दौसा: जिला मुख्यालय पर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए स्वास्थ विभाग के दो रिश्वतखोर अधिकारियों को गिरफ्तार कर किया है. वहीं, एसीबी की कार्रवाई से अन्य अधिकारियों में खलबली मच गई. बता दें कि जिले के नांगल राजावतान तहसील क्षेत्र में पदस्थ एक महिला सीएचओ ने 31 अगस्त को अपने विभाग के अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए एसीबी के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दी थी.
इस दौरान पीड़िता सीएचओ ने बताया कि उसका अप्रैल 2023 से अगस्त 2024 तक का इंसेंटिव का पेमेंट बकाया चल रहा था, जिसके लिए पीड़िता बीसीएमओ रामजीलाल मीना से मिली. इस दौरान बीसीएमओ ने पीड़िता सीएचओ से प्रतिमाह के हिसाब से एक हजार रुपए और 13 महीने के 12 हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की. वहीं, रिश्वत की राशि डागोलाई के सीएचओ विजय मीना को देने की बात कही. साथ ही बीसीएमओ ने कहा कि उसका सारा काम सीएचओ विजय मीना ही देखता है.
एसीबी के सत्यापन में शिकायत की हुई पुष्टि : इस दौरान पीड़िता सीएचओ की शिकायत पर एसीबी ने शिकायत के सत्यापन के लिए डागोलाई सीएचओ विजय मीना को पीड़िता से फोन करवाया, जिसमें आरोपी बीसीएमओ और सीएचओ द्वारा पीड़िता सीएचओ से रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई. वहीं, आरोपी विजय मीना ने पीड़िता से सोमवार को 1 बजे रिश्वत की राशि लेकर गांधी तिराहे पर बुलाया.
एसीबी ने रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ पकड़ा : एसीबी के सब इंस्पेक्टर नवल किशोर ने बताया कि सोमवार को गांधी तिराहे पर जैसे ही पीड़िता ने रिश्वत की राशि डागोलाई सीएचओ विजय मीना को सौंपी, आरोपी ने पैसे गिनने शुरू कर दिए. इतने में ही टीम ने दबिश देकर आरोपी को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ धर दबोचा. वहीं, बीसीएमओ रामजीलाल को भी रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.