मंदसौर: मध्य प्रदेश के गांधीसागर अभ्यारण्य में चीते लाए जाएंगे. इससे पहले वहां शिकार आधार बढ़ाने के लिए कुल 28 चित्तीदार हिरण छोड़े गए हैं. मध्य प्रदेश वन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों को लाए जाने वहां हिरणों को छोड़ा गया है. श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के बाद यह बड़े चीतों का दूसरा घर बन जाएगा. उन्होंने बताया कि चीतों के लिए शिकार की संख्या बढ़ाने के प्रयासों के तहत 1,250 चित्तीदार हिरण, जिन्हें चीतल भी कहा जाता है, को गांधीसागर अभ्यारण्य में भेजा जाएगा.
अधिकारी ने बताया, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से 18 नर और 10 मादा चित्तीदार हिरण लाए गए और उन्हें गांधीसागर के बाड़े वाले क्षेत्र में छोड़ा गया. इसके साथ ही, हमने अब तक गांधीसागर में 434 चित्तीदार हिरण छोड़े हैं, जिनमें 120 नर और 314 मादा हैं. अधिकारी ने यह भी बताया कि योजना के तहत केन्या के एक प्रतिनिधिमंडल ने 21 और 22 मई को मंदसौर और नीमच जिलों में फैले गांधीसागर अभयारण्य का दौरा किया था.
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1952 में भारत से विलुप्त घोषित किए गए चीतों को महत्वाकांक्षी रीइंट्रोडक्शन प्लान के तहत सितंबर 2022 और फरवरी 2023 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया.
भारत में हैं अभी 24 चीते
बता दें कि, सितंबर 2022 में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते भारत में लाए गए थे. जिन्हें मध्य प्रदेश के कूनो वन अभ्यारण्य में चीता प्रोजेक्ट के तहत रखा गया था. जैसा कि योजना थी भारत में चीता शावकों का जन्म भी हुआ, लेकिन इस बीच भारत में जन्में 6 चीता शावकों और 2 चीतों की मौत हो चुकी है, लेकिन अब भी भारत में चीतों की संख्या 24 है.