देहरादून: बारिश के मौसम में डेंगू का खतरा बना हुआ है. बारिश के दौरान नमी का स्तर बढ़ जाने की वजह से मच्छर जनित इस बीमारी में उछाल देखने को मिल सकता है. अगस्त मिड से सितंबर तक डेंगू की एंट्री के चांसेस बढ़ जाते हैं. मानसून के बीच मच्छर जनित रोग डेंगू को लेकर दून अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं.
डेंगू के खतरे को देखते हुए दून अस्पताल ने बेडों की संख्या बढ़ा दी है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया मानसून के समय डेंगू के प्रकोप के बढ़ने के आशंका ज्यादा रहती है, इसलिए डेंगू की संभावनाओं को देखते हुए अस्पताल ने डेंगू मरीजों के लिए 60 बेड आरक्षित किये हैं. इसमें आठ बेड छोटे बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं. उन्होंने बताया डेंगू मरीजों के इलाज के लिए 9 आईसीयू बेड भी रिजर्व रखे गए हैं. इसी तरह ऑक्सीजन युक्त करीब 43 जनरल बेड किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए आरक्षित किए गए हैं.
उन्होंने बताया अस्पताल की ओपीडी में डेंगू से संबंधित सभी जांच निशुल्क उपलब्ध है. फिलहाल अब तक कोई भी डेंगू कंफर्म केस अस्पताल में नहीं पाया गया है. ऐसे में इसके बचाव को लेकर अस्पताल की ओपीडी निरंतर जारी है. सभी डॉक्टरों की टीचिंग ट्रेंनिंग रेगुलर बेस पर की जा रही है. इसके साथ ही डेंगू की रोकथाम को लेकर अस्पताल प्रबंधन जिला और स्टेट प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है. उन्होंने बताया अगर डेंगू के मामले बढ़ते हैं तो प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ जाती है. इसलिए अस्पताल का ब्लड बैंक गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैम्प भी लगा रहा है. जिससे डेंगू मरीजों को अस्पताल में समुचित उपचार मिल सके.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार देहरादून में विगत 5 वर्षों का डेंगू पॉजिटिव रोगियों के आंकड़े इस प्रकार हैं. वर्ष 2018 में 314 रोगियों में डेंगू की पुष्टि हुई थी. 2019 में डेंगू के विकराल रूप धारण किया. डेंगू मरीजों की संख्या इस वर्ष बढ़कर 4991 हो गई. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में कोई भी डेंगू पॉजिटिव केस जनपद में नहीं पाया गया. इसी तरह 2021 में 126 मरीज पॉजिटिव पाये गए, लेकिन 2022 में यह संख्या बढ़कर 1434 हो गई थी.