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खोले के हनुमान मंदिर में 64वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव: 61 देवालयों में लगाया भोग - KHOLE KE HANUMAN JI ANNAKUT 2024

जयपुर के खोले के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. इसमें लाखों भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की.

khole ke hanuman ji annakut 2024
खोल के हनुमान मंदिर में अन्नकूट महोत्सव (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 17, 2024, 7:53 PM IST

जयपुर: दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. खोले के हनुमानजी को चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. संत महंतों के सानिध्य में हनुमान जी की महाआरती की गई. मंदिर परिसर में विराजमान श्रीराम जी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा माता, गायत्री माता, वैष्णो माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत आसपास के करीब 61 देवालयों में अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया.

खोले के हनुमान मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की धूम (ETV Bharat Jaipur)

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि खोल के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया. श्रद्धालु रात 11 तक अन्नकूट प्रसादी ग्रहण करेंगे. खोले के हनुमान को चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. खोले में विराजे 61 से अधिक मंदिरों में अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया. मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी 56 भोग और अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया.

पढ़ें: प्राचीन खोले के हनुमानजी मंदिर में 17 नवंबर को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का होगा आयोजन

ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल जी चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार जात-पात, छोटे बड़े, अधिकारी-कर्मचारी, राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हैं. जाति-धर्म भेदभाव रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन जयपुर नहीं पूरे प्रदेश में एक मिसाल माना जाता है. वर्ष 2017 में सीमित समय में 1.25 लाख भक्तजनों के अनुशासित प्रसादी ग्रहण करने का कीर्तिमान गोल्डन बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.

पढ़ें: भगवान द्वारकाधीश मंदिर में अन्नकूट महोत्सव, 32 तरकारी और 56 प्रकार के व्यंजनों का लगा भोग

मंदिर में परंपरागत झांकियां के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी और अन्नपूर्णा माता मंदिर में विभिन्न व्यंजनों की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. खोले हनुमान जी के फल सब्जी की झांकी, श्री आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डूओं की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी. अन्नकूट में मूंग, चोला, बाजरा, चावल, गड़मल सब्जी कड़ी के साथ हलवा और भुजिए भी प्रसादी में शामिल हैं.

पढ़ें: श्री सांवलिया जी में बंटा 15 क्विंटल मालपुआ का प्रसाद, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

उल्लेखनीय है कि 63 साल पहले खोले के हनुमान मंदिर में ढाई किलो अन्न के साथ अन्नकूट उत्सव की शुरुआत हुई थी. पिछले कुछ वर्षों से लक्खी अन्नकूट में बदल गया है. श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. मंदिर परिसर को पूरी तरह सजाया गया है. वेद विद्यालय के छात्रों की ओर से वेद उच्चारण, शिव सत्संग मंडल की ओर से हरिनाम संकीर्तन, सुंदर बैंड की ओर से बैंड वादन किया गया. श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से संत-महंतों का सम्मान किया गया. श्याम ज्योति भजन संध्या और श्री गुरुकृपा जागरण मंडल की ओर से भजन गायन प्रस्तुत किए गए.

जयपुर: दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. खोले के हनुमानजी को चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. संत महंतों के सानिध्य में हनुमान जी की महाआरती की गई. मंदिर परिसर में विराजमान श्रीराम जी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा माता, गायत्री माता, वैष्णो माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत आसपास के करीब 61 देवालयों में अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया.

खोले के हनुमान मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की धूम (ETV Bharat Jaipur)

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि खोल के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया. श्रद्धालु रात 11 तक अन्नकूट प्रसादी ग्रहण करेंगे. खोले के हनुमान को चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. खोले में विराजे 61 से अधिक मंदिरों में अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया. मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी 56 भोग और अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया.

पढ़ें: प्राचीन खोले के हनुमानजी मंदिर में 17 नवंबर को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का होगा आयोजन

ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल जी चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार जात-पात, छोटे बड़े, अधिकारी-कर्मचारी, राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हैं. जाति-धर्म भेदभाव रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन जयपुर नहीं पूरे प्रदेश में एक मिसाल माना जाता है. वर्ष 2017 में सीमित समय में 1.25 लाख भक्तजनों के अनुशासित प्रसादी ग्रहण करने का कीर्तिमान गोल्डन बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.

पढ़ें: भगवान द्वारकाधीश मंदिर में अन्नकूट महोत्सव, 32 तरकारी और 56 प्रकार के व्यंजनों का लगा भोग

मंदिर में परंपरागत झांकियां के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी और अन्नपूर्णा माता मंदिर में विभिन्न व्यंजनों की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. खोले हनुमान जी के फल सब्जी की झांकी, श्री आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डूओं की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी. अन्नकूट में मूंग, चोला, बाजरा, चावल, गड़मल सब्जी कड़ी के साथ हलवा और भुजिए भी प्रसादी में शामिल हैं.

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उल्लेखनीय है कि 63 साल पहले खोले के हनुमान मंदिर में ढाई किलो अन्न के साथ अन्नकूट उत्सव की शुरुआत हुई थी. पिछले कुछ वर्षों से लक्खी अन्नकूट में बदल गया है. श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. मंदिर परिसर को पूरी तरह सजाया गया है. वेद विद्यालय के छात्रों की ओर से वेद उच्चारण, शिव सत्संग मंडल की ओर से हरिनाम संकीर्तन, सुंदर बैंड की ओर से बैंड वादन किया गया. श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से संत-महंतों का सम्मान किया गया. श्याम ज्योति भजन संध्या और श्री गुरुकृपा जागरण मंडल की ओर से भजन गायन प्रस्तुत किए गए.

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