शिमला: हिमाचल प्रदेश में दो अलग-अलग बैंको से गोल्ड लोन के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. मामला राजधानी शिमला स्थिति दो अलग बैंकों से जुड़ा है. शिमला में यूको और आईसीआईसीआई बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर शातिरों ने करीब 59 लाख रुपये से ज्यादा का लोन ले लिया. जब बाद में बैंक ने सोने की जांच करवाई तो पता चला की वह नकली है.
मामले में धोखाधड़ी का पता चलने पर दोनों बैंकों के प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ शिमला सदर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है.
पहले मामले में आईसीआईसीआई बैंक माल रोड शाखा के सेल्स मैनेजर मनीष शर्मा ने पुलिस को शिकायत दी. जिसके मुताबिक आरोपी सुरेंद्र काल्टा ने बैंक में नकली सोना जमा कर 3,83,400 रुपये का लोन ले लिया. मनीष शर्मा ने बताया कि जब बैंक की ओर से सोने की शुद्धता की जांच प्रक्रिया की गई तो आरोपी ने धोखा देते हुए जाली दस्तावेजों और नकली सोने का सहारा लिया. वहीं, जब बैंक ने सोने की असलियत की दोबारा जांच करवाई तो यह नकली निकला.
दूसरे मामले में यूको बैंक माल रोड शाखा के सेल्स मैनेजर गुरप्रीत सिंह ने पुलिस को शिकायत दी. इस शिकायत में गुरप्रीत सिंह ने बताया कि आरोपी वासुदेव पाठक, बसंत लाल, विकास कुमार, अंकिता और चंद्र दास ने बैंक में नकली सोना जमा कर 55,45,500 रुपये का गोल्ड लोन ले लिया. उन्होंने बैंक अधिकारियों को धोखे में रखते हुए नकली सोने को असली बताकर दस्तावेज पेश किए. मामले की जानकारी तब हुई जब लोन चुकाने में देरी और सोने की जांच में अनियमितताएं सामने आई. शिमला पुलिस ने दोनों बैंकों की ओर से मिली शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
शिमला एसपी संजीव गांधी ने कहा, "प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि दोनों ही मामलों में सोने की शुद्धता की गलत जांच रिपोर्ट तैयार की गई थी. जल्द आरोपियों की धड़पकड़ की जाएगी. इस बीच पुलिस यह पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि इस धोखाधड़ी के पीछे कोई संगठित गिरोह है या नहीं".
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