मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बालूघाट और योगिया मठ से गायब तीनों छात्राओं की पहचान कर ली गई है. मथुरा में मालगाड़ी से कटी तीनों छात्रा मुजफ्फरपुर शहर की रहने वाली थीं. उनके परिजनों ने शवों की शिनाख्त की है. तीनों ने अंधभक्ति में अपनी जान दी है. भक्ति ऐसी कि जीवन और मृत्यु से कोई मोह माया नहीं. यही वजह है कि तीनों एक-दूसरे के हाथ पकड़कर मालगाड़ी के सामने आ गईं. जब तक ट्रेन रुकी, तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी. मथुरा पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस को मालगाड़ी के लोको पायलट की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मुहैया कराई है.
मां की मौत के बाद माही में आने लगा बदलाव: बताया गया कि अखाड़ाघाट की रहने वाली माही 10वीं कक्षा की छात्रा थी. वह बहुत छोटी थी, जब उसकी मां ने दुनिया छोड़ दी. मां की मौत के बाद माही के जीवन में भटकाव आने लगा. आकंठ भक्ति में डूबी माही के दिमाग में यह बैठ गया कि यह शरीर नश्वर है. वह अपनी मां से मृत्यु के बाद भी बात करने का दावा करने लगी. यह शरीर नश्वर है और कभी मरता नहीं, अमरत्व प्राप्त करता है.
उसके संपर्क में आई दोनों सहेली: यही बात माही के साथ कोचिंग में पढ़ रही योगियामठ की गौरी और माया के दिमाग में भी बैठ गई. जिसके बाद हिमालय पर बाबा से मिलने की चिट्ठी लिखकर तीनों मथुरा पहुंच गई और तीन दिन पहले मथुरा में ही मालगाड़ी के सामने आकर तीनों ने अपनी जान दे दी.
जनवरी से छोड़ रखा था मांस-मछली खाना: वही, एएसपी भानू प्रताप सिंह, साइबर डीएसपी सीमा देवी और नगर थानेदार विजय कुमार ने मामले की छानबीन की. तीनों लड़कियों की कॉपी-किताब और मोबाइल की जांच की गई. जनवरी से तीनों ने मांस-मछली खाना छोड़ दिया था. शरीर नश्वर है और मृत्यु अमरत्व को प्राप्त करता है. यही सब यूट्यूब पर देखती रहती थी.
ट्रेन पकड़ाने 2 सहेलियां भी गई थीं स्टेशन: योगियामठ मोहल्ले में पुलिस को तीनों छात्राओं की दो सहेलियां मिलीं हैं. दोनों को पता था कि गायब हुई तीनों छात्राओं ने ट्रेन पकड़ी थी. उसने पुलिस को बताया है कि हमलोग शिव गुरु को शॉर्ट में एसवीजी लिखते थे. सोशल मीडिया पर धार्मिक पोस्ट के जरिए शिव गुरु भक्ति का भाव जगा था. छात्राओं की दीवानगी देख जब परिजन उन्हें समझाते थे तो तीनों लड़ पड़ती थी, इसके लिए वे परिवार वालों से आहत भी रहती थीं.
डायरी से मिली जानकारी: एएसपी भानु प्रताप सिंह ने तीनों छात्राओं की दोनों मित्र से पूछताछ की है. आठवीं की छात्रा गौरी की एक डायरी भी पुलिस को मिली है, जिस पर एक नंबर लिखा मिला है. ट्रू-कॉलर पर वह नंबर किसी रोशन का बता रहा है. नंबर धारक के संबंध में पुलिस जानकारी जुटा रही है. तीनों कोचिंग जाती थी, इसलिए पुलिस कोचिंग में उक्त नंबर धारक छात्र का पता लगा रही है.
