जयपुर: कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) भर्ती पेपर लीक मामले में एक साल से एसओजी को गच्चा दे रहा कमलेश कुमार मीणा आखिरकार जांच एजेंसी के हत्थे चढ़ गया है. उसे एसओजी ने जयपुर के पानीपेच तिराहे से गिरफ्तार किया है. अब एसओजी के अधिकारी उससे पूछताछ में जुटे हैं. एटीएस-एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया, जेईएन भर्ती परीक्षा-2020 के पेपर लीक मामले में जयपुर के सांगानेर थाने में 2020 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में जयपुर ग्रामीण के गोविंदगढ़ निवासी कमलेश कुमार मीणा को एसओजी ने जयपुर के पानीपेच तिराहे के पास से गिरफ्तार किया है.
वह एक साल से फरार चल रहा था. उसके खिलाफ इस साल जनवरी में कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया गया. वह रेलवे में ग्रुप डी का कर्मचारी है. अभी उसकी पोस्टिंग अजमेर के कैरिज कारखाने में टेक्नीशियन ग्रेड-1 के पद पर है और वह अजमेर के अवधपुरी में रह रहा था.
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शेरसिंह पड़ोसी गांव का, भूपेंद्र से करवाई दोस्ती: उन्होंने बताया कि कमलेश कुमार मीणा पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्त भूपेंद्र सारण व अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा का प्रमुख सहयोगी रहा है. उसने प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि वह शेरसिंह उर्फ अनिल मीणा के पड़ोसी गांव का रहने वाला है. उसके पिता की शराब की दुकान है. जहां से भूपेंद्र सारण अक्सर महंगी शराब खरीदता था. इसी के चलते दोनों की जान-पहचान थी. भूपेंद्र सारण भी पहले रेलवे में नौकरी करता था. उसी समय उसने भूपेंद्र के कहने पर शेरसिंह से उसकी जान-पहचान करवाई थी.
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इस केस में अब तक 35 गिरफ्तार: जेईएन भर्ती परीक्षा-2020 का पेपर हासिल करने के लिए भूपेंद्र सारण ने नया मोबाइल खरीदकर कमलेश को दिया था. कमलेश ने यह मोबाइल शेरसिंह मीणा को दिया. उसी मोबाइल से शेरसिंह मीणा ने भूपेंद्र सारण को परीक्षा से पहले पर्चा वाट्सएप से भेजा था. यह पर्चा विभिन्न स्थानों पर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले पढ़ाया गया. उससे अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक से बारे में भी पूछताछ और अनुसंधान किया जा रहा है. उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. जेईएन भर्ती पेपर लीक में एसओजी अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.