नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एमसीडी की लापरवाही से 18वीं शताब्दी की पेंटिंग्स (जो भारतीय कलाकृति की धरोहर है) बारिश के कारण बर्बाद हो गई. 28 जुलाई को जब राजधानी दिल्ली में तेज बारिश हुई थी, तब बारिश का पानी एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट एंड लिटरेचर संस्थान के बेसमेंट में भर गया था. बेसमेंट में चारों तरफ सैकड़ों पेंटिंग्स लगाए गए थे, जिनमें से कई पेंटिंग 150 से 200 साल पुराने हैं. इसमें लगभग 200 पेंटिंग्स ऐसे थे, जिन्हें भारतीय पुरातत्व विभाग के तरफ से मान्यता भी दी गई थी.
दरअसल, 90 साल की बुजुर्ग महिला पद्मश्री अजीत कौर एक लेखक है. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. उनके काम को देखकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट एंड लिटरेचर संस्थान को खोलने के लिए यह जमीन दी थी. इसके बाद कौर ने यहां पर यह