भरतपुर : मानसून की अच्छी बारिश के कारण करौली जिले से निकलने वाली गंभीर नदी में पांचना बांध से तीन गेट खोलकर 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते जिले के बयाना एवं रूपवास तहसील के गंभीर नदी के तटीय क्षेत्र में बसे करीब दो दर्जन गांवों में चेतावनी जारी की गई है. गांवों के लोगों को नदी के बहाव क्षेत्र में ना जाने की अपील की गई है. वहीं, घना को अभी भी पानी नहीं मिल पाएगा. जब तक पांचना बांध से 10 हजार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक घना प्यासा ही रहेगा. पांचना बांध से पानी छोड़े जाने के चलते जिला कलेक्टर ने सभी विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि गंभीर नदी में पांचना बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नदी के तटीय क्षेत्रों में बसे गांवों के नागरिकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. संबंधित गांवों में स्थानीय पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को सूचित कर पानी के तेज बहाव को देखते हुए नदी के बहाव क्षेत्र में नहीं जाने के लिए पाबंद किया है. उन्होंने बताया कि लगातार वर्षा की चेतावनी को देखते हुए नदी के तटीय क्षेत्र के सभी गांवों को अपने पशुधन को भी नदी के आसपास नहीं छोड़ने की अपील की है. लोगों को नदी के बहाव क्षेत्र में पानी की आवक को देखते हुए संसाधनों को बहाव क्षेत्र से हटाने, महिलाओं, बच्चों को इस दौरान नदी के आसपास नहीं जाने देने की अपील की है.
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जिला कलेक्टर ने गंभीर नदी में पांचना बांध से पानी छोड़े जाने को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम, जल संसाधन विभाग, पंचायतीराज विभाग, चिकित्सा विभाग एवं उपखण्ड प्रशासन रूपवास एवं बयाना को मय आवश्यक संसाधनों के अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि पांचना बांध से पानी छोड़े जाने पर गुरुवार रात तक जिले की सीमा में गंभीर नदी में पानी की आवक होगी. ऐसे में सम्बंधित गांवों में आमजन को दिन के समय ही सूचित कर नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहने के लिए पाबंद करें.
इन गांवों में चेतावनी : अधीक्षण अभियंता जल संसाधन देवीसिंह बेनिवाल ने बताया कि गंभीर नदी में पानी की अधिक आवक होने पर तहसील बयाना के चीखरू, पीपरिया, धुरेरी, मावली, महरावर, नहरौली, चक बीछी, सिंघाड़ा, शीदपुर, नदी का गांव प्रभावित होंगे. साथ ही तहसील रूपवास में दाहिना गांव, महलपुर काछी, मुर्रिका, कांधौली, दौलतगढ़, सिकरौदा, पिचूना, रसीलपुर, मिल्सवां, देवरी, पांड्री, मैरथा गांव प्रभावित होंगे.
घना अभी भी प्यासा : घना निदेशक मानस सिंह ने बताया कि फिलहाल पांचना बांध से 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो कि 200 एमसीएफटी पानी होता है. जब तक बांध से 10 हजार एमसीएफटी पानी नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक घना को पानी नहीं मिल पाएगा. हमने प्रशासन से घना के लिए 500 एमसीएफटी पानी की मांग की है, लेकिन 250 एमसीएफटी पानी भी मिले, तो पर्यटन सीजन के लिए पर्याप्त रहेगा. निदेशक मानस सिंह ने बताया कि हम लगातार प्रशासन के संपर्क में हैं. उम्मीद है कि घना को भी जल्द पानी मिल सकेगा.