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तीन साल में सांप के काटने से 35 लोगों की मौत, कांगड़ा जिला सबसे अधिक प्रभावित, 7 जिलों में एक भी मौत नहीं - SNAKE BITE DEATHS IN HIMACHAL

हिमाचल में सर्पदंश से तीन साल में 35 लोगों की मौत हुई. इस साल दस जिलों में सर्पदंश से मौत का कोई मामला नहीं है.

हिमाचल में सर्पदंश से तीन साल में 35 लोगों की मौत
हिमाचल में सर्पदंश से तीन साल में 35 लोगों की मौत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

शिमला: बरसात के सीजन में सांप काटने से मौतों की सूचना अक्सर मिल जाती है. हिमाचल प्रदेश में सांप काटने से तीन साल के भीतर 35 लोगों की मौत हुई. कांगड़ा जिला में सांप काटने से सबसे अधिक लोग मौत का शिकार हुए हैं. प्रदेश के सात जिलों में पिछले तीन साल से सर्पदंश से एक भी मौत नहीं हुई है. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान सामने आई.

ऊना से विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने इस बारे में सवाल किया था. सतपाल सिंह सत्ती जानना चाहते थे कि तीन साल में सर्पदंश से प्रदेश में कितने लोग काल का ग्रास बने.स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब के अनुसार वर्ष 2022 में 11 व्यक्ति, वर्ष 2023 में 10 और इस साल पहली दिसंबर तक 14 लोगों की मौत सर्पदंश से हुई है.कांगड़ा जिला सबसे अधिक प्रभावित है. यहां सर्पदंश से मौत के मामले सबसे अधिक हैं.वर्ष 2022 में कांगड़ा जिला में सांप के काटने से 8 लोग काल का शिकार हुए. फिर वर्ष 2023 में सात लोगों की जान सर्पदंश के कारण गई. इस साल पहली दिसंबर तक कांगड़ा जिला में सांप के काटने से नौ लोग मारे गए.

सात जिलों में कोई केस नहीं

हिमाचल प्रदेश के सर्दी वाले इलाकों में सर्पदंश से मौत के मामले नहीं आते.सर्द इलाकों के बारे में कहा जाता है कि यहां पाए जाने वाले सर्प विषैले नहीं होते. प्रदेश के जिन सात जिलों में सांप के काटने से एक भी मौत का मामला नहीं है, उनमें चंबा, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, सिरमौर का नाम शामिल है. कांगड़ा की बात करें तो कुल 35 मौतों में से अकेले 24 लोगों की जान कांगड़ा जिला में गई है. ऊना में सात लोगों की मौत पिछले तीन साल में दर्ज की गई है. इस साल की बात करें तो दस जिलों में सर्पदंश से मौत का एक भी मामला नहीं है. कुल 14 लोगों की जो मौत हुई है, उनमें से 9 कांगड़ा जिला से और पांच ऊना जिला से हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में पाई जाती हैं सांपों की करीब 21 प्रजातियां, इनमें तीन सबसे ज्यादा जहरीली

शिमला: बरसात के सीजन में सांप काटने से मौतों की सूचना अक्सर मिल जाती है. हिमाचल प्रदेश में सांप काटने से तीन साल के भीतर 35 लोगों की मौत हुई. कांगड़ा जिला में सांप काटने से सबसे अधिक लोग मौत का शिकार हुए हैं. प्रदेश के सात जिलों में पिछले तीन साल से सर्पदंश से एक भी मौत नहीं हुई है. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान सामने आई.

ऊना से विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने इस बारे में सवाल किया था. सतपाल सिंह सत्ती जानना चाहते थे कि तीन साल में सर्पदंश से प्रदेश में कितने लोग काल का ग्रास बने.स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब के अनुसार वर्ष 2022 में 11 व्यक्ति, वर्ष 2023 में 10 और इस साल पहली दिसंबर तक 14 लोगों की मौत सर्पदंश से हुई है.कांगड़ा जिला सबसे अधिक प्रभावित है. यहां सर्पदंश से मौत के मामले सबसे अधिक हैं.वर्ष 2022 में कांगड़ा जिला में सांप के काटने से 8 लोग काल का शिकार हुए. फिर वर्ष 2023 में सात लोगों की जान सर्पदंश के कारण गई. इस साल पहली दिसंबर तक कांगड़ा जिला में सांप के काटने से नौ लोग मारे गए.

सात जिलों में कोई केस नहीं

हिमाचल प्रदेश के सर्दी वाले इलाकों में सर्पदंश से मौत के मामले नहीं आते.सर्द इलाकों के बारे में कहा जाता है कि यहां पाए जाने वाले सर्प विषैले नहीं होते. प्रदेश के जिन सात जिलों में सांप के काटने से एक भी मौत का मामला नहीं है, उनमें चंबा, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, सिरमौर का नाम शामिल है. कांगड़ा की बात करें तो कुल 35 मौतों में से अकेले 24 लोगों की जान कांगड़ा जिला में गई है. ऊना में सात लोगों की मौत पिछले तीन साल में दर्ज की गई है. इस साल की बात करें तो दस जिलों में सर्पदंश से मौत का एक भी मामला नहीं है. कुल 14 लोगों की जो मौत हुई है, उनमें से 9 कांगड़ा जिला से और पांच ऊना जिला से हैं.

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