महिला कर्मी से अभद्रता, कार्यालय में हुई बेहोश, तीन बाबू निलंबित, जांच कमेटी गठित - Female Worker Indecency

लखनऊ: गोल्फ क्लब में करोड़ों के घोटाले और मेंबरशिप में गड़बड़ी के आरापों का विवाद बढ़ता जा रहा है. क्लब के वरिष्ठ सदस्यों ने शुक्रवार को वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों को साथ बैठाकर समझाने का प्रयास किया था , लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था. मौजूदा पदाधिकारी 12 मई को अभूतपूर्व आम सभा में घोटाले का ब्योरा और कार्यवाही का प्रस्ताव लाने पर अड़े रहे तो पूर्व पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट से वाद वापस लेने से इनकार कर दिया. इस बीच दोनों गुटों ने शनिवार को अलग-अलग आयोजन का ऐलान किया था.

लखनऊ गोल्फ क्लब के मौजूदा पदाधिकारियों ने शनिवार शाम 7:30 बजे सिंगिंग आइडल के आयोजन का ऐलान किया था. इसमें सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया था. वहीं, दो पूर्व पदाधिकारियों ने फैजाबाद रोड स्थित एक बड़े होटल में डिनर का आयोजन किया था. इसके लिए सभी को बुलावा पत्र भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक, रविवार की अभूतपूर्व आम सभा में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर सभी सदस्यों की वोटिंग भी कराई गई.

इस वोटिंग पर ही क्लब में दोनों पक्षों की स्थिति भी टिकी थी. क्लब की प्रबंध कमेटी ने शुक्रवार को पूर्व पदाधिकारियों को बयान के लिए बुलाया था. तय समय पर दोनों पूर्व पदाधिकारी क्लब पहुंचे. दोनों ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए खारिज कर दिया. रविवार को बैठक में इन दोनों पदाधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया.

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12 साल पहले हुआ था घोटाला: सूत्रों के मुताबिक लखनऊ गोल्फ क्लब में साल 2012 में बड़ा घोटाला हुआ था. जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि तो हुई, लेकिन वसूली नहीं हो सकी. मामले में क्लब से जुड़े कई रसूखदार सदस्यों की गर्दन फंस रही थी. लिहाजा, पहले तो एफआईआर में देरी की गई. इसके बाद मामला दर्ज हो गया तो बरसों तक पैरवी नहीं की गई.

लखनऊ गोल्फ क्लब में एक बड़े नेता की रिश्तेदार को सदस्यता देने पर भी सवाल उठ रहे हैं. आरोप है, कि एक तरफ गोल्फ न खेलने का तर्क देते हुए सदस्यता खत्म की गई. वहीं, बड़े नेता की महिला रिश्तेदार को मानकों की अनदेखी करते हुए सदस्यता दे दी गई. यही नहीं, चिटफंड के रजिस्ट्रार को दी गई.

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