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दियोटसिद्ध मंदिर में ₹60 हजार में नीलाम कर दिए 35 बकरे, असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर को जारी हुआ नोटिस

बकरों की नीलामी मामले में असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

दियोटसिद्ध मंदिर
दियोटसिद्ध मंदिर (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 21, 2024, 6:24 PM IST

Updated : Nov 21, 2024, 9:41 PM IST

हमीरपुर: बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में लंबे समय के बाद ट्रस्ट गठित कर दिया गया है. राज्य सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं. इस बीच SDM बड़सर एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष ने असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर संदीप कुमार को बकरों की नीलामी मामले में शोकॉज नोटिस जारी किया है. इसमें तीन दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है. अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि यदि तीन दिन में जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा. वहीं, विजिलेंस ने भी जांच के लिए रिकॉर्ड तलब कर लिया है.

सस्ते दाम में की गई बकरों की नीलामी

सस्ते दाम में बकरों को बेचने के मामले पर टेंपल अधिकारी विवादों से घिरे हैं. ट्रस्ट ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंप रखी है. बता दें कि बीते 9 नवंबर को बकरों की नीलामी होनी थी. इसमें 60 हजार रुपये में 35 बकरों को नीलाम कर दिया गया. इसके बाद टेंपल अधिकारी विवादों में घिर गए. राज्य सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट में नॉन ऑफिशियल 13 लोग शामिल किए गए, जबकि स्पेशल इनवाइट लोगों की सूची में 19 लोग हैं. इनमें महंत राजेंद्र गिरी भी शामिल हैं.

आपको बता दें कि बीते दिनों घटे सियासी घटनाक्रम के कारण बड़सर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में जो बदलाव आया उसी की वजह से इस मंदिर के ट्रस्ट को भंग करना पड़ा था, क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद जब यह ट्रस्ट गठित हुआ था उस समय कांग्रेस के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल थे. मगर सियासी घटनाक्रम के बाद वे भाजपा में चले गए और इसी घटनाक्रम के दरमियान ट्रस्ट को तकरीबन 7 महीने पहले भंग कर दिया गया. तब से इस ट्रस्ट का गठन नहीं हो पाया और मंदिर में कई तरह के विवाद सुर्खियां बटोरने लगे.

मंदिर में रेगुलर टेंपल अधिकारी भी नहीं था. बकरा नीलामी में भी गड़बड़झाला सामने आया. अब जाकर ट्रस्ट गठित कर दिया गया है. गठित ट्रस्ट में बड़सर विधानसभा क्षेत्र के कई लोगों को इसमें स्थान दिए गए हैं. उप-चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे सुभाष ढटवालिया, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा की धर्मपत्नी अरविंद कौर, निक्का राम, पवन कालिया, नरेश लखनपाल, विपिन ढटवालिया, एक्स सर्विसमैन कैप्टन सुरेंद्र कुमार सोनी, रोशन लाल चौधरी, रिटायर इंस्पेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, रिटायर्ड कैप्टन पुरुषोत्तम शर्मा, सतीश कुमार सोनी, राकेश रतन और धनी जसवाल को शामिल किया गया.

बलदेव चंद्र शर्मा, जसवंत सिंह ढटवालिया, कुलवंत सिंह चंदेल, वीरेंद्र पटियाल, पुरुषोत्तम चंद्र शर्मा, जसवीर सिंह, पवन कुमार शर्मा और सुरजीत सिंह शामिल हैं. नॉन ऑफिसियल सदस्यों की सूची पहले भी तेरह थी अब भी 13 ही रखी गई है जबकि स्पेशल इनवाइटी सदस्यों में भी 19 का ही आंकड़ा है. कुछ सदस्य पहले के भंग ट्रस्ट में भी शामिल थे इसमें भी उन्हें जगह मिली है.

ये भी पढ़ें: "चुनाव दूसरे राज्यों का होता है और BJP नेता करते हैं हिमाचल की बेइज्जती, प्रदेश को नहीं दिलवाते स्पेशल पैकेज"

हमीरपुर: बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में लंबे समय के बाद ट्रस्ट गठित कर दिया गया है. राज्य सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं. इस बीच SDM बड़सर एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष ने असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर संदीप कुमार को बकरों की नीलामी मामले में शोकॉज नोटिस जारी किया है. इसमें तीन दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है. अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि यदि तीन दिन में जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा. वहीं, विजिलेंस ने भी जांच के लिए रिकॉर्ड तलब कर लिया है.

सस्ते दाम में की गई बकरों की नीलामी

सस्ते दाम में बकरों को बेचने के मामले पर टेंपल अधिकारी विवादों से घिरे हैं. ट्रस्ट ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंप रखी है. बता दें कि बीते 9 नवंबर को बकरों की नीलामी होनी थी. इसमें 60 हजार रुपये में 35 बकरों को नीलाम कर दिया गया. इसके बाद टेंपल अधिकारी विवादों में घिर गए. राज्य सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट में नॉन ऑफिशियल 13 लोग शामिल किए गए, जबकि स्पेशल इनवाइट लोगों की सूची में 19 लोग हैं. इनमें महंत राजेंद्र गिरी भी शामिल हैं.

आपको बता दें कि बीते दिनों घटे सियासी घटनाक्रम के कारण बड़सर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में जो बदलाव आया उसी की वजह से इस मंदिर के ट्रस्ट को भंग करना पड़ा था, क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद जब यह ट्रस्ट गठित हुआ था उस समय कांग्रेस के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल थे. मगर सियासी घटनाक्रम के बाद वे भाजपा में चले गए और इसी घटनाक्रम के दरमियान ट्रस्ट को तकरीबन 7 महीने पहले भंग कर दिया गया. तब से इस ट्रस्ट का गठन नहीं हो पाया और मंदिर में कई तरह के विवाद सुर्खियां बटोरने लगे.

मंदिर में रेगुलर टेंपल अधिकारी भी नहीं था. बकरा नीलामी में भी गड़बड़झाला सामने आया. अब जाकर ट्रस्ट गठित कर दिया गया है. गठित ट्रस्ट में बड़सर विधानसभा क्षेत्र के कई लोगों को इसमें स्थान दिए गए हैं. उप-चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे सुभाष ढटवालिया, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा की धर्मपत्नी अरविंद कौर, निक्का राम, पवन कालिया, नरेश लखनपाल, विपिन ढटवालिया, एक्स सर्विसमैन कैप्टन सुरेंद्र कुमार सोनी, रोशन लाल चौधरी, रिटायर इंस्पेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, रिटायर्ड कैप्टन पुरुषोत्तम शर्मा, सतीश कुमार सोनी, राकेश रतन और धनी जसवाल को शामिल किया गया.

बलदेव चंद्र शर्मा, जसवंत सिंह ढटवालिया, कुलवंत सिंह चंदेल, वीरेंद्र पटियाल, पुरुषोत्तम चंद्र शर्मा, जसवीर सिंह, पवन कुमार शर्मा और सुरजीत सिंह शामिल हैं. नॉन ऑफिसियल सदस्यों की सूची पहले भी तेरह थी अब भी 13 ही रखी गई है जबकि स्पेशल इनवाइटी सदस्यों में भी 19 का ही आंकड़ा है. कुछ सदस्य पहले के भंग ट्रस्ट में भी शामिल थे इसमें भी उन्हें जगह मिली है.

ये भी पढ़ें: "चुनाव दूसरे राज्यों का होता है और BJP नेता करते हैं हिमाचल की बेइज्जती, प्रदेश को नहीं दिलवाते स्पेशल पैकेज"

Last Updated : Nov 21, 2024, 9:41 PM IST
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