घर से निकलने के बाद मंदिर चौक पर मिलीं: पुलिस के मुताबिक घर से निकलने के बाद तीनों छात्राएं सिकंदरपुर मंदिर चौक पर आपस में मिलीं. यहीं पर तीनों की दो मित्र भी आईं. पांचों लड़कियां मिलने के बाद स्टेशन पहुंचीं. वहां गौरी ने ट्रेन का टिकट कटाया. प्लेटफॉर्म पर पहुंची तो 9:58 ही बज रहे थे. उसी समय एक ट्रेन खुल रही थी. टिकट कटाने वाली छात्रा ने एक व्यक्ति से पूछा क्या यह ट्रेन लखनऊ जाएगी? इसके बाद तीनों चलती ट्रेन में दौड़कर चढ़ गई.
डीएनए जांच के लिए सुरक्षित किया नमूना: वहीं, मथुरा पहुंचीं तीनों छात्राओं के परिजनों ने शिनाख्त और सामान की पहचान कर ली लेकिन शव चार दिन पुराने होने के कारण काफी फुल गए थे. स्थिति ऐसी थी कि यह नहीं पहचाना जा रहा था कि कौन सा शव किसका है. इसमें मामला फंसने से शाम पांच बजे तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई, तब मुजफ्फरपुर नगर थाना के दारोगा मोहन कुमार ने तीनों शवों का डीएनए सुरक्षित कराने का आग्रह किया. इसके बाद तीनों शवों की डीएनए जांच के लिए नमूना सुरिक्षत रखा गया.
पिता ने पहचाना बैग मेहंदी देख रो पड़ी मां: शवों की पहचान करने थाने पहुंचे माही के पिता मनोज कुमार ने घटनास्थल पर मिले बैग को पहचान लिया. सामान वापस मांगने पर मथुरा हाइवे थाना प्रभारी उमेश चंद त्रिपाठी ने उनसे कहा कि जो सामान मौके से बरामद हुआ है, उसे मुजफ्फरपुर पुलिस को सौंपा जाएगा. माया के शव की फोटो उसके भाई रिषु को दिखाया गया तो उसे देख उसकी आंखें नम हो गई.
हाथों में मेंहदी से पहचान: उससे जब पूछा गया कि क्या ये माया का शव है? तो वह इनकार नहीं कर सका. भाई रिषु की शक्ल और कद-काठी माया के शव से काफी हद तक मेल खा रही थी. रिषु को जब भी माया के शव की फोटो दिखाई गई तो उसकी हर बार आंखे नम हो गई. शवों की पहचान करने पहुंची आशा देवी ने फोटो देख कर उसकी पहचान अपनी बेटी गौरी के रूप में की. पुलिस ने गौरी के मेंहदी लगे हाथ की फोटो को दिखाया तो वह रोने लगी. उसने पोस्टमार्टम गृह पहुंच कर शव अपनी सुपुर्दगी में लिया.
लोको पायलट के ऑडियो क्लिप भी सौंपा: यूपी की मथुरा पुलिस ने ऑडियो क्लिप भी मुजफ्फरपुर पुलिस को मुहैया कराई है. इसमें मालगाड़ी ट्रेन के लोको पायलट कह रहा है कि तीनों लड़कियों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रखा था. वे मथुरा जंक्शन की ओर से रेल ट्रैक पर आ रही थीं. ट्रेन करीब 60 किमी की रफ्तार से चल रही थी. तीनों लड़कियां बगल वाली ट्रैक पर चल रही थीं. 80-90 मीटर पहले तीनों लड़कियां अचानक मालगाड़ी वाले ट्रैक पर पहुंच गई. इस दौरान ब्रेक लगाना मुश्किल हो रहा था. चंद सेकेंड बाद तीनों लड़कियां ट्रेन से कट गईं.
"पुलिस की जांच में पता चला है कि मथुरा में मालगाड़ी से कटकर मरने वाली तीनों लड़कियां मुजफ्फरपुर की रहने वाली ही हैं. तीन किशोरियों के गायब होने के बाद एफआईआर करने में विलंब करने के आरोप की जांच होगी. जांच में दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की जाएगी. यह साफ हो गया है कि तीनों की हत्या नहीं हुई है, यह मामला आत्महत्या का है. ट्रेन के चालक और गार्ड से पुलिस की बात हुई है. तीनों के शवों का डीएनए टेस्ट होगा."- अवधेश सरोज दीक्षित, सिटी एसपी, मुजफ्फरपुर
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