बलरामपुर: उतर प्रदेश के बलरामपुर जिले में किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दोष सिद्ध हो जाने पर जिला एवम सत्र न्यायलय की एक विशेष अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 70 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अपर शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार वर्मा ने बुधवार को बताया कि जिले के ललिया थाना क्षेत्र की एक महिला ने 29 जून 2017 को थाने में तहरीर दी थी.
महिला ने बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी को रंजीत उर्फ सोनू बहला फुसला कर भगा ले गया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया. महिला की तहरीर पर पुलिस ने रंजीत उर्फ सोनू निवासी थाना ललिया बलरामपुर के खिलाफ दुष्कर्म करने के सम्बन्ध में मुकदमा पंजीकृत किया था. मुकदमे की विवेचना उप निरीक्षक चन्द्रकान्त द्वारा की गयी. आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया.
न्यायालय में मुकदमे के दौरान अभियोग की पैरवी माॅनीटरिंग सेल की नोडल प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक नम्रिता श्रीवास्तव के नेतृत्व में माॅनीटरिंग सेल प्रभारी सर्वेन्द्रनाथ व थाना ललिया पुलिस के पैरोकार द्वारा प्रभावी पैरवी की गई. मुकदमे के दौरान दोनों पक्ष की तरफ से कई गवाह और साक्ष्य पेश किए गए. बचाव पक्ष की ओर से घटना को गलत बताया गया जबकि अभियोजन की तरफ से कई साक्ष्य पेश किए गए.
दोनो पक्ष को सुनने और गवाहों के बयान तथा साक्ष्यों को देखते हुए विशेष अपर न्यायाधीश पॉक्सो जहेंद पाल ने रंजीत उर्फ सोनू पुत्र देवदत्त निवासी थाना ललिया को दोषी मानते हुए 10 वर्ष कठोर कारावास और 70 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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