धौलपुर : शारदीय नवरात्र पर पूरे देशभर में भक्तिमय माहौल है. चारों तरफ माता रानी के जयघोष सुनाई दे रहे हैं. वहीं, धौलपुर कारागार भी इससे अछूता नहीं है. जिला कारागार में बंद 74 कैदियों ने उपवास रखकर और माता रानी को साक्षी मानकर अपराध से तौबा करने का निर्णय लिया है. साथ ही कहा कि वो जेल से छूटकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ेंगे.
जेल अधीक्षक सुमन मीणा ने बताया कि नवरात्रि पर जिला कारागार में बंद कैदियों की व्रत रखने की इच्छा रही थी. उन्होंने ने बताया कि वर्तमान समय जेल में 400 कैदी बंद हैं, जिनमें 11 महिला कैदी भी हैं. इनमें से 74 कैदियों ने 9 दिन का व्रत रखा है. वहीं, व्रत रखने वालों में कुछ महिला कैदी भी शामिल हैं. इन सभी कैदियों को व्रत के अनुसार खाना-पीना दिया जा रहा है. उनके लिए दूध, जूस और फलों की व्यवस्था कराई गई है.
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दिन में तीन टाइम चाय भी उपलब्ध कराई जा रही है. जेल प्रांगण में ही माता रानी की घट स्थापित की गई है. कैदियों द्वारा भजन कीर्तन कर माता की आरती उतारी जाती है. जेल का माहौल भी आस्था के रंग में रंग गया है. उन्होंने बताया कि 74 कैदियों ने उपवास कर अपराध को तौबा करने का निर्णय लिया है. ये कैदी जिला कारागार से छूटने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का काम करेंगे. वहीं, परिवार के साथ रहकर बेहतर जीवन जीने की कोशिश करेंगे.
कैदियों के लिए पूजा सामग्री की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. समय-समय पर चिकित्सकों की टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है. खूंखार डकैत केशव और धर्मेंद्र उर्फ लुक्का ने बताया कि उसने भी 9 दिन का माता का व्रत रखा है. जाने अनजाने में कुछ गलतियां हुई थी, लेकिन अब आदि शक्ति माता रानी को साक्षी मानकर 9 दिन व्रत रखे हैं और अपराध की दुनिया से दूर रहने का प्रण लिया है.
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माता रानी का व्रत रखकर पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं. भविष्य में भी अपराध की दुनिया से पूरी तरह से दूर चले जाएंगे और परिवार के साथ रहेंगे. कैदी गंगाधर ने बताया कि अपराध का क्षेत्र बहुत बुरा है. इससे जीवन गर्त में चला जाता है. नवरात्रि के दिनों में व्रत रख प्रण लिया है. पूरी तरह से अपराध को तौबा कर देंगे. हत्या के आरोपी बंदी पंकज कुमार ने बताया कि जेल के अंदर बंद होकर आत्म मंथन किया है. अपराध करने से समाज बुरी दृष्टि से देखता है. ऐसे में नवरात्रि में व्रत रखकर अपराध को छोड़ने का प्रण लिया है. कैदी चंद्रभान ने बताया कि जेल से छूटने के बाद परिवार और बच्चों के साथ बेहतर जीवन जीने की कोशिश करूंगा. अपराध की तरफ मुड़कर भी नहीं देखूंगा.