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लेखपाल हत्याकांड; दो पत्नियों का खर्चा उठाने और आर्थिक तंगी दूर करने के लिए किया था मनीष का अपहरण, पकड़े जाने के डर से घोंट दिया गला - MANISH KASHYAP MURDER CASE

लेखपाल के परिजनों से 4 लाख रुपये मांगने की थी योजना, एक दिन पहले ही पुलिस ने बरामद किए हैं शव के अवशेष-कपड़े.

लेखपाल हत्याकांड का खुलासा.
लेखपाल हत्याकांड का खुलासा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

बरेली : पुलिस ने फिरौती के लिए अपहरण कर लेखपाल की हत्या का खुलासा करते हुए सोमवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने पुलिस ने बताया है कि अपनी दो पत्नियों का खर्चा उठाने और आर्थिक तंगी दूर करने के लिए 27 नवंबर को लेखपाल का अपने रिश्तेदारों की मदद से अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर एक दिन पहले ही रविवार को नाले से नर कंकाल के अवशेष और कपड़े बरामद किए थे.

लेखपाल हत्याकांड का खुलासा. (Video Credit; ETV Bharat)

बरेली के फरीदपुर तहसील में लेखपाल मनीष कश्यप 27 नवंबर को ड्यूटी पर निकला था, लेकिन इसके बाद नहीं लौटा. शिकायत फरीदपुर पुलिस से की गई. जहां पुलिस ने रविवार को एक आरोपी ओमवीर कश्यप की निशानदेही पर नाले से लेखपाल मनीष कश्यप के शव के अवशेष औए कपड़े बरामद किए. 18 दिन बाद लापता लेखपाल की हत्या की जानकारी लगते ही उसके घर में कोहराम मच गया.

एसएसपी अनुराग आर्य ने लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या का खुलासा किया. बताया कि 27 नवंबर को उसके गायब होने के बाद जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि कैंट थाना क्षेत्र में रहने वाले ओमवीर कश्यप से लेखपाल मनीष कश्यप की बातचीत होती थी. जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि मनीष कश्यप और आरोपी ओमवीर कश्यप के एक ही जाति के होने के चलते दोनों में दोस्ती हो गई थी. साथ ही ओमवीर कश्यप के साले सूरत से भी मनीष की जान पहचान थी.

एसपी के मुताबिक, आरोपी ओमवीर कश्यप ने पूछताछ में बताया कि उसकी दो पत्नियां हैं. एक बरेली में रहती है, जबकि दूसरी नोएडा में. दोनों का खर्चा उठाना पड़ता है. पिछले कुछ समय से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. पुलिस की जांच में पता चला कि ओमवीर कश्यप के खाते में जीरो बैलेंस है. उसने अपने खाते के ₹40 तक निकाल लिए थे. काफी लोगों से पैसे उधार भी ले रखे थे. इसी आर्थिक तंगी को दूर करने और पत्नियों का खर्चा उठाने के लिए उसने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई.

27 नवंबर को लेखपाल मनीष कश्यप को शराब पीने के बहाने बुलाया और जब वह नशे में हो गया तो ओमवीर उसे एक फार्महाउस पर ले गया. वहां मनीष कश्यप को बंधक बनाकर रखा गया पर फार्महाउस पर काम करने वाला उसका रिश्तेदार नेत्रपाल घबरा गया. उसने फार्महाउस पर लेखपाल को बंधक बनाकर रखने से मना कर दिया. जिसके बाद ओमवीर अपने रिश्तेदार सूरज और नेत्रपाल के साथ मनीष को कार में लेकर निकला. पकड़े जाने के डर से रास्ते में सूरज ने अपने मफलर से लेखपाल मनीष कश्यप का गला घोंट दिया. उसके बाद लाश नाले में फेंक दी.

एसएसपी अनुराग आर्य ने लेखपाल हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों द्वारा मनीष कश्यप की हत्या करने के बाद उसके परिजनों से चार लाख रुपये की फिरौती मांगने की योजना थी, पर पुलिस की तेज गतिविधियों के चलते वह फिरौती के लिए कॉल नहीं कर पाए. पुलिस ने ओमवीर कश्यप और उसके रिश्तेदार नन्हें कश्यप को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया, जबकि दो आरोपी सूरज और नेत्रपाल अभी फरार हैं.

यह भी पढ़ें : अपहरण के 18वें दिन मिली लेखपाल की लाश के अवशेष; संदिग्ध से पूछताछ के बाद नाले से सिर और कपड़े बरामद - ACCOUNTANT KIDNAPPING CASE BAREILLY

बरेली : पुलिस ने फिरौती के लिए अपहरण कर लेखपाल की हत्या का खुलासा करते हुए सोमवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने पुलिस ने बताया है कि अपनी दो पत्नियों का खर्चा उठाने और आर्थिक तंगी दूर करने के लिए 27 नवंबर को लेखपाल का अपने रिश्तेदारों की मदद से अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर एक दिन पहले ही रविवार को नाले से नर कंकाल के अवशेष और कपड़े बरामद किए थे.

लेखपाल हत्याकांड का खुलासा. (Video Credit; ETV Bharat)

बरेली के फरीदपुर तहसील में लेखपाल मनीष कश्यप 27 नवंबर को ड्यूटी पर निकला था, लेकिन इसके बाद नहीं लौटा. शिकायत फरीदपुर पुलिस से की गई. जहां पुलिस ने रविवार को एक आरोपी ओमवीर कश्यप की निशानदेही पर नाले से लेखपाल मनीष कश्यप के शव के अवशेष औए कपड़े बरामद किए. 18 दिन बाद लापता लेखपाल की हत्या की जानकारी लगते ही उसके घर में कोहराम मच गया.

एसएसपी अनुराग आर्य ने लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या का खुलासा किया. बताया कि 27 नवंबर को उसके गायब होने के बाद जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि कैंट थाना क्षेत्र में रहने वाले ओमवीर कश्यप से लेखपाल मनीष कश्यप की बातचीत होती थी. जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि मनीष कश्यप और आरोपी ओमवीर कश्यप के एक ही जाति के होने के चलते दोनों में दोस्ती हो गई थी. साथ ही ओमवीर कश्यप के साले सूरत से भी मनीष की जान पहचान थी.

एसपी के मुताबिक, आरोपी ओमवीर कश्यप ने पूछताछ में बताया कि उसकी दो पत्नियां हैं. एक बरेली में रहती है, जबकि दूसरी नोएडा में. दोनों का खर्चा उठाना पड़ता है. पिछले कुछ समय से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. पुलिस की जांच में पता चला कि ओमवीर कश्यप के खाते में जीरो बैलेंस है. उसने अपने खाते के ₹40 तक निकाल लिए थे. काफी लोगों से पैसे उधार भी ले रखे थे. इसी आर्थिक तंगी को दूर करने और पत्नियों का खर्चा उठाने के लिए उसने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई.

27 नवंबर को लेखपाल मनीष कश्यप को शराब पीने के बहाने बुलाया और जब वह नशे में हो गया तो ओमवीर उसे एक फार्महाउस पर ले गया. वहां मनीष कश्यप को बंधक बनाकर रखा गया पर फार्महाउस पर काम करने वाला उसका रिश्तेदार नेत्रपाल घबरा गया. उसने फार्महाउस पर लेखपाल को बंधक बनाकर रखने से मना कर दिया. जिसके बाद ओमवीर अपने रिश्तेदार सूरज और नेत्रपाल के साथ मनीष को कार में लेकर निकला. पकड़े जाने के डर से रास्ते में सूरज ने अपने मफलर से लेखपाल मनीष कश्यप का गला घोंट दिया. उसके बाद लाश नाले में फेंक दी.

एसएसपी अनुराग आर्य ने लेखपाल हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों द्वारा मनीष कश्यप की हत्या करने के बाद उसके परिजनों से चार लाख रुपये की फिरौती मांगने की योजना थी, पर पुलिस की तेज गतिविधियों के चलते वह फिरौती के लिए कॉल नहीं कर पाए. पुलिस ने ओमवीर कश्यप और उसके रिश्तेदार नन्हें कश्यप को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया, जबकि दो आरोपी सूरज और नेत्रपाल अभी फरार हैं.

यह भी पढ़ें : अपहरण के 18वें दिन मिली लेखपाल की लाश के अवशेष; संदिग्ध से पूछताछ के बाद नाले से सिर और कपड़े बरामद - ACCOUNTANT KIDNAPPING CASE BAREILLY

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