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एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस; CM YOGI ने कहा- जीत की तैयारी इतनी शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे - 41ST FOUNDATION DAY OF SGPGI

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश का यह पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे 500 करोड़ की धनराशि मिली है.

एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस
एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ : राजधानी में शनिवार को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) का 41वां स्थापना दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य का मानक क्या होना चाहिए, मेडिकल एजुकेशन का स्टैंडर्ड क्या होना चाहिए, यह मानक न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि उत्तर भारत में अब एसजीपीजीआई तय कर रहा है. पीजीआई बिना शोर गुल के ऊंचाई तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि एक दार्शनिक ने कहा कि जीत की तैयारी इतनी शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा देगी.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Video credit: ETV Bharat)

उन्होंने आगे कहा कि जब उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी उस समय 36 जिलों में आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं था. इसकी जानकारी उस समय मिली जब इन जिलों में सर्वे कराया गया. उस समय संस्थान के निदेशक ने सुझाव दिया कि हम लोग डेली आईसीयू शुरू कर सकते हैं. एसजीपीजीआई ने पूरी शालीनता के साथ प्रदेश में वर्चुअल आईसीयू शुरू किया था. उन्होंने आगे कहा कि उस समय 75 के 75 जिलों में हजारों लोगों की जान को बचाने में मदद मिली थी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मरीज चाहता है कि उसे अच्छी सुविधा मिले. मैं चाहूंगा कि अभी डॉक्टरों की जो स्पीड है. उसे हम तीन गुना करें. आपको जो संसाधन चाहिए सरकार उपलब्ध कराएगी. इसके लिए आपको स्वयं समय देना होगा. मुझे लगता है अगर आप एक दिन में 10 देखते हैं तो यह स्पीड अगर 25 से 30 कर दें तो आपको 25-30 लोग डिफरेंट कैटिगरी के मिलेंगे. उनका रहन-सहन उनके खान-पान उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि. उनका एक्सपीरियंस आप समझने के बाद डॉक्टर बता सकते हैं कि इसका क्या होना है. मुझे लगता है कि आपके पास यह बहुत बड़ा अनुभव का खजाना हो सकता है. इसको लेकर के हमें प्रयास करना चाहिए. इससे यहां भर्ती वालों होने वाले पेशेंट की हम संख्या बढ़ा सकते हैं.

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश का यह पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे 500 करोड़ की धनराशि मिली है. इसमें सलोनी फाउंडेशन के अलावा रैन बसेरा के लिए भी फंड है. अभी तक रोबोटिक का ही उपयोग होता था, लेकिन अब हेल्थ को एआई टेक्नोलॉजी से जोड़कर एसजीपीजीआई को आगे बढ़ाना है.

एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस (Video credit: ETV Bharat)

स्थापना दिवस के मौके पर चिकित्सकों को मिला सम्मान : एसजीपीजीआई के स्थापना दिवस के मौके पर बेहतर करने वाले चिकित्सकों को पुरस्कृत किया गया. इस दौरान एसजीपीजीआई की सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रेरणा कपूर ने कहा कि हमारा एसजीपीजीआई का इन हाउस न्यूज लेटर है, जिसका चार साल से मैं नेतृत्व कर रही हूं. मुझे चीफ एडिटर के लिए यह अवार्ड मिला है. इसके लिए मैं संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान की आभारी हूं. जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी.

एनेस्थीसिया विभाग के प्रो. देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि मुझे ग्रीन एनवायरमेंट इनीशिएटिव एसजीपीजीआई के लिए अवार्ड मिला है. उन्होंने बताया कि मुझे हरियाली बहुत पसंद है. मैं जहां जाता हूं, वहां पेड़ पौधे लगाता रहता हूं. उन्होंने कहा कि हाल ही में हमारे पास एक लड़की का ऐसा केस था, जिसमें उसकी बैकबोन में दिक्कत थी. हड्डियों की कैपिंग में उसके पॉकेट बन गया था. उसका हमने सफल ऑपरेशन किया. 25 वर्षों में यह पहला ऐसा मामला था. हमने 24 घंटे उसे निगरानी में रखा. अभी अवार्ड लेने से पहले और अवार्ड देने के बाद मैं उसे बच्चों से मिलकर आ रहा हूं. फिलहाल वह बिल्कुल ठीक है. न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. फिरोज निजामी ने बताया कि एसजीपीजीआई में काम करना मेरे लिए बड़ी सौभाग्य की बात है. आज हमें बेस्ट सीनियर रेजिडेंट के सम्मान से नवाजा गया है. इसके लिए कड़ी मेहनत की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवार्ड देकर सम्मानित किया.

