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हीटवेव को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं होने पर ACS शुभ्रा सिंह ने जताई नाराजगी, SMS अस्पताल प्रशासन को दिए ये निर्देश - Severe Heat in Rajasthan - SEVERE HEAT IN RAJASTHAN

ACS Shubhra Singh Inspection, एसएमएस अस्पताल में हीटवेव को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए एसीएस शुभ्रा सिंह जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुंचीं. यहां उन्होंने अस्पताल प्रशासन को तत्काल कंटीजेंसी प्लान बनाने सहित कई निर्देश दिए.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 23, 2024, 5:51 PM IST

जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह लू-तापघात को लेकर चिकित्सा प्रबंधन का जायजा लेने अचानक सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचीं. हीटवेव को लेकर पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने अस्पताल प्रशासन को तत्काल कंटीजेंसी प्लान बनाने और 7 दिन में सभी व्यवस्थाएं सुचारू करने के निर्देश दिए. दरअसल, 22 मई को ईटीवी भारत ने भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद गुरुवार को एसीएस शुभ्रा सिंह ने अस्पताल का दौरा किया.

अचानक पहुंचीं अस्पताल : शुभ्रा सिंह अचानक सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने वहां आपातकालीन इकाई, मेडिसिन वार्ड, बांगड़ परिसर एवं चरक भवन का दौरा कर चिकित्सा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. आपातकालीन इकाई में डक्टिंग प्लांट बंद होने और अन्य स्थानों पर कूलर, पंखे, एसी आदि क्रियाशील नहीं मिलने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी और अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी को निर्देश दिए कि अस्पताल में अति आवश्यक प्रकृति की सेवाओं के लिए तत्काल प्रभाव से कंटीजेंसी प्लान बनाएं और दो दिन के भीतर कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि को ठीक करवाएं. साथ ही अन्य व्यवस्थाओं को सात दिन में सुचारू करें.

पढ़ें. एसएमएस अस्पताल का कूलिंग सिस्टम फेल, गहलोत ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर खड़े किए सवाल - cooling system in SMS failed

ये निर्देश दिए : अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने अस्पताल परिसर में रोगियों और परिजनों के लिए पेयजल और बैठने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मरीजों के उपचार को लेकर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने विद्युत उपकरणों का समय पर मेंटेनेंस नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए. सिंह ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकार सवाई मानसिंह अस्पताल में रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. अस्पताल में जो भी असुविधाएं सामने आई हैं, उनमें से अति आवश्यक प्रकृति की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाएगा. साथ ही, दीर्घकालीन प्रकृति के कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.

व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नोडल अधिकारी : उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसएमएस अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, नोडल अधिकारी के माध्यम से 28 मई, 2024 तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हीटवेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी. इसमें मौसमी बीमारियों, गर्मी जनित बीमारियों, अस्पतालों में पानी, बिजली की व्यवस्था, कूलर-एसी, पंखों आदि की क्रियाशीलता सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी. वीसी के माध्यम से आयोजित इस बैठक में मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ, जिला शिशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक शामिल होंगे.

जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह लू-तापघात को लेकर चिकित्सा प्रबंधन का जायजा लेने अचानक सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचीं. हीटवेव को लेकर पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने अस्पताल प्रशासन को तत्काल कंटीजेंसी प्लान बनाने और 7 दिन में सभी व्यवस्थाएं सुचारू करने के निर्देश दिए. दरअसल, 22 मई को ईटीवी भारत ने भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद गुरुवार को एसीएस शुभ्रा सिंह ने अस्पताल का दौरा किया.

अचानक पहुंचीं अस्पताल : शुभ्रा सिंह अचानक सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने वहां आपातकालीन इकाई, मेडिसिन वार्ड, बांगड़ परिसर एवं चरक भवन का दौरा कर चिकित्सा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. आपातकालीन इकाई में डक्टिंग प्लांट बंद होने और अन्य स्थानों पर कूलर, पंखे, एसी आदि क्रियाशील नहीं मिलने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी और अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी को निर्देश दिए कि अस्पताल में अति आवश्यक प्रकृति की सेवाओं के लिए तत्काल प्रभाव से कंटीजेंसी प्लान बनाएं और दो दिन के भीतर कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि को ठीक करवाएं. साथ ही अन्य व्यवस्थाओं को सात दिन में सुचारू करें.

पढ़ें. एसएमएस अस्पताल का कूलिंग सिस्टम फेल, गहलोत ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर खड़े किए सवाल - cooling system in SMS failed

ये निर्देश दिए : अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने अस्पताल परिसर में रोगियों और परिजनों के लिए पेयजल और बैठने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मरीजों के उपचार को लेकर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने विद्युत उपकरणों का समय पर मेंटेनेंस नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए. सिंह ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकार सवाई मानसिंह अस्पताल में रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. अस्पताल में जो भी असुविधाएं सामने आई हैं, उनमें से अति आवश्यक प्रकृति की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाएगा. साथ ही, दीर्घकालीन प्रकृति के कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.

व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नोडल अधिकारी : उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसएमएस अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, नोडल अधिकारी के माध्यम से 28 मई, 2024 तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हीटवेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी. इसमें मौसमी बीमारियों, गर्मी जनित बीमारियों, अस्पतालों में पानी, बिजली की व्यवस्था, कूलर-एसी, पंखों आदि की क्रियाशीलता सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी. वीसी के माध्यम से आयोजित इस बैठक में मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ, जिला शिशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक शामिल होंगे.

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