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बाड़मेर में अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती पर गोष्ठी, अमृतलाल बोले- शासक ही नहीं, समाजसेविका भी थीं अहिल्याबाई - AHILYABAI HOLKAR JAYANTI

बाड़मेर में अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती पर गोष्ठी हुई. इसमें मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग सह संघचालक अमृतलाल थे.

Ahilyabai Holkar Jayanti
बाड़मेर में अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती पर गोष्ठी (ETV Bharat Barmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 7, 2024, 5:31 PM IST

बाड़मेर : अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती पर शुक्रवार को शहर के भगवान महावीर टॉउन हॉल में गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के विभाग सह संघचालक अमृतलाल मुख्य वक्ता थे. उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई न केवल शासक थी, वरन व महान समाजसेविका भी थीं.

अमृत लाल ने कहा कि अहिल्याबाई नारीत्व का एक आदर्श उदाहरण है. उन्होंने अनेक अपनों के बिछड़ने के बाद भी समाज में साधरण वेश में रहकर समाज की सेवा की और राजपरिवार का संचालन किया. आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की. उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर एक महान महिला शासक थीं. विभिन्न विपदाओं के बाद भी राज्य की आर्थिक सैन्य व व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत किया. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी सैनिक टुकड़ी में पांच सौ महिलाओं को शामिल किया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के विभाग सह संघचालक अमृतलाल (ETV Bharat Barmer)

पढ़ें: मरु उड़ान अभियान : स्तन कैंसर जागरूकता सेमिनार में पहुंचीं महिलाएं, बोलीं- पहली बार मिली कई जानकारियां

उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर आर्थिक दृष्टि से मजबूत किया. अपने राज्य को आंतरिक व बाहरी ताकतों से बचाए रखा. उनकी साहसिकता और समाजसेवा ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया. उनका जीवन आज भी प्रेरणा देता है. कार्यक्रम को डॉ सीमा मित्तल, पुष्पकंवर शेखावत और प्रियंका राजपुरोहित ने भी संबोधित किया.

आयोजन समिति के डॉ प्रदीप राठी ने बताया कि इसमें शहर की महिलाओं और छात्राओं ने उत्साह से भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता व अहिल्याबाई की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई. संयोजक वंदना तापडिया ने स्वागत उद्बोधन दिया. बालिका ललिता ने काव्य गीत पेश किया.

बाड़मेर : अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती पर शुक्रवार को शहर के भगवान महावीर टॉउन हॉल में गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के विभाग सह संघचालक अमृतलाल मुख्य वक्ता थे. उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई न केवल शासक थी, वरन व महान समाजसेविका भी थीं.

अमृत लाल ने कहा कि अहिल्याबाई नारीत्व का एक आदर्श उदाहरण है. उन्होंने अनेक अपनों के बिछड़ने के बाद भी समाज में साधरण वेश में रहकर समाज की सेवा की और राजपरिवार का संचालन किया. आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की. उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर एक महान महिला शासक थीं. विभिन्न विपदाओं के बाद भी राज्य की आर्थिक सैन्य व व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत किया. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी सैनिक टुकड़ी में पांच सौ महिलाओं को शामिल किया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के विभाग सह संघचालक अमृतलाल (ETV Bharat Barmer)

पढ़ें: मरु उड़ान अभियान : स्तन कैंसर जागरूकता सेमिनार में पहुंचीं महिलाएं, बोलीं- पहली बार मिली कई जानकारियां

उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर आर्थिक दृष्टि से मजबूत किया. अपने राज्य को आंतरिक व बाहरी ताकतों से बचाए रखा. उनकी साहसिकता और समाजसेवा ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया. उनका जीवन आज भी प्रेरणा देता है. कार्यक्रम को डॉ सीमा मित्तल, पुष्पकंवर शेखावत और प्रियंका राजपुरोहित ने भी संबोधित किया.

आयोजन समिति के डॉ प्रदीप राठी ने बताया कि इसमें शहर की महिलाओं और छात्राओं ने उत्साह से भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता व अहिल्याबाई की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई. संयोजक वंदना तापडिया ने स्वागत उद्बोधन दिया. बालिका ललिता ने काव्य गीत पेश किया.

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