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पार्टी मुख्यालय के लिए लुटियंस दिल्ली में AAP ने मांगी है जमीन, केंद्र सरकार को 10 दिन में लेना है फैसला - Land Allotment Case

Land Allotment Case: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पार्टी दफ्तर बनाने के लिए केंद्र सरकार से जमीन दिलाने की गुजारिश की है. इसपर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से 10 दिन में फैसला करने को कहा है. सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस की तरह लुटियंस दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय के लिए भूमि जगह चाहती है और इसका आवेदन भी किया हुआ है.

आम आदमी पार्टी का दफ्तर
आम आदमी पार्टी का दफ्तर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 17, 2024, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय कार्यालय कहां बनेगा, कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस महीने यह करीब-करीब तय हो जाएगा. आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय कार्यालय के लिए जमीन मिलेगी या बंगला इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी को कार्यालय के लिए जमीन आवंटन की मांग संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को कहा है कि वह 25 जुलाई तक फैसला ले.

कोर्ट की सुनवाई के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने और अधिक समय की मांग की, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. इसके बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद ही पार्टी ने जमीन के लिए आवेदन कर दिया था. नियमों के मुताबिक जमीन के आवंटन के तीन साल के भीतर पार्टी को अपना कार्यालय बनाना होता है. लेकिन अभी तक इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुई है. इसलिए मामला लटका हुआ है. अब कोर्ट का फैसला आने वाला है देखते हैं तब क्या होता है.

क्या कहता है नियम: नियमानुसार राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी आम आदमी पार्टी को अपना कार्यालय चलाने के लिए मध्य दिल्ली में एक सरकारी बंगला भी मिलेगा जब तक कि वह उसे आवंटित भूखंड पर पार्टी मुख्यालय नहीं बना लेती है. साथ ही पार्टी के अध्यक्ष व संयोजक को भी एक सरकारी बंगला मिलने की पात्रता है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो पार्टी के शीर्ष नेता हैं वह पहले से सरकारी आवास में रह रहे हैं, इसीलिए दूसरा बंगला पाने के वह हकदार नहीं है. वह वर्तमान में सिविल लाइंस क्षेत्र में दिल्ली सरकार के आवास में रह रहे हैं.

यह भी पढ़ें- छतरपुर जंगल में फॉर्म हाउस वालों को फायदा पहुंचाने के लिए काटे गए 1100 पेड़ - सौरभ भारद्वाज

राष्ट्रीय पार्टी का तगमा खो चुकी दलों को खाली करना होगा बंगला: आम आदमी पार्टी वर्तमान में दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दिल्ली लोक निर्माण विभाग द्वारा आवंटित बंगले में अपना कार्यालय चल रही है. चुनाव आयोग ने जब आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी थी, उसके साथ ही अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया है, उनको पार्टी कार्यालय के लिए दी गई जमीन या बंगला भी खाली कराकर आम आदमी पार्टी को मिल सकता है.

लुटियंस दिल्ली में पार्टी चाहती है कार्यालय: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का दिल्ली के कैनिंग रोड और पुराना किला रोड पर सरकारी बंगला आवंटित किया गया है. इसके अलावा दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर तृणमूल कांग्रेस पार्टी को जमीन आवंटित की गई थी. लेकिन अभी तक पार्टी ने अपना कार्यालय नहीं बनाया है. उधर, आम आदमी पार्टी के शीर्ष सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी भी बीजेपी और कांग्रेस की तरह लुटियंस दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय के लिए भूमि जगह चाहती है और इसका आवेदन भी किया हुआ है.

इतने कम समय में आप बनी राष्ट्रीय पार्टी: 10 अप्रैल 2023 को चुनाव आयोग ने औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया था. आम आदमी पार्टी को चुनाव चिन्ह झाड़ू राष्ट्रीय पार्टी के रूप में दिया गया. अन्ना आंदोलन से निकालकर बनी आम आदमी पार्टी की स्थापना नवंबर 2012 को हुई थी. इतने कम समय में यह पार्टी देश की पहली पार्टी बन गई थी. जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है. वर्ष 2013 में दिल्ली, वर्ष 2022 में पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा विधानसभा में दो विधायक जीतने के बाद दिसंबर 2022 में गुजरात में 5 सीटें मिलने से राष्ट्रीय पार्टी बनने का रास्ता साफ हो गया था.

यह भी पढ़ें- आखिर क्यों काटे गए 1100 पेड़, किसका हुआ फायदा; जानिए एलजी और दिल्ली सरकार के बीच उलझे इस पूरे मामले के बारे में सब कुछ

राष्ट्रीय पार्टी बनने के फायदे: किसी भी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता मिलने के कई फायदे होते हैं. सबसे पहला फायदा तो स्तर को लेकर ही है. राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होने के बाद अखिल भारतीय स्तर पर एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है. निर्वाचन आयोग जिन राजनीतिक दलों को मान्यता देता है उनको कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएं भी देता है जैसे, पार्टी को एक स्थाई चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है. निर्वाचन सूची मुफ्त और अनिवार्य तौर पर प्राप्त करने की सुविधा दी जाती है. चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के लिए समय दिए जाने की अनुमति दी जाती है ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकें.

