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Delhi: एसएमए की जानलेवा बीमारी से ग्रसित दो बच्चियों को बचाने की AAP सांसद ने शुरू की मुहिम

दो बच्चियों जानलेवा बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से ग्रसित हैं. जिन्हें बचाने के लिए सांसद संजय सिंह ने मुहिम शुरू की है.

AAP MP started a campaign to save two girls suffering from the deadly disease SMA
एसएमए की जानलेवा बीमारी से ग्रसित दो बच्चियों को बचाने की आप सांसद ने शुरू की मुहिम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप-1 बीमारी से ग्रसित दो बच्चियों की जिंदगी बचाने के लिए देशभर के लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. गुरुवार को उन्होंने दोनों बच्चियों के माता-पिता की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस कर बच्चियों की जान बचाने के लिए मुहिम की शुरुआत की.

उन्होंने कहा कि एक 11 महीने और दूसरी 8 महीने की दो बच्चियों को एसएमए टाइप-1 की गंभीर बीमारी है. इसमें बच्चे का जीवन ढाई से तीन साल का होता है. इस बीमारी के इलाज के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कीमत 17 करोड़ रुपए है. जो सारी छूट के बाद 10-11 करोड़ रुपए का पड़ता है. एक सामान्य मां-बाप के लिए महंगे इंजेक्शन खरीद पाना असंभव है, ऐसे में सरकार और देशवासियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने देश के 140 करोड़ लोगों से अपील की है कि जितना भी संभव हो, इन बच्चियों की जान बचाने में मदद करें.

इंजेक्शन के लिए अमेरिकी सरकार से बात करें प्रधानमंत्री मोदी: सिंह ने अपने इस महीने की अपनी पूरी तनख्वाह से दोनों बच्चियों को 1-1 लाख रुपए की मदद की है. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी मदद के लिए पत्र लिखने की बात कही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील है कि वह राजनीति को अलग रखकर इस इंजेक्शन को सस्ते में उपलब्ध कराने के लिए अमेरिकी सरकार से बात करें. उन्होंने कहा कि संसद में भी भारत सरकार से मांग की थी कि जब तक भारत सरकार ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी तब तक ऐसे बच्चों को बचाना बहुत मुश्किल है.

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक अत्यंत गंभीर बीमारी है, जिसके इंजेक्शन की कीमत करीब 17 करोड़ रुपए है. सरकार द्वारा इसमें टैक्स की छूट देने के बाद यह करीब 10-11 करोड़ रुपए का पड़ता है. इस इंजेक्शन को नारवोटिस नामक एक अमेरिकी कंपनी बनाती है. देश में इस तरह के सहयोग से अभी तक चार-पांच बच्चों को इंजेक्शन लगाकर उनका जीवन बचाया जा सका है. दोनों बच्चियों के माता-पिता ने क्राउड फंडिंग के लिए इंपैक्ट गुरु नामक ऐप पर बच्चियों का अकाउंट बनाया है. जहां दोनों बच्चों से जुड़ी सारी जानकारी दी गई हैं.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप-1 बीमारी से ग्रसित दो बच्चियों की जिंदगी बचाने के लिए देशभर के लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. गुरुवार को उन्होंने दोनों बच्चियों के माता-पिता की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस कर बच्चियों की जान बचाने के लिए मुहिम की शुरुआत की.

उन्होंने कहा कि एक 11 महीने और दूसरी 8 महीने की दो बच्चियों को एसएमए टाइप-1 की गंभीर बीमारी है. इसमें बच्चे का जीवन ढाई से तीन साल का होता है. इस बीमारी के इलाज के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कीमत 17 करोड़ रुपए है. जो सारी छूट के बाद 10-11 करोड़ रुपए का पड़ता है. एक सामान्य मां-बाप के लिए महंगे इंजेक्शन खरीद पाना असंभव है, ऐसे में सरकार और देशवासियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने देश के 140 करोड़ लोगों से अपील की है कि जितना भी संभव हो, इन बच्चियों की जान बचाने में मदद करें.

इंजेक्शन के लिए अमेरिकी सरकार से बात करें प्रधानमंत्री मोदी: सिंह ने अपने इस महीने की अपनी पूरी तनख्वाह से दोनों बच्चियों को 1-1 लाख रुपए की मदद की है. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी मदद के लिए पत्र लिखने की बात कही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील है कि वह राजनीति को अलग रखकर इस इंजेक्शन को सस्ते में उपलब्ध कराने के लिए अमेरिकी सरकार से बात करें. उन्होंने कहा कि संसद में भी भारत सरकार से मांग की थी कि जब तक भारत सरकार ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी तब तक ऐसे बच्चों को बचाना बहुत मुश्किल है.

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक अत्यंत गंभीर बीमारी है, जिसके इंजेक्शन की कीमत करीब 17 करोड़ रुपए है. सरकार द्वारा इसमें टैक्स की छूट देने के बाद यह करीब 10-11 करोड़ रुपए का पड़ता है. इस इंजेक्शन को नारवोटिस नामक एक अमेरिकी कंपनी बनाती है. देश में इस तरह के सहयोग से अभी तक चार-पांच बच्चों को इंजेक्शन लगाकर उनका जीवन बचाया जा सका है. दोनों बच्चियों के माता-पिता ने क्राउड फंडिंग के लिए इंपैक्ट गुरु नामक ऐप पर बच्चियों का अकाउंट बनाया है. जहां दोनों बच्चों से जुड़ी सारी जानकारी दी गई हैं.

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