स्थापना दिवस समारोह के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 1947 से लेकर के 2017 तक केवल 12 मेडिकल कॉलेज ही खोले गए. वहीं अकेले इस वर्ष 13 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू किया गया, जिसमें एडमिशन हुए हैं. इसके अलावा तीन गवर्नमेंट पीपीपी मोड और दो अन्य प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालित हुए हैं यानी कुल 18 मेडिकल कॉलेज इस वर्ष खुले हैं. प्रदेश में हमारी सरकार 65 जनपद में मेडिकल कॉलेज खोल चुकी है. हर जिले में फ्री डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके अलावा ब्लड बैंक के साथ ब्लड सेपरेटर यूनिट भी स्थापित की गई हैं. प्रदेश में हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का संचालन किया जा रहा है. प्रदेश में आज 9 करोड़ से अधिक लोग आयुष्मान कार्ड की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. वहीं सवा 5 लाख से अधिक लोगों को अभी हाल में ही गोल्डन कार्ड जारी किये गये हैं.

26 दिसंबर को पूरे यूपी में मनाया जाएगा वीर बाल दिवस : शनिवार को एक विशेष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश व धर्म की स्थापना के लिए सिख गुरुओं का बलिदान अनुकरणीय है, इसलिए सिख गुरुओं के त्योहारों को पूरे प्रदेश में परंपरागत तौर पर उल्लास के साथ मनाया जाए. सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का 350वां वर्ष प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाएगा. एक वर्ष तक चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के विशेष अवसर पर लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास से होगा, जिसका प्रदेश के सभी गुरुद्वारों में सीधा प्रसारण भी किया जाएगा. कार्यक्रम का समापन अगले वर्ष भव्य समारोह के साथ किया जाएगा.


यह भी पढ़ें : IAS अधिकारी के संस्थान में पहुंचे CM योगी, बोले-भारत के पैरा मेडिकल और नर्सिंग की पूरी दुनिया में मांग - CM YOGI STATEMENT

यह भी पढ़ें : CM सीएम योगी ने 'आयुष्मान वय वंदना कार्ड' योजना की शुरुआत की, 70 वर्ष के बुजुर्गों का होगा मुफ्त इलाज - CM YOGI STATEMENT

लखनऊ : राजधानी में शनिवार को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) का 41वां स्थापना दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य का मानक क्या होना चाहिए, मेडिकल एजुकेशन का स्टैंडर्ड क्या होना चाहिए, यह मानक न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि उत्तर भारत में अब एसजीपीजीआई तय कर रहा है. पीजीआई बिना शोर गुल के ऊंचाई तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि एक दार्शनिक ने कहा कि जीत की तैयारी इतनी शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा देगी.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Video credit: ETV Bharat)

उन्होंने आगे कहा कि जब उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी उस समय 36 जिलों में आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं था. इसकी जानकारी उस समय मिली जब इन जिलों में सर्वे कराया गया. उस समय संस्थान के निदेशक ने सुझाव दिया कि हम लोग डेली आईसीयू शुरू कर सकते हैं. एसजीपीजीआई ने पूरी शालीनता के साथ प्रदेश में वर्चुअल आईसीयू शुरू किया था. उन्होंने आगे कहा कि उस समय 75 के 75 जिलों में हजारों लोगों की जान को बचाने में मदद मिली थी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मरीज चाहता है कि उसे अच्छी सुविधा मिले. मैं चाहूंगा कि अभी डॉक्टरों की जो स्पीड है. उसे हम तीन गुना करें. आपको जो संसाधन चाहिए सरकार उपलब्ध कराएगी. इसके लिए आपको स्वयं समय देना होगा. मुझे लगता है अगर आप एक दिन में 10 देखते हैं तो यह स्पीड अगर 25 से 30 कर दें तो आपको 25-30 लोग डिफरेंट कैटिगरी के मिलेंगे. उनका रहन-सहन उनके खान-पान उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि. उनका एक्सपीरियंस आप समझने के बाद डॉक्टर बता सकते हैं कि इसका क्या होना है. मुझे लगता है कि आपके पास यह बहुत बड़ा अनुभव का खजाना हो सकता है. इसको लेकर के हमें प्रयास करना चाहिए. इससे यहां भर्ती वालों होने वाले पेशेंट की हम संख्या बढ़ा सकते हैं.

