नई दिल्ली: दिल्लीवासियों के बढ़े हुए पानी के बिलों को लेकर विधानसभा में हंगामा जारी है. शुक्रवार को तीसरी बार आम आदमी पार्टी के विधायकों ने बजट सत्र के दौरान पानी के बिलों को लेकर हंगामा किया और सदन की कार्यवाही बाधित की. हंगामे के चलते शुक्रवार को भी उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
विधानसभा में शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू के एक घंटे सामान्य रूप से चली. इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल ने पानी के बिल को लेकर अपने क्षेत्र की समस्याएं बताई. गोयल ने कहा, 'आज वह सदन देरी से आए, क्योंकि अपने क्षेत्र में वह लोगों से घिरे हुए थे. तकरीबन डेढ़ सौ लोग उनके दफ्तर आए और बकाया बिल माफ करने की मांग कर रहे थे. उन्होंने लोगों को समझाने की भी कोशिश की, जिस पर लोगों ने बिल को फाड़कर आग लगा दिया. आम लोग पानी के बकाया बिल को लेकर काफी परेशान हैं.'
इसके बाद सदन में मौजूद अन्य अन्य विधायक भी उनके समर्थन में खड़े हो गए और उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को हरी झंडी देने की मांग करने लगे. हंगामा इतना बढ़ गया कि विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. हालांकि, विधायक विधानसभा परिसर में आए और महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे. और तो और अपने साथ लाए लोगों के बिल की प्रति को आग लगा दी. विधायकों ने कहा कि एलजी अधिकारियों को सरकार की इस स्कीम को तुरंत लागू करने का निर्देश दें.
इस दौरान आप विधायक प्रवीण कुमार ने कहा कि दिल्ली के 10.50 लाख लोगों के साथ पानी के बिल की समस्या है. यह लोग बिल का भुगतान करना चाहते हैं, जिसके लिए सरकार योजना भी लेकर आई है, लेकिन अधिकारी इस स्कीम को लागू करने में अड़चन पैदा कर रहे हैं. वहीं आप विधायक अजय दत्त ने कहा कि उनके क्षेत्र में भी रोजाना सैकड़ों लोग इस समस्या को लेकर के आ रहे हैं. अगर मुख्यमंत्री समाधान निकालने को तैयार हैं तो एलजी को क्या परेशानी है.
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उसके बाद विधायक विधानसभा परिसर में आए और महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर वहां प्रदर्शन करने लगे. अपने साथ लाए हुए लोगों के पानी के बिल की प्रति को उन्होंने आग लगा दी और उपराज्यपाल से मांग करने लगे कि वह सरकार की इस स्कीम को तुरंत लागू करने का अधिकारियों को निर्देश दें. बता दें कि पानी के बढ़े बिलों के मुद्दे को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने निवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसमें कांग्रेस के नेता शामिल हुए थे, जबकि भाजपा ने इसका बहिष्कार किया था.
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