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परिजन देख रहे थे बेटों के कृषि अधिकारी बनने का सपना, एक ही झटके में बुझ गए चार घरों के चिराग - 4 STUDENTS DIED IN ACCIDENT

भरतपुर के 4 छात्रों का मथुरा में ऐसा भीषण एक्सीडेंट हुआ कि चारों की मौत हो गई. चारों बाइक से कॉलेज जा रहे थे.

4 Students Died in Accident
दुर्घटना में चार दोस्तों की मौत (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 19, 2024, 8:00 PM IST

भरतपुर: जिले के बयाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग गांव और भरतपुर शहर के रहने वाले चार लोग अपने बेटों को पढ़ा लिखाकर कृषि अधिकारी बनाने का सपना देख रहे थे. लेकिन मंगलवार को नियति ने एक ही झटके में न केवल सभी के सपने चकनाचूर कर दिए, बल्कि चार घरों के चिराग भी बुझा दिए. जिले के बयाना क्षेत्र के तीन और भरतपुर शहर के एक युवक की उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के मगोर्रा थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई. चारों युवक बाइक पर सवार होकर कॉलेज जा रहे थे. सभी छात्र बीएससी एग्रीकल्चर के विद्यार्थी थे.

एक बाइक से जा रहे थे कॉलेज: जानकारी के अनुसार भरतपुर जिले के बयाना तहसील के गांव नगला मढ़पुरिया निवासी रितेश, गांव शेरगढ़ निवासी मुकुल, भरतपुर निवासी चेतन और बयाना के पठानपाड़ा निवासी रामकेश मथुरा के गिर्राज महाराज कॉलेज के बीएससी एग्रीकल्चर के सेकंड ईयर के स्टूडेंट थे. चारों मित्र थे, इसलिए एक ही बाइक से हर दिन कॉलेज आते जाते थे.

पढ़ें: हादसों का दिन : कहीं चीख, कहीं खौफ और खत्म हो गईं 14 जिंदगियां...50 से अधिक घायल

मंगलवार को भी चारों दोस्त एक ही बाइक से कॉलेज के लिए निकले, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. परिजनों को लगा कि हर दिन की तरह बेटे आज भी शाम को वापस घर लौट आएंगे लेकिन दोपहर बाद चारों छात्रों के परिजनों को उनके बेटों की मौत की खबर मिली. बेटों की मौत की सूचना मिलते ही घरों में हाहाकार मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

पढ़ें: जयपुर के आमेर में वॉच टॉवर पर गिरी बिजली...11 लोगों की मौत, कई गंभीर रूप से घायल, पहाड़ी जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी

ऐसे हुआ हादसा: उत्तर प्रदेश के मगोर्रा थाना प्रभारी मोहित तोमर ने बताया कि ये चारों छात्र जैसे ही जाजम पट्टी पुलिस चौकी से करीब 800 मीटर आगे पहुंचे और एक कार को ओवरटेक किया, तो सामने से आ रही तेज रफ्तार बस ने बाइक को टक्कर मार दी. दुर्घटना इतनी भीषण थी कि बाइक सवार रितेश, चेतन और मुकुल की मौके पर मौत हो गई. जबकि रामकेश गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आगरा भेजा गया. लेकिन रामकेश की आगरा में उपचार के दौरान मौत हो गई.

पढ़ें: दोस्तों के लिए 'मौत का सफर' बना नए साल का टूर, एक हादसे ने बुझा दिए चार घरों के चिराग

चार बहनों का अकेला भाई था रामकेश: रिश्तेदार हाकिम सिंह ने बताया कि रितेश को उसके परिजन बीएससी एग्रीकल्चर कराकर एग्रीकल्चर ऑफिसर बनाना चाहते थे. रितेश के पिता सुरेश चंद पत्थर व्यवसाई हैं और रितेश के परिवार में एक छोटा भाई है. इसी तरह रामकेश और मुकुल के पिता किसान हैं और वो भी अपने बेटों को कृषि अधिकारी बनाने का सपना देख रहे थे. रामकेश चार बहनों का अकेला भाई था.

भरतपुर: जिले के बयाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग गांव और भरतपुर शहर के रहने वाले चार लोग अपने बेटों को पढ़ा लिखाकर कृषि अधिकारी बनाने का सपना देख रहे थे. लेकिन मंगलवार को नियति ने एक ही झटके में न केवल सभी के सपने चकनाचूर कर दिए, बल्कि चार घरों के चिराग भी बुझा दिए. जिले के बयाना क्षेत्र के तीन और भरतपुर शहर के एक युवक की उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के मगोर्रा थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई. चारों युवक बाइक पर सवार होकर कॉलेज जा रहे थे. सभी छात्र बीएससी एग्रीकल्चर के विद्यार्थी थे.

एक बाइक से जा रहे थे कॉलेज: जानकारी के अनुसार भरतपुर जिले के बयाना तहसील के गांव नगला मढ़पुरिया निवासी रितेश, गांव शेरगढ़ निवासी मुकुल, भरतपुर निवासी चेतन और बयाना के पठानपाड़ा निवासी रामकेश मथुरा के गिर्राज महाराज कॉलेज के बीएससी एग्रीकल्चर के सेकंड ईयर के स्टूडेंट थे. चारों मित्र थे, इसलिए एक ही बाइक से हर दिन कॉलेज आते जाते थे.

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मंगलवार को भी चारों दोस्त एक ही बाइक से कॉलेज के लिए निकले, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. परिजनों को लगा कि हर दिन की तरह बेटे आज भी शाम को वापस घर लौट आएंगे लेकिन दोपहर बाद चारों छात्रों के परिजनों को उनके बेटों की मौत की खबर मिली. बेटों की मौत की सूचना मिलते ही घरों में हाहाकार मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

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ऐसे हुआ हादसा: उत्तर प्रदेश के मगोर्रा थाना प्रभारी मोहित तोमर ने बताया कि ये चारों छात्र जैसे ही जाजम पट्टी पुलिस चौकी से करीब 800 मीटर आगे पहुंचे और एक कार को ओवरटेक किया, तो सामने से आ रही तेज रफ्तार बस ने बाइक को टक्कर मार दी. दुर्घटना इतनी भीषण थी कि बाइक सवार रितेश, चेतन और मुकुल की मौके पर मौत हो गई. जबकि रामकेश गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आगरा भेजा गया. लेकिन रामकेश की आगरा में उपचार के दौरान मौत हो गई.

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चार बहनों का अकेला भाई था रामकेश: रिश्तेदार हाकिम सिंह ने बताया कि रितेश को उसके परिजन बीएससी एग्रीकल्चर कराकर एग्रीकल्चर ऑफिसर बनाना चाहते थे. रितेश के पिता सुरेश चंद पत्थर व्यवसाई हैं और रितेश के परिवार में एक छोटा भाई है. इसी तरह रामकेश और मुकुल के पिता किसान हैं और वो भी अपने बेटों को कृषि अधिकारी बनाने का सपना देख रहे थे. रामकेश चार बहनों का अकेला भाई था.

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