रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में जमानत पर चल रहे कारोबारी अनवर ढेबर को एसीबी ने गुरुवार को फिर से गिरफ्तार कर लिया है. अनवर ढेबर रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर के भाई हैं. अनवर ढेबर को करीब 8 महीने पहले जमानत मिली थी. वहीं, गुरुवार सुबह एसीबी ने शराब घोटाला मामले में कारोबारी अरविंद सिंह को भी गिरफ्तार किया था. एसीबी ने अरविंद सिंह को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने अरविंद सिंह को 5 दिनों की रिमांड पर एसीबी को सौंप दिया है. अरविंद सिंह को 2 दिन पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन एसीबी ने गुरुवार की सुबह फिर से उसे गिरफ्तार कर लिया. अरविंद सिंह को 10 महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दुर्ग से गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वो जेल में बंद थे.
अरविंद सिंह की पत्नी और भतीजा भी शामिल: दरअसल, 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन पर एसीबी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें अनवर ढेबर और अरविंद सिंह का भी नाम शामिल है. प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 6 मई 2023 को अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने शराब कारोबारी अनवर देवर को शराब घोटाला मामले में आरोपी बनाया था. अंग्रेजी शराब खरीदने के लिए नए एफएल-10 ए लाइसेंस बनाया गया था. यह लाइसेंस अरविंद सिंह के भतीजे अभिषेक सिंह के नाम से बनाया गया था. इसके साथ ही अरविंद सिंह की पत्नी पिंकी सिंह अदिप अंपायर की प्रोपराइटर है. अदिप अंपायर का काम शराब की बोतले सप्लाई करने का था. अरविंद सिंह का भतीजा और उनकी पत्नी पर भी शराब घोटाले का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. कारोबारी अरविंद सिंह आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे अरुण पति त्रिपाठी का अघोषित असिस्टेंट बताया जाता है, जो शराब घोटाला मामले में अरविंद सिंह के परिवार के सदस्यों का भी इंवॉल्वमेंट था. अरविंद सिंह पैसा कलेक्शन का काम किया करता था और उस पैसे को इधर से उधर ठिकाने तक पहुंचाता था.
महापौर के परिवार के लिए गुरुवार बुरा दिन: इसके साथ ही रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर के परिवार के लिए भी गुरुवार का दिन बुरा साबित हुआ. बिलासपुर हाईकोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संयोजक राम अवतार जग्गी हत्याकांड मामले में 28 आरोपियों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया है. इसमें महापौर एजाज ढेबर के दूसरे भाई याहया ढेबर का नाम भी शामिल है. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला होने की बात कही गई थी. इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने 13000 पन्नों की चार्जशीट भी कोर्ट में पेश की थी. इन पर प्रदेश में 2000 करोड़ रुपए से अधिक शराब घोटाले का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में 2000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का दावा किया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य में 2019 से लेकर 2022 तक 2000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. इस पूरे मामले में राज्य के बड़े नेताओं और अधिकारियों का समर्थन था. कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान में बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप अनवर ढेबर पर लगा है.