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3 नए आपराधिक कानूनों को उत्तराखंड में लागू करने की तैयारी, 50 अधिकारियों ने किया मास्टर ट्रेनिंग कोर्स - new criminal laws

New criminal laws in Uttarakhand 1 जुलाई से देशभर में कानून के क्षेत्र में एक नई शुरुआत होने जा रही है. तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू होंगे. ये तीनों अधिनियम 25 दिसंबर, 2023 को अधिसूचित किए गए थे. इन कानूनों को भारतीय दंड संहिता, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लाया गया है.

New criminal laws
नए आपराधिक कानून (Photo- Information Department)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 26, 2024, 6:22 AM IST

Updated : Jun 26, 2024, 6:29 AM IST

देहरादून: देशभर में एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. उत्तराखंड में इन तीनों नए कानूनों को लागू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी है. दरअसल, मंगलवार को भारत सरकार के गृह सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गई.

बैठक के दौरान उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि एक जुलाई से लागू होने वाले तीनों नए आपराधिक कानूनों, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 के लिए उत्तराखंड राज्य पूरी तरह तैयार है. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि नये आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद ही सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (CDTI) और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR&D) से तालमेल बनाते हुए PTC/ ATC और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों से प्रदेश के 50 अधिकारियों को गाजियाबाद और जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया है. साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने नए कानूनों को लेकर हस्तपुस्तिका भी तैयार की है, जिसके आधार पर सभी कोर्स का संचालन किया जा रहा है. पुलिस हस्तपुस्तिका में कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई है. इसकी एक-एक कॉपी सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दी जा रही है.

सीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि कम समय मिलने के बावजूद ट्रेनिंग को जिला स्तर पर विकेंद्रित किया गया. ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है, ऐसे कर्मचारियों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है. इसके लिए एआई बेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर्स में संचालित नागरिक पुलिस के करीब 1000 रिक्रूट कर्मचारियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इसके अलावा करीब 500 मुख्य आरक्षियों को पदोन्नति के लिए भी नये आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है. सभी आईपीएस अधिकारियों और जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही सभी पुलिस कर्मियों का आईगोट कर्मयोगी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया है.
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देहरादून: देशभर में एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. उत्तराखंड में इन तीनों नए कानूनों को लागू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी है. दरअसल, मंगलवार को भारत सरकार के गृह सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गई.

बैठक के दौरान उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि एक जुलाई से लागू होने वाले तीनों नए आपराधिक कानूनों, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 के लिए उत्तराखंड राज्य पूरी तरह तैयार है. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि नये आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद ही सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (CDTI) और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR&D) से तालमेल बनाते हुए PTC/ ATC और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों से प्रदेश के 50 अधिकारियों को गाजियाबाद और जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया है. साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने नए कानूनों को लेकर हस्तपुस्तिका भी तैयार की है, जिसके आधार पर सभी कोर्स का संचालन किया जा रहा है. पुलिस हस्तपुस्तिका में कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई है. इसकी एक-एक कॉपी सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दी जा रही है.

सीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि कम समय मिलने के बावजूद ट्रेनिंग को जिला स्तर पर विकेंद्रित किया गया. ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है, ऐसे कर्मचारियों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है. इसके लिए एआई बेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर्स में संचालित नागरिक पुलिस के करीब 1000 रिक्रूट कर्मचारियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इसके अलावा करीब 500 मुख्य आरक्षियों को पदोन्नति के लिए भी नये आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है. सभी आईपीएस अधिकारियों और जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही सभी पुलिस कर्मियों का आईगोट कर्मयोगी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया है.
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Last Updated : Jun 26, 2024, 6:29 AM IST
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