पटना: बिहार में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के दायरे में 4 लाख 50 हजार से अधिक कामगार आ गए हैं. इस साल 39430 नए कामगार ईएसआईसी के दायरे में आए हैं. पिछले दो सालों में 91000 से अधिक लोगों को नई नौकरी मिली है, जो ईएसआईसी के दायरे में आए हैं. 21000 से कम वेतन मिलने पर कामगारों को राज्य कर्मचारी राज्य बीमा द्वारा विमित किया जाता है और उन्हें चिकित्सा की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. सारा खर्च कर्मचारी राज्य बीमा निगम की ओर से किया जाता है. इस के दायरे में नौकरी पाने वाले महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. 2 साल में 13568 महिलाओं को नौकरी मिली है, जो कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सुविधा ले रही हैं.
बीमित कामगारों की संख्या तेजी से बढ़ी: बिहार में नौकरी और रोजगार को लेकर लगातार चर्चा होती रही है और इसके कारण माहौल भी बना है. एक तरफ जहां बिहार सरकार की तरफ से बड़े पैमाने पर नौकरी और रोजगार देने की कवायद हो रही है. आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर वैकेंसी भी आने वाली है तो ही दूसरी तरफ निजी क्षेत्र में कंपनियों की दिलचस्पी भी बढ़ी है.
2 साल में 91 हजार नए कामगारों को मिली नौकरी: कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अनुसार बिहार में ईएसआईसी के दायरे में आने वाले कामगारों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. 31 मार्च 2022 तक ईएसआईसी के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की संख्या 358980 थी, जो 31 मार्च 2023 तक बढ़कर 4 लाख 11210 हो गई और 31 मार्च 2024 तक यह संख्या बढ़कर 450640 हो गई है. यानी 2 सालों में 91660 नए लोगों को रोजगार मिला है, जिन्हें कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सुविधा मिल रही है.
कर्मचारी राज्य बीमा निगम से जुड़े नए कामगार: राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अधिकारियों के अनुसार बिहार में 2022 में 30669 कंपनियों की ओर से लोगों को काम दिया गया था, जो ईएसआईसी की सुविधा ले रहे थे. 1 साल बाद 2023 में कंपनियों की संख्या बढ़कर 39939 हो गई. यानी एक साल में 9267 कंपनियां बढ़ी हैं, जबकि 2024 में कंपनियों की संख्या बढ़कर 51024 हो गई है. यानी पिछले साल 2023 की तुलना में इस साल 11088 कंपनियां नयी आई है, जो नौकरी उपलब्ध करा रही हैं.
महिला कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ी: नौकरी लेने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. 31 मार्च 2022 तक ईएसआईसी के दायरे में काम करने वाली बिहार में 30236 महिलाएं थी, जो 31 मार्च 2023 में बढ़कर 37667 हो गई और 31 मार्च 2024 तक यह संख्या बढ़कर 438004 हो गई है. यानी 2 साल में 13568 महिलाओं ने नौकरी पाई है, जो ईएसआईसी के दायरे में है.
प्राइवेट कंपनियों का बिहार के प्रति दिलचस्पी: विशेषज्ञ प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी का कहना है बिहार में नई कंपनियों के माध्यम से लोगों को जिस प्रकार से रोजगार दिया जा रहा है, यह शुभ संकेत है. ईएसआईसी के दायरे में कर्मचारियों को आने से स्वास्थ्य बीमा के तहत बहुत लाभ मिलता है और यह कर्मचारी के हित में है. बिहार में नई कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ी है लेकिन बिहार में जिस बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है, वैसे में लोगों का पलायन होता है. उस मुकाबले यह नौकरी काफी कम है, इसमें अभी और बड़ी पहल करने की जरूरत है.
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