सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले के बेला थाना क्षेत्र में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बचपन बचाओ आंदोलन एवं बेला थाना की संयुक्त टीम द्वारा बाल श्रम के खिलाफ सघन अभियान चलाकर आठ बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया है. साथ ही मजदूरी करवाने वाले नियोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है.
मोटर गैरेज में की गई छापेमारी: बेला थाना क्षेत्र के विभिन्न दुकानों और मोटर गैरेज में बच्चों से बाल मजदूरी करवाने की सूचना पुलिस को लगातार मिल रही थी. जिसके बाद इसकी जानकारी बेला थाना पुलिस को बचपन बचाओ आंदोलन ने दी. वहीं, थाना अध्यक्ष ने क्षेत्र से बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाने के लिए जिले के एसपी मनोज कुमार तिवारी व डीएसपी सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई अधिकारी मो नजीब अनवर से अनुरोध किया.
संयुक्त कार्रवाई में आठ बच्चे मुक्त: एसपी मनोज कुमार तिवारी से निर्देश मिलने के बाद डीएसपी मो नजीब अनवर के निर्देश पर बेला थाना क्षेत्र में बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कारवाई गई. संयुक्त टीम में शामिल बेला थाना के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के केंद्रीय वरिष्ठ योजना समन्वयक राकेश कुमार, सहायक प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी, शिव शंकर ठाकुर व बेला थाना की पुलिस बाल शामिल थी.
हर दिन 10 घंटे मजदूरी करते थे: मामले को लेकर बचपन बचाओ आंदोलन के केंद्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि बाल श्रम के खिलाफ इस बड़ी करवाई के लिए सीतामढ़ी पुलिस के प्रती धन्यवाद प्रकट किया. उन्होंने कहा कि बाल श्रम नियोजक की दया नहीं सस्ती श्रम और शोषण की देन हैं. कुछ बच्चों को 30 तो कुछ को 50 रुपए दैनिक मजदूरी दी जाती थी. मुक्त करवाए गए बच्चों से प्रतिदिन दस से बारह घंटे तक मजदूरी करवाया जाता था. साथ ही नेपाल के रहने वाले बच्चे को उनके माता पिता के देहांत हो जाने के बाद तस्करी कर बाल श्रम के लिए लाया गया था.
"हमारी टीम बाल श्रम करवाने वाले नियोजक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर नियमनूसार कार्रवाई कर रही है. वहीं, मुक्त बच्चों को बाल कल्याण समिति सीतामढ़ी के आदेश से बाल गृह में आवासित करवाया गया है." - मनीष शर्मा, केंद्रीय निदेशक, बचपन बचाओ आंदोलन
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