नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप-1 बीमारी से ग्रसित दो बच्चियों की जिंदगी बचाने के लिए देशभर के लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. गुरुवार को उन्होंने दोनों बच्चियों के माता-पिता की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस कर बच्चियों की जान बचाने के लिए मुहिम की शुरुआत की.
उन्होंने कहा कि एक 11 महीने और दूसरी 8 महीने की दो बच्चियों को एसएमए टाइप-1 की गंभीर बीमारी है. इसमें बच्चे का जीवन ढाई से तीन साल का होता है. इस बीमारी के इलाज के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कीमत 17 करोड़ रुपए है. जो सारी छूट के बाद 10-11 करोड़ रुपए का पड़ता है. एक सामान्य मां-बाप के लिए महंगे इंजेक्शन खरीद पाना असंभव है, ऐसे में सरकार और देशवासियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने देश के 140 करोड़ लोगों से अपील की है कि जितना भी संभव हो, इन बच्चियों की जान बचाने में मदद करें.
Spinal Muscular Atrophy एक अत्यंत गंभीर बीमारी है जिसके ईलाज का एक इंजेक्शन सारी छूट के बाद 11 करोड़ रुपये का लगता है।
— AAP (@AamAadmiParty) October 24, 2024
ऐसी बीमारी से पीड़ित बच्चे को बचाना किसी भी माता-पिता के लिए असंभव है।
राजनीति को एक तरफ रख कर देश के प्रधानमंत्री को इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी से बात करके… pic.twitter.com/WVF2PSzIoY
इंजेक्शन के लिए अमेरिकी सरकार से बात करें प्रधानमंत्री मोदी: सिंह ने अपने इस महीने की अपनी पूरी तनख्वाह से दोनों बच्चियों को 1-1 लाख रुपए की मदद की है. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी मदद के लिए पत्र लिखने की बात कही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील है कि वह राजनीति को अलग रखकर इस इंजेक्शन को सस्ते में उपलब्ध कराने के लिए अमेरिकी सरकार से बात करें. उन्होंने कहा कि संसद में भी भारत सरकार से मांग की थी कि जब तक भारत सरकार ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी तब तक ऐसे बच्चों को बचाना बहुत मुश्किल है.
इन दोनों बच्चियों 'सहरिस और कियारा रावत' के लिए पूरे देश के 140 करोड़ लोगों से हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर रहा हूँ कि आप अपनी आमदनी में से जो भी मदद कर सकें वो करिये।
— AAP (@AamAadmiParty) October 24, 2024
आप दोनों बच्चियों को सहयोग करने के लिए Impact Guru पर जा सकते हैं।
सहरिस के लिए Account Number 2223330011812667 पर… pic.twitter.com/EbA8cDOVNe
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक अत्यंत गंभीर बीमारी है, जिसके इंजेक्शन की कीमत करीब 17 करोड़ रुपए है. सरकार द्वारा इसमें टैक्स की छूट देने के बाद यह करीब 10-11 करोड़ रुपए का पड़ता है. इस इंजेक्शन को नारवोटिस नामक एक अमेरिकी कंपनी बनाती है. देश में इस तरह के सहयोग से अभी तक चार-पांच बच्चों को इंजेक्शन लगाकर उनका जीवन बचाया जा सका है. दोनों बच्चियों के माता-पिता ने क्राउड फंडिंग के लिए इंपैक्ट गुरु नामक ऐप पर बच्चियों का अकाउंट बनाया है. जहां दोनों बच्चों से जुड़ी सारी जानकारी दी गई हैं.