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AAP बोली- राज्य स्तर के पार्टियों को भी दिल्ली में पार्टी के लिए मिलती है भूमि तो हमें क्यों नहीं - aap party office land case - AAP PARTY OFFICE LAND CASE

AAP party office land case: दिल्ली हाईकोर्ट में आम आदमी पार्टी ने कहा कि राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टियों को भी दिल्ली में दफ्तर मिलता है. लेकिन आम आदमी पार्टी को दफ्तर के लिए भूमि इसलिए नहीं दी जा रही है, क्योंकि 'आप' विपक्षी पार्टी है.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 20, 2024, 7:37 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में भूमि आवंटित करने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट मंगलवार को भी सुनवाई जारी करेगी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने यह आदेश दिया. सोमवार को सुनवाई के दौरान AAP की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली बीजेपी और केंद्रीय बीजेपी का अलग-अलग दफ्तर है. वहीं, ऐसी भी पार्टी है जिसे राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है और उनको भी दिल्ली में दफ्तर मिलता है. प्लॉट नंबर 23-24 साल 2002 में आवंटित हुआ था और दिल्ली सरकार ने इसको बाद में पार्टी ऑफिस के लिए आम आदमी पार्टी को आवंटित किया.

इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या दिल्ली सरकार को किसी वजह और उद्देश्य के लिए प्लॉट दिया गया था और बाद में यह प्लॉट दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी को दफ्तर के लिए दे दिया था. साथ ही सवाल यह भी है कि राऊज ऐवन्यू कोर्ट के प्लॉट को दिल्ली सरकार को क्यों दिया गया. हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या दिल्ली के सभी खाली प्लॉट दिल्ली सरकार के अधीन है या फिर केंद्र सरकार के. हाईकोर्ट ने कहा कि जब प्लॉट नंबर 23-24 दिल्ली सरकार को दिया गया था तब आम आदमी पार्टी नहीं थी, ऐसे में यह साफ है कि केंद्र सरकार ने ही वह प्लॉट दिल्ली सरकार को दिया था. उस प्लॉट को दिल्ली सरकार को आवंटित करने का उद्देश्य क्या था.

सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि प्लॉट 23-34 पर उनका कब्जा नहीं है, इसलिए वह आम आदमी पार्टी को वह प्लॉट आवंटित नहीं कर सकते. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि पार्टी को जमीन आवंटित करने के लिए उस जमीन पर कब्जा सरकार के पास होना जरूरी नहीं है, जिस पर केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि जिस मंत्री के पास वह प्लॉट था हमने उसके कब्जे को आगे बढ़ाने के लिए कहा था.

गौरतलब है कि 15 मई को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में कोई भूमि खाली नहीं है. केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाईकोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास एक स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था, लेकिन आम आदमी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया. आम आदमी पार्टी केंद्रीय दिल्ली में खासकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर के लिए भूमि की मांग कर रही है, जहां भूमि उपलब्ध नहीं है.

इस पर केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय की दलील का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि उनका एक मंत्री 23-24, राऊज एवेन्यू में अपना आवास खाली कर आम आदमी पार्टी को देना चाहता है, जिस पर मंत्रालय ने कहा कि जब तक मंत्री अपना आवास खाली नहीं करते और वह उनके अधिकार में नहीं आ जाता, तब तक वे इसको आवंटित कैसे कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल के लिए अंतरिम जमानत की मांग करने वाले छात्र पर लगाया जुर्माना हटाया

दरअसल हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर 14 अप्रैल को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. आम आदमी पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उसके राऊज एवेन्यू दफ्तर को 15 जून तक खाली करने का आदेश दिया है, ऐसे में उसे अपने दफ्तर के लिए एक वैकल्पिक भूमि को आवंटित करने का आदेश जारी किया जाए. उसे दफ्तर के लिए दिल्ली में एक हजार वर्ग मीटर भूमि पाने का हक है.

पार्टी को जब राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल का दर्जा मिला उसके छह महीने के बाद ही उसने भूमि आवंटित करने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने उसके आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोई भी खाली जगह नहीं है. केंद्र का ऐसा व्यवहार इसलिए है क्योंकि याचिकाकर्ता एक विपक्षी पार्टी है.

यह भी पढ़ें- 5 बम डिस्पोजल स्क्वॉड, 18 डिटेक्शन टीम ग्राउंड पर तैनात, बम धमकी मामले में पुलिस ने दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में भूमि आवंटित करने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट मंगलवार को भी सुनवाई जारी करेगी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने यह आदेश दिया. सोमवार को सुनवाई के दौरान AAP की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली बीजेपी और केंद्रीय बीजेपी का अलग-अलग दफ्तर है. वहीं, ऐसी भी पार्टी है जिसे राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है और उनको भी दिल्ली में दफ्तर मिलता है. प्लॉट नंबर 23-24 साल 2002 में आवंटित हुआ था और दिल्ली सरकार ने इसको बाद में पार्टी ऑफिस के लिए आम आदमी पार्टी को आवंटित किया.

इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या दिल्ली सरकार को किसी वजह और उद्देश्य के लिए प्लॉट दिया गया था और बाद में यह प्लॉट दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी को दफ्तर के लिए दे दिया था. साथ ही सवाल यह भी है कि राऊज ऐवन्यू कोर्ट के प्लॉट को दिल्ली सरकार को क्यों दिया गया. हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या दिल्ली के सभी खाली प्लॉट दिल्ली सरकार के अधीन है या फिर केंद्र सरकार के. हाईकोर्ट ने कहा कि जब प्लॉट नंबर 23-24 दिल्ली सरकार को दिया गया था तब आम आदमी पार्टी नहीं थी, ऐसे में यह साफ है कि केंद्र सरकार ने ही वह प्लॉट दिल्ली सरकार को दिया था. उस प्लॉट को दिल्ली सरकार को आवंटित करने का उद्देश्य क्या था.

सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि प्लॉट 23-34 पर उनका कब्जा नहीं है, इसलिए वह आम आदमी पार्टी को वह प्लॉट आवंटित नहीं कर सकते. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि पार्टी को जमीन आवंटित करने के लिए उस जमीन पर कब्जा सरकार के पास होना जरूरी नहीं है, जिस पर केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि जिस मंत्री के पास वह प्लॉट था हमने उसके कब्जे को आगे बढ़ाने के लिए कहा था.

गौरतलब है कि 15 मई को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में कोई भूमि खाली नहीं है. केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाईकोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास एक स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था, लेकिन आम आदमी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया. आम आदमी पार्टी केंद्रीय दिल्ली में खासकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर के लिए भूमि की मांग कर रही है, जहां भूमि उपलब्ध नहीं है.

इस पर केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय की दलील का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि उनका एक मंत्री 23-24, राऊज एवेन्यू में अपना आवास खाली कर आम आदमी पार्टी को देना चाहता है, जिस पर मंत्रालय ने कहा कि जब तक मंत्री अपना आवास खाली नहीं करते और वह उनके अधिकार में नहीं आ जाता, तब तक वे इसको आवंटित कैसे कर सकते हैं.

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दरअसल हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर 14 अप्रैल को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. आम आदमी पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उसके राऊज एवेन्यू दफ्तर को 15 जून तक खाली करने का आदेश दिया है, ऐसे में उसे अपने दफ्तर के लिए एक वैकल्पिक भूमि को आवंटित करने का आदेश जारी किया जाए. उसे दफ्तर के लिए दिल्ली में एक हजार वर्ग मीटर भूमि पाने का हक है.

पार्टी को जब राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल का दर्जा मिला उसके छह महीने के बाद ही उसने भूमि आवंटित करने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने उसके आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोई भी खाली जगह नहीं है. केंद्र का ऐसा व्यवहार इसलिए है क्योंकि याचिकाकर्ता एक विपक्षी पार्टी है.

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