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हिमाचल में 800 स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी में सुक्खू सरकार, पहले चरण के दायरे में आएंगे ये विद्यालय - Himachal Schools Merged

8 hundred Schools will be merged in Himachal: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार कम छात्र वाले करीब 800 स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी कर रही है. पढ़िए पूरी खबर...

800 स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी में सुक्खू सरकार
800 स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी में सुक्खू सरकार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 8:31 PM IST

Updated : Jul 11, 2024, 8:44 PM IST

शिमला: हिमाचल में सरकारी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता लाने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए है. इसके लिए प्रदेश में छात्रों की कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है. पहले चरण में दो से कम संख्या वाले ऐसे करीब 800 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा, जहां साथ में ही डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर अन्य स्कूल है. ताकि छात्रों को शिक्षा के मंदिरों में जाने के लिए घरों से अधिक सफर तय न करना पड़े. इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. हिमाचल में पिछले साल भी कम छात्रों की संख्या वाले करीब 700 स्कूल मर्ज किए गए थे.

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर (ETV Bharat)

शिक्षा की गुणवत्ता प्राथमिकता, भरे जाएंगे खाली पद: हिमाचल में सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़ाने के लिए सरकार शिक्षा की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दे रही है. इसके लिए प्राथमिकता के आधार स्कूलों में खाली पदों को भरा जाएगा. पहले चरण में ऐसे स्कूलों में नए टीचरों को नियुक्ति दी जाएगी. जिस स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है. इसके बाद एक टीचर वाले स्कूलों में शिक्षक भेजे जाएंगे. प्रदेश सरकार ने फील्ड से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट लेकर अपने इरादों को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है.

शिक्षा मंत्री ने रोहित ठाकुर ने कहा, ""हिमाचल में कुल 16 हजार शिक्षण संस्थान है. इन सभी शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने सहित अन्य बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार कार्य कर रही है. शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए अब बदलाव की आवश्यकता है. इसके लिए प्रदेश में 2200 शिक्षकों की बैच वाइज भर्ती की जा रही है. ताकि जल्द की स्कूलों में टीचरों के खाली पदों को भरा जा सके. इसके लिए पैरामीटर भी तय किए गए हैं. प्रदेश में बिना शिक्षक 350 स्कूल चल रहे हैं. इसके अतिरिक्त 3200 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर केवल एक ही शिक्षक तैनात है. इसी तरह से करीब 800 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हैं. इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती प्राथमिकता रहेगी. रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार प्री प्राइमरी स्कूलों को भी जल्द शुरू करने की इच्छा रखती हैं. इसके लिए जल्द ही अब प्री प्राइमरी स्कूलों में एनटीटी टीचरों की भर्ती की जा रही है".

ये भी पढ़ें: उपचुनाव खत्म होते ही अब कर्ज का घी पीने की तैयारी, सुखविंदर सरकार लेगी ₹500 करोड़ का लोन

शिमला: हिमाचल में सरकारी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता लाने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए है. इसके लिए प्रदेश में छात्रों की कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है. पहले चरण में दो से कम संख्या वाले ऐसे करीब 800 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा, जहां साथ में ही डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर अन्य स्कूल है. ताकि छात्रों को शिक्षा के मंदिरों में जाने के लिए घरों से अधिक सफर तय न करना पड़े. इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. हिमाचल में पिछले साल भी कम छात्रों की संख्या वाले करीब 700 स्कूल मर्ज किए गए थे.

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर (ETV Bharat)

शिक्षा की गुणवत्ता प्राथमिकता, भरे जाएंगे खाली पद: हिमाचल में सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़ाने के लिए सरकार शिक्षा की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दे रही है. इसके लिए प्राथमिकता के आधार स्कूलों में खाली पदों को भरा जाएगा. पहले चरण में ऐसे स्कूलों में नए टीचरों को नियुक्ति दी जाएगी. जिस स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है. इसके बाद एक टीचर वाले स्कूलों में शिक्षक भेजे जाएंगे. प्रदेश सरकार ने फील्ड से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट लेकर अपने इरादों को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है.

शिक्षा मंत्री ने रोहित ठाकुर ने कहा, ""हिमाचल में कुल 16 हजार शिक्षण संस्थान है. इन सभी शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने सहित अन्य बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार कार्य कर रही है. शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए अब बदलाव की आवश्यकता है. इसके लिए प्रदेश में 2200 शिक्षकों की बैच वाइज भर्ती की जा रही है. ताकि जल्द की स्कूलों में टीचरों के खाली पदों को भरा जा सके. इसके लिए पैरामीटर भी तय किए गए हैं. प्रदेश में बिना शिक्षक 350 स्कूल चल रहे हैं. इसके अतिरिक्त 3200 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर केवल एक ही शिक्षक तैनात है. इसी तरह से करीब 800 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हैं. इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती प्राथमिकता रहेगी. रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार प्री प्राइमरी स्कूलों को भी जल्द शुरू करने की इच्छा रखती हैं. इसके लिए जल्द ही अब प्री प्राइमरी स्कूलों में एनटीटी टीचरों की भर्ती की जा रही है".

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Last Updated : Jul 11, 2024, 8:44 PM IST
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