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डॉक्टर हैरान! तीन महीने में बना पांच किलो का ट्यूमर, ये लापरवाही पड़ गई भारी - 5 kg tumor found in stomach

कानपुर में चिकित्सकों ने एक महिला के पेट से 5 किलो का ट्यूमर (5 kg tumor found in stomach) निकालकर उसे नया जीवन दिया. यह ट्यूमर महज तीन महीने में तैयार हुआ था. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 8:00 AM IST

कानपुर : शहर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में शुक्रवार को चिकित्सकों ने एक महिला (45 वर्षीय) के पेट से 5 किलोग्राम वजन का ट्यूमर निकाला. इस पूरे मामले पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने बताया कि मऊ निवासी एक महिला मरीज उनसे गुरुवार को मिली थी.

चिकित्सक ने बताया कि महिला ने पेट में दर्द होने की जानकारी दी थी. ऐसे में उसकी जांचें की गईं. फिर जांच करने के बाद शुक्रवार को यह तय हुआ कि एक ऑपरेशन होगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि आखिर दर्द का कारण क्या है? कहीं कोई गांठ तो अन्दर नहीं है. जैसे ही डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन शुरू किया तो, सामने आया कि पेट के अंदर 5 किलोग्राम वजन का ट्यूमर था. खुद डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने इस बात का दावा किया कि इतने वजन का ट्यूमर पहली बार ही मिला है. जबकि, अभी तक जो में ऑपरेशन हुए हैं उसमें इतने वजन का ट्यूमर कभी नहीं मिला. डॉ सीमा ने बताया कि उन्होंने व उनकी टीम ने महिला मरीज की जान जरूर बचा ली लेकिन, फिलहाल यह कैंसर का कोई लक्षण ना हो इसके लिए महिला की कैंसर सम्बंधी जांच कराई गई है, जिसकी रिपोर्ट फिलहाल आनी बाकी है.


तीन माह में ही 5 किलोग्राम का ट्यूमर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने बताया कि 45 वर्षीय महिला मरीज की हिस्ट्री देखी गई तो, सामने आया कि महज तीन माह में ही यह ट्यूमर 5 किलोग्राम वजन का हो गया. उन्होंने यह भी बताया कि, जब महिला का ऑपरेशन हो रहा था तो देखा गया कि यह ट्यूमर बच्चेदानी के पास से ही निकला था, ऐसे में इस ऑपरेशन को करना बेहद कठिन काम था. वहीं, 5 किलोग्राम के ट्यूमर को निकालने में डॉक्टरों की टीम को लगभग 1 घंटे तक ऑपरेशन में बराबर काम करना पड़ा. डॉक्टर सीमा ने बताया कि फिलहाल मरीज की जो हालत है वह पूरी तरह ठीक है.


पहले नहीं होता था कैंसर, पर अब हर गांठ पर है खतरा : डॉ सीमा द्विवेदी ने बताया कि पहले महिलाओं में जो गर्भाशय की रसौली होती थी, उनमें कैंसर के लक्षण नहीं होते थे. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से ऐसा देखा जा रहा है की रसौली जो है वह कैंसर का रूप ले ले रही है. ऐसे में महिलाओं को अगर माहवारी की अधिकता, पेट में दर्द या भारीपन, या फिर पेट बढ़ा हुआ महसूस होता है तो वह समय से अपनी जांच जरूर कराएं. कारण साथ ही जो भी चिकित्सक हैं उनसे भी परामर्श करती रहें.

यह भी पढ़ें : महिला की बच्चेदानी में थे 35 ट्यूमर, जीएसवीएम के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर बचाई जान

यह भी पढ़ें : जटिल ऑपरेशन कर गर्भवती महिला के पेट से पहले बच्चा निकाला, फिर एक किलोग्राम का ट्यूमर

कानपुर : शहर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में शुक्रवार को चिकित्सकों ने एक महिला (45 वर्षीय) के पेट से 5 किलोग्राम वजन का ट्यूमर निकाला. इस पूरे मामले पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने बताया कि मऊ निवासी एक महिला मरीज उनसे गुरुवार को मिली थी.

चिकित्सक ने बताया कि महिला ने पेट में दर्द होने की जानकारी दी थी. ऐसे में उसकी जांचें की गईं. फिर जांच करने के बाद शुक्रवार को यह तय हुआ कि एक ऑपरेशन होगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि आखिर दर्द का कारण क्या है? कहीं कोई गांठ तो अन्दर नहीं है. जैसे ही डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन शुरू किया तो, सामने आया कि पेट के अंदर 5 किलोग्राम वजन का ट्यूमर था. खुद डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने इस बात का दावा किया कि इतने वजन का ट्यूमर पहली बार ही मिला है. जबकि, अभी तक जो में ऑपरेशन हुए हैं उसमें इतने वजन का ट्यूमर कभी नहीं मिला. डॉ सीमा ने बताया कि उन्होंने व उनकी टीम ने महिला मरीज की जान जरूर बचा ली लेकिन, फिलहाल यह कैंसर का कोई लक्षण ना हो इसके लिए महिला की कैंसर सम्बंधी जांच कराई गई है, जिसकी रिपोर्ट फिलहाल आनी बाकी है.


तीन माह में ही 5 किलोग्राम का ट्यूमर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने बताया कि 45 वर्षीय महिला मरीज की हिस्ट्री देखी गई तो, सामने आया कि महज तीन माह में ही यह ट्यूमर 5 किलोग्राम वजन का हो गया. उन्होंने यह भी बताया कि, जब महिला का ऑपरेशन हो रहा था तो देखा गया कि यह ट्यूमर बच्चेदानी के पास से ही निकला था, ऐसे में इस ऑपरेशन को करना बेहद कठिन काम था. वहीं, 5 किलोग्राम के ट्यूमर को निकालने में डॉक्टरों की टीम को लगभग 1 घंटे तक ऑपरेशन में बराबर काम करना पड़ा. डॉक्टर सीमा ने बताया कि फिलहाल मरीज की जो हालत है वह पूरी तरह ठीक है.


पहले नहीं होता था कैंसर, पर अब हर गांठ पर है खतरा : डॉ सीमा द्विवेदी ने बताया कि पहले महिलाओं में जो गर्भाशय की रसौली होती थी, उनमें कैंसर के लक्षण नहीं होते थे. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से ऐसा देखा जा रहा है की रसौली जो है वह कैंसर का रूप ले ले रही है. ऐसे में महिलाओं को अगर माहवारी की अधिकता, पेट में दर्द या भारीपन, या फिर पेट बढ़ा हुआ महसूस होता है तो वह समय से अपनी जांच जरूर कराएं. कारण साथ ही जो भी चिकित्सक हैं उनसे भी परामर्श करती रहें.

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