भीलवाड़ा: जिले की बिजोलिया थाना पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश के अंतराज्यीय गिरोह राजकुमार बांछड़ा गैंग के 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गैंग ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात में 100 व राजस्थान के एक दर्जन जिलों में 28 वारदातों करना कबूल किया है. इसमें चोरी, डकैती, लूट व नकबजनी की वारदात भी शामिल हैं. आरोपियों के कब्जे से पिस्टलनुमा देसी कट्टा, लोहे की रॉड, टामी व दो कारों को जब्त किया है. इनमें से दो आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए इनाम है. ये बूंदी के हिंडोली में मंदिर के पुजारी की हत्या व डकैती प्रकरण में भी वांछित हैं.
भीलवाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि मध्यप्रदेश के राजकुमार बांछड़ा गैंग द्वारा देश भर में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में 100 से अधिक लूट, डकैती व चोरी की वारदात करने के साथ ही राजस्थान के भीलवाड़ा, जयपुर, टोंक, बूंदी, कोटा, दौसा, पाली, सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ व अजमेर में नकबजनी, डकैती व लूट जैसी 28 वारदात करना कबूल किया है.
जिले में बढ़ती चोरियों व डकैतियों को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. गत 17 जुलाई को जिले के बिजोलिया कस्बे के कैलाश चंद खटीक ने बिजोलिया थाने में रिपोर्ट पेश की थी. उन्होंने रिपोर्ट में लिखा कि 16 जुलाई की रात्रि करीब 2 बजे अज्ञात चोर घर के गेट की जाली तोड़कर अंदर घुसे. घर के एक कमरे में पीड़ित और उसकी पत्नी और दूसरे कमरे में उसका बेटा देवेंद्र सो रहा था. अचानक चोरों को देखकर परिवार के लोग उठ गए, तो चोरों ने पिस्तौल जैसा हथियार दिखाया और धमकाया.
अज्ञात चोरों ने अलमारी में पड़े 10 तोला सोने के आभूषण, 1 किलो चांदी के आभूषण के साथ ही 60000 नकद और दो मोबाइल फोन चुरा लिए. घटना की रिपोर्ट दर्ज कर बिजोलिया में विशेष टीम का गठन किया. बिजोलिया थाना प्रभारी लोकपाल सिंह के नेतृत्व में कस्बे के आसपास सीसीटीवी कैमरा रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया. इस दौरान पूर्व में हुई चोरी की वारदातों का तरीका भी एक समान होना ज्ञात हुआ और पुलिस ने इनपुट के आधार पर जगह-जगह दबीश दी.
वारदात को अंजाम देने के लिए अपनाते थे अलग-अलग तरीके: पुलिस ने आज जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वे वारदात को अंजाम देने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते थे. वे मुख्य मार्ग व नाकाबंदी के पॉइंट से बचते हुए कच्चे रास्ते से गंतव्य की ओर जाते. वहीं वारदात स्थल पर पैदल जाते. वारदात स्थल पर एक आरोपी को मकान के बाहर निगाह रखने के लिए खड़ा रखने के साथ ही वारदात को अंजाम देते समय लोगों को हथियार के दम पर लूट की वारदात को अंजाम देते थे.