राष्ट्रीय पार्टी बनने का मानक: चुनाव के राजनीतिक नियमों के जानकार केजे राव के अनुसार अब देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं. लेकिन इनमें से कुछ को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त था. वे बताते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी होने की तीन मुख्य शर्तों या पात्रता में से एक शर्त ये है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे. या फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के बाद गोवा में भी आम आदमी पार्टी ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की थी. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं.

यह भी पढ़ें- AAP दफ्तर के लिए जमीन आवंटित करने पर 25 जुलाई तक फैसला करे केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय- दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय कार्यालय कहां बनेगा, कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस महीने यह करीब-करीब तय हो जाएगा. आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय कार्यालय के लिए जमीन मिलेगी या बंगला इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी को कार्यालय के लिए जमीन आवंटन की मांग संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को कहा है कि वह 25 जुलाई तक फैसला ले.

कोर्ट की सुनवाई के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने और अधिक समय की मांग की, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. इसके बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद ही पार्टी ने जमीन के लिए आवेदन कर दिया था. नियमों के मुताबिक जमीन के आवंटन के तीन साल के भीतर पार्टी को अपना कार्यालय बनाना होता है. लेकिन अभी तक इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुई है. इसलिए मामला लटका हुआ है. अब कोर्ट का फैसला आने वाला है देखते हैं तब क्या होता है.

क्या कहता है नियम: नियमानुसार राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी आम आदमी पार्टी को अपना कार्यालय चलाने के लिए मध्य दिल्ली में एक सरकारी बंगला भी मिलेगा जब तक कि वह उसे आवंटित भूखंड पर पार्टी मुख्यालय नहीं बना लेती है. साथ ही पार्टी के अध्यक्ष व संयोजक को भी एक सरकारी बंगला मिलने की पात्रता है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो पार्टी के शीर्ष नेता हैं वह पहले से सरकारी आवास में रह रहे हैं, इसीलिए दूसरा बंगला पाने के वह हकदार नहीं है. वह वर्तमान में सिविल लाइंस क्षेत्र में दिल्ली सरकार के आवास में रह रहे हैं.

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राष्ट्रीय पार्टी का तगमा खो चुकी दलों को खाली करना होगा बंगला: आम आदमी पार्टी वर्तमान में दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दिल्ली लोक निर्माण विभाग द्वारा आवंटित बंगले में अपना कार्यालय चल रही है. चुनाव आयोग ने जब आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी थी, उसके साथ ही अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया है, उनको पार्टी कार्यालय के लिए दी गई जमीन या बंगला भी खाली कराकर आम आदमी पार्टी को मिल सकता है.

लुटियंस दिल्ली में पार्टी चाहती है कार्यालय: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का दिल्ली के कैनिंग रोड और पुराना किला रोड पर सरकारी बंगला आवंटित किया गया है. इसके अलावा दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर तृणमूल कांग्रेस पार्टी को जमीन आवंटित की गई थी. लेकिन अभी तक पार्टी ने अपना कार्यालय नहीं बनाया है. उधर, आम आदमी पार्टी के शीर्ष सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी भी बीजेपी और कांग्रेस की तरह लुटियंस दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय के लिए भूमि जगह चाहती है और इसका आवेदन भी किया हुआ है.

इतने कम समय में आप बनी राष्ट्रीय पार्टी: 10 अप्रैल 2023 को चुनाव आयोग ने औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया था. आम आदमी पार्टी को चुनाव चिन्ह झाड़ू राष्ट्रीय पार्टी के रूप में दिया गया. अन्ना आंदोलन से निकालकर बनी आम आदमी पार्टी की स्थापना नवंबर 2012 को हुई थी. इतने कम समय में यह पार्टी देश की पहली पार्टी बन गई थी. जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है. वर्ष 2013 में दिल्ली, वर्ष 2022 में पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा विधानसभा में दो विधायक जीतने के बाद दिसंबर 2022 में गुजरात में 5 सीटें मिलने से राष्ट्रीय पार्टी बनने का रास्ता साफ हो गया था.

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राष्ट्रीय पार्टी बनने के फायदे: किसी भी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता मिलने के कई फायदे होते हैं. सबसे पहला फायदा तो स्तर को लेकर ही है. राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होने के बाद अखिल भारतीय स्तर पर एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है. निर्वाचन आयोग जिन राजनीतिक दलों को मान्यता देता है उनको कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएं भी देता है जैसे, पार्टी को एक स्थाई चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है. निर्वाचन सूची मुफ्त और अनिवार्य तौर पर प्राप्त करने की सुविधा दी जाती है. चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के लिए समय दिए जाने की अनुमति दी जाती है ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकें.

राष्ट्रीय पार्टी बनने का मानक: चुनाव के राजनीतिक नियमों के जानकार केजे राव के अनुसार अब देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं. लेकिन इनमें से कुछ को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त था. वे बताते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी होने की तीन मुख्य शर्तों या पात्रता में से एक शर्त ये है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे. या फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के बाद गोवा में भी आम आदमी पार्टी ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की थी. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं.

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