जयपुर: जयपुर जिले की एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत ने कहा कि बस का टायर फटने और उसके डिवाइडर से टकराने पर हुई दुर्घटना को एक्ट ऑफ गॉड नहीं माना जा सकता. अदालत ने कहा कि बस की दुर्घटना उसके चालक की तेज गति व लापरवाही से बस चलाने से हुई है. उसकी लापरवाही के कारण ही बस डिवाइडर से टकराकर पलटी खाई गई. इस दुर्घटना को एक्ट ऑफ गॉड की श्रेणी में मानकर मुआवजे से इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए बीमा कंपनी अपने क्लेम देने की जवाबदेही से बच नहीं सकती. ऐसे में बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस मृतक के वारिसों को क्षतिपूर्ति के तौर पर 1.65 करोड़ रुपए याचिका दायर करने की तारीख से 6 प्रतिशत ब्याज सहित दे. अदालत ने यह आदेश इंदू डंगायच व अन्य की क्लेम याचिका पर दिए.
क्लेम याचिका में कहा गया कि 8 मार्च, 2020 को याचिकाकर्ता के पति योगेन्द्र ढंगायच विपक्षी बीमा कंपनी से बीमित बस के जरिए अहमदाबाद से जयपुर आ रहे थे. शाम करीब 7.30 बजे अजमेर के आदर्श नगर थाना इलाके में बस चालक ने तेज गति व लापरवाही से वाहन को डिवाइडर से टकरा दिया. जिससे बस अनियंत्रित होकर पलट गई और उसमें बैठे योगेन्द्र की मौत हो गई.
यह दुर्घटना बस चालक की लापरवाही व तेज गति से वाहन चलाने से कारण हुई. इसलिए उन्हें बीमा कंपनी व अन्य से क्लेम राशि दिलवाई जाए. जवाब में बीमा कंपनी ने कहा कि दुर्घटना चालक की लापरवाही से नहीं हुई. चलती बस का टायर फट गया था और यह घटना एक्ट ऑफ गॉड है. इसलिए क्लेम याचिका खारिज की जाए.