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डिस्टोनिया से ग्रसित 9 साल के बालक की सर्जरी सफल, स्थिति में सुधार - Jodhpur AIIMS

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 26, 2024, 7:34 AM IST

Dystonia surgery At Jodhpur AIIMS, जोधपुर एम्स में मूवमेंट डिसऑर्डर डिस्टोनिया से पीड़ित बालक की सफल सर्जरी हुई. सर्जरी के बाद डिस्टोनिया की प्रबलता में कमी आई है. बच्चे की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है.

Dystonia surgery At Jodhpur AIIMS
जोधपुर एम्स (ETV Bharat File Photo)

जोधपुर. एम्स पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट न्यूरोसर्जन और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट ने मिलकर मूवमेंट डिसऑर्डर डिस्टोनिया का सफलता पूर्वक उपचार किया है. दावा है कि राजस्थान में इस तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का पहली बार उपचार किया गया है.

जोधपुर एम्स के न्यूरोसर्जरी प्रमुख और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक झा ने बताया कि रेअर डिजीज विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह के निर्देशन में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. लोकेश सैनी, न्यूरोसर्जन डॉ. मोहित अग्रवाल, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सर्बेश तिवारी और एनेस्थेटिस्ट डॉ. स्वाति छाबड़ा सहित विशेषज्ञों की एक टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है. एम्स जोधपुर राजस्थान का एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां पार्किंसंस, डिस्टोनिया एवं ट्रेमर्स जैसी बायमरियों का उपचार हो रहा है.

पढ़ें. AIIMS के डॉक्टरों का कमाल ! कटे हुए हाथ के पंजों को जोड़ा... काटने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

पांच साल से पीड़ित था बालक : 9 साल का यह बालक पिछले पांच साल से ऑटोसोमल डोमिनेंट इनहेरिटेंस के साथ एक विशिष्ट आनुवंशिक उत्परिवर्तन KMT2B के कारण होने वाली बहुत ही दुर्लभ बीमारी प्राइमरी डिस्टोनिया से पीड़ित था. इस स्थिति के कारण उसके शरीर के विभिन्न हिस्से में दर्द से ऐंठन होती थी. इस बीमारी के लिए आमतौर पर दी जाने वाली दवाओं का बहुत कम असर हुआ. अभिभावकों ने एम्स जोधपुर में संपर्क किया.

आयुष्मान में निशुल्क सर्जरी : बालक के परिजनों को समझाने के बाद सर्जिकल प्रोसीजर का निर्णय लिया गया. 15 मई 2024 को बालक का बाइलैटरल पैलिडोटॉमी नामक प्रोसीजर किया गया, जिसमें मस्तिष्क के दोनों भाग के ऐसे भाग को नष्ट किया गया, जिसकी वजह से डिस्टोनिया के कारण डिसऑर्डर होता है. इसमें कम से कम चीरा लगाने की विधि काम में ली गई थी. सर्जरी के बाद, डिस्टोनिया की प्रबलता में कमी आई है. उसकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. उसे लगातार न्यूरो री हैबिलिटेशन दिया जा रहा है. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीज की निशुल्क यह सर्जरी हुई है.

पढ़ें. अब जोधपुर एम्स में होगी मिर्गी के मरीजों के मस्तिष्क की वीडियो ईईजी

क्या होता है डिस्टोनिया : डिस्टोनिया एक मूवमेंट डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की कुछ मांसपेशियां इस तरह से सिकुड़ती हैं, उनको नियंत्रित करना संभव नहीं होता है. शरीर अजीब तरीके से हिलने लगता है और मुड़ जाता है. डिस्टोनिया होने पर इसका असर एक मांसपेशी, मांसपेशी समूह या पूरे शरीर पर होता है. यह लगभग 1% लोगों को प्रभावित करता है. अगर बचपन में डिस्टोनिया से पैर या हाथ प्रभावित होते हैं तो धीरे-धीरे ये शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाता है.

जोधपुर. एम्स पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट न्यूरोसर्जन और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट ने मिलकर मूवमेंट डिसऑर्डर डिस्टोनिया का सफलता पूर्वक उपचार किया है. दावा है कि राजस्थान में इस तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का पहली बार उपचार किया गया है.

जोधपुर एम्स के न्यूरोसर्जरी प्रमुख और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक झा ने बताया कि रेअर डिजीज विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह के निर्देशन में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. लोकेश सैनी, न्यूरोसर्जन डॉ. मोहित अग्रवाल, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सर्बेश तिवारी और एनेस्थेटिस्ट डॉ. स्वाति छाबड़ा सहित विशेषज्ञों की एक टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है. एम्स जोधपुर राजस्थान का एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां पार्किंसंस, डिस्टोनिया एवं ट्रेमर्स जैसी बायमरियों का उपचार हो रहा है.

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पांच साल से पीड़ित था बालक : 9 साल का यह बालक पिछले पांच साल से ऑटोसोमल डोमिनेंट इनहेरिटेंस के साथ एक विशिष्ट आनुवंशिक उत्परिवर्तन KMT2B के कारण होने वाली बहुत ही दुर्लभ बीमारी प्राइमरी डिस्टोनिया से पीड़ित था. इस स्थिति के कारण उसके शरीर के विभिन्न हिस्से में दर्द से ऐंठन होती थी. इस बीमारी के लिए आमतौर पर दी जाने वाली दवाओं का बहुत कम असर हुआ. अभिभावकों ने एम्स जोधपुर में संपर्क किया.

आयुष्मान में निशुल्क सर्जरी : बालक के परिजनों को समझाने के बाद सर्जिकल प्रोसीजर का निर्णय लिया गया. 15 मई 2024 को बालक का बाइलैटरल पैलिडोटॉमी नामक प्रोसीजर किया गया, जिसमें मस्तिष्क के दोनों भाग के ऐसे भाग को नष्ट किया गया, जिसकी वजह से डिस्टोनिया के कारण डिसऑर्डर होता है. इसमें कम से कम चीरा लगाने की विधि काम में ली गई थी. सर्जरी के बाद, डिस्टोनिया की प्रबलता में कमी आई है. उसकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. उसे लगातार न्यूरो री हैबिलिटेशन दिया जा रहा है. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीज की निशुल्क यह सर्जरी हुई है.

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क्या होता है डिस्टोनिया : डिस्टोनिया एक मूवमेंट डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की कुछ मांसपेशियां इस तरह से सिकुड़ती हैं, उनको नियंत्रित करना संभव नहीं होता है. शरीर अजीब तरीके से हिलने लगता है और मुड़ जाता है. डिस्टोनिया होने पर इसका असर एक मांसपेशी, मांसपेशी समूह या पूरे शरीर पर होता है. यह लगभग 1% लोगों को प्रभावित करता है. अगर बचपन में डिस्टोनिया से पैर या हाथ प्रभावित होते हैं तो धीरे-धीरे ये शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाता है.

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