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश का यह पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे 500 करोड़ की धनराशि मिली है. इसमें सलोनी फाउंडेशन के अलावा रैन बसेरा के लिए भी फंड है. अभी तक रोबोटिक का ही उपयोग होता था, लेकिन अब हेल्थ को एआई टेक्नोलॉजी से जोड़कर एसजीपीजीआई को आगे बढ़ाना है.

एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस (Video credit: ETV Bharat)

स्थापना दिवस के मौके पर चिकित्सकों को मिला सम्मान : एसजीपीजीआई के स्थापना दिवस के मौके पर बेहतर करने वाले चिकित्सकों को पुरस्कृत किया गया. इस दौरान एसजीपीजीआई की सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रेरणा कपूर ने कहा कि हमारा एसजीपीजीआई का इन हाउस न्यूज लेटर है, जिसका चार साल से मैं नेतृत्व कर रही हूं. मुझे चीफ एडिटर के लिए यह अवार्ड मिला है. इसके लिए मैं संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान की आभारी हूं. जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी.

एनेस्थीसिया विभाग के प्रो. देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि मुझे ग्रीन एनवायरमेंट इनीशिएटिव एसजीपीजीआई के लिए अवार्ड मिला है. उन्होंने बताया कि मुझे हरियाली बहुत पसंद है. मैं जहां जाता हूं, वहां पेड़ पौधे लगाता रहता हूं. उन्होंने कहा कि हाल ही में हमारे पास एक लड़की का ऐसा केस था, जिसमें उसकी बैकबोन में दिक्कत थी. हड्डियों की कैपिंग में उसके पॉकेट बन गया था. उसका हमने सफल ऑपरेशन किया. 25 वर्षों में यह पहला ऐसा मामला था. हमने 24 घंटे उसे निगरानी में रखा. अभी अवार्ड लेने से पहले और अवार्ड देने के बाद मैं उसे बच्चों से मिलकर आ रहा हूं. फिलहाल वह बिल्कुल ठीक है. न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. फिरोज निजामी ने बताया कि एसजीपीजीआई में काम करना मेरे लिए बड़ी सौभाग्य की बात है. आज हमें बेस्ट सीनियर रेजिडेंट के सम्मान से नवाजा गया है. इसके लिए कड़ी मेहनत की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवार्ड देकर सम्मानित किया.

स्थापना दिवस समारोह के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 1947 से लेकर के 2017 तक केवल 12 मेडिकल कॉलेज ही खोले गए. वहीं अकेले इस वर्ष 13 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू किया गया, जिसमें एडमिशन हुए हैं. इसके अलावा तीन गवर्नमेंट पीपीपी मोड और दो अन्य प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालित हुए हैं यानी कुल 18 मेडिकल कॉलेज इस वर्ष खुले हैं. प्रदेश में हमारी सरकार 65 जनपद में मेडिकल कॉलेज खोल चुकी है. हर जिले में फ्री डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके अलावा ब्लड बैंक के साथ ब्लड सेपरेटर यूनिट भी स्थापित की गई हैं. प्रदेश में हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का संचालन किया जा रहा है. प्रदेश में आज 9 करोड़ से अधिक लोग आयुष्मान कार्ड की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. वहीं सवा 5 लाख से अधिक लोगों को अभी हाल में ही गोल्डन कार्ड जारी किये गये हैं.

26 दिसंबर को पूरे यूपी में मनाया जाएगा वीर बाल दिवस : शनिवार को एक विशेष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश व धर्म की स्थापना के लिए सिख गुरुओं का बलिदान अनुकरणीय है, इसलिए सिख गुरुओं के त्योहारों को पूरे प्रदेश में परंपरागत तौर पर उल्लास के साथ मनाया जाए. सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का 350वां वर्ष प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाएगा. एक वर्ष तक चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के विशेष अवसर पर लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास से होगा, जिसका प्रदेश के सभी गुरुद्वारों में सीधा प्रसारण भी किया जाएगा. कार्यक्रम का समापन अगले वर्ष भव्य समारोह के साथ किया जाएगा.


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