राजसमंद: जिले में नेशनल हाइवे आठ पर मांडावाड़ा टोल प्लाजा पर देर रात को एक सुरक्षाकर्मी की तबीयत बिगड़ने के बाद ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. वह अपनी कुर्सी पर ही बैठा रह गया. टोल प्लाजा के किसी कर्मचारी ने उसकी सुध नहीं ली. समय पर वह घर नहीं पहुंचा तो परिजन उसे लेने आए, तब उन्हें वह कुर्सी पर मृत मिला. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को टोल प्लाजा कंपनी कार्यालय के गेट पर रखकर धरना शुरू कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में टोल प्लाजा प्रशासन की लापरवाही सामने आई है.युवक की जब तबीयत बिगड़ी, तभी उसे चिकित्सालय पहुंचा दिया जाता, तो मौत नहीं होती. मौत होने के बाद भी उसका कोई ख्याल नहीं रखा गया.
सुरक्षाकर्मी की मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीण एकत्र हो गए. आसपास के लोग टोल प्लाजा कार्यालय के गेट पर जमा हो गए और नारेबाजी की. इस बीच केलवा थाने से पुलिस पहुंच गई और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समझाइश की. ग्रामीण शुक्रवार सुबह भी धरने पर ही बैठे थे. टोल कंपनी के अधिकारियों ने अभी तक उनसे कोई वार्ता नहीं की.
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ड्यूटी के दौरान बिगड़ी तबीयत: केलवा थाना प्रभारी लक्ष्मणराम विश्नोई ने बताया कि मांडावाड़ा निवासी 40 वर्षीय रायसिंह पुत्र सोहनसिंह राठौड़ टोल प्लाजा मांडावाड़ पर सुरक्षाकर्मी की नौकरी करता था. वह शाम 4 बजे ड्यूटी पर आया था, लेकिन रात साढ़े नौ बजे उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई और जी घबराने लगा. वह कुर्सी पर ही आराम करने लगा. उसके बाद रात 12 बजे उस शिफ्ट की छुट्टी होकर कार्मिक घर चले गए, लेकिन वह उसी जगह बैठा रहा गया. शिफ्ट खत्म होने के बाद भी किसी ने खोज खबर नहीं ली. बाद में जब वह समय पर घर नहीं पहुंचा तो आधी रात बाद परिजन व ग्रामीण पहुंचे. उन्हें रायसिंह कुर्सी पर मृत मिला. तब तक काफी देर हो चुकी थी. घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया और वे धरने पर बैठ गए. शव शुक्रवार सुबह तक टोल प्लाजा कार्यालय पर ही था और गांव के बड़ी तादाद में ग्रामवासी एकत्रित थे. ग्रामीणों ने टोल कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया. वह 8 साल से यहां नौकरी कर रहा था.
मुआवजे की मांग पर अड़े: ग्रामीण सुरक्षाकर्मी की मौत के बाद अब परिजन मृतक रायसिंह के परिजनों को मुआवजा राशि दिलाने की मांग को लेकर टोल प्लाजा कार्यालय के गेट पर बैठे हैं. फिलहाल अभी तक टोल कंपनी के अधिकारी व ग्रामीणों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है.