अजमेर: पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर देश और दुनिया के साथ अजमेर में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद मिलादुन्नबी का जश्न मनाया. शहर में मुस्लिम समाज की ओर से जुलूस निकाला गया. दरगाह क्षेत्र में इंदर कोट इलाके से जुलूस का आगाज हुआ. यह दरगाह के निजाम गेट से होकर दरगाह बाजार, धान मंडी, देहली गेट, गंज, फवारा सर्कल होते हुए सुभाष उद्यान पहुंचा. इससे पहले दरगाह के निजाम गेट के बाहर तमाम मजहब के लोगों ने मिलकर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन की खुशियां मनाई.
दिखी सांप्रदायिक सौहार्द्र की झलकियां: सूफी इंटरनेशनल संगठन के सदस्य एसएम अकबर ने बताया कि जुलूस के दौरान बाजार में हिंदू व मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह फूल बरसा कर लोगों का स्वागत किया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस्तकबाल के लिए खड़े हिंदू भाइयों को गले लगाकर फूल माला पहनाई. जुलूस के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की झलकियां भी नजर आई. जुलूस में कई तरह की झांकियां भी निकली गई. इनमें मक्का मदीना शरीफ की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही. जुलूस में शामिल कई अकीकतमंद एक दूसरे को खुशबू लगाते रहे और नबी की शान में गीत गाते हुए नजर आए.
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया जुलूस का स्वागत: गंज क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जुलूस पर फूल बरसा कर स्वागत किया. आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने मोहब्बत, इंसानियत और भाईचारे का संदेश दिया था. राठौड़ ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने एक ईश्वरवाद का नारा दिया. उन्होंने कहा कि अजमेर सांप्रदायिक सद्भाव की नगरी है. यहां हर धर्म के लोग रहते हैं और आपस में एक दूसरे के त्यौहार साथ में मनाते हैं.
मुल्क में अमनचैन भाईचारे की मांगी दुआ: सूफी इंटरनेशनल संगठन के सदस्य एसएम अकबर ने बताया कि जुलूस के बाद नबी की शान में सलातों सलाम पढ़ा गया. साथ ही मुल्क में अमनचैन भाईचारे की दुआ भी मांगी गई. जुलूस के दौरान पुलिस के कड़े इंतजाम थे. जुलूस के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. प्रशासन और पुलिस के कई बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.