अजमेर. मां का एक्सीडेंट का कहकर नाबालिग लड़की को बहला फुसला कर अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या दो ने आरोपी को 20 साल के कारावास और 60 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. आरोपी पीड़िता का रिश्ते में भाई लगता था.
विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि 2 मार्च, 2023 को गंज थाने यह मामला आया. पीड़िता के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था. गंज थाना पुलिस ने मामले में अनुसंधान करते हुए नाबालिग पीड़िता को अहमदाबाद से दस्तयाब किया था. 23 मार्च, 2023 को गंज थाना पुलिस पीड़िता को अजमेर लेकर आई. साथ ही आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि आरोपी ने नाबालिग पीड़िता को बहला फुसलाकर कर 20 दिन अलग-अलग स्थानों पर रखा. जहां आरोपी ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया.
गंज थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था. कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाह और 27 दस्तावेज पेश किए गए थे. उन्होंने बताया कि पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 ने मंगलवार को आरोपी को दोषी करार दिया और सजा सुनाई. उन्होंने बताया कि सजा का आधार मेडिकल और डीएनए रिपोर्ट रही. कोर्ट ने धारा 363 में 3 वर्ष का कारावास और 5 हजार रुपए, धारा 344 में 1 साल की कारावास और 5 हजार रुपए, पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 में 10 वर्ष की कारावास और 25 हजार रुपए एवं 5(N)/6 में 20 साल के कारावास और 25 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.
झूठ बोलकर ले गया था आरोपी: उन्होंने बताया कि आरोपी रिश्ते में पीड़िता का भाई है. उसने पीड़िता को अगवा करने से पहले उससे झूठ बोला कि, उसकी मां का एक्सीडेंट हो गया है. पीड़िता ने उस पर विश्वास किया, लेकिन आरोपी ने पीड़िता के साथ विश्वासघात किया. शेखावत ने बताया कि कोर्ट ने मामले में अपना मत जाहिर करते हुए कहा कि समाज में बच्चों के साथ गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को कठोर दंड दिया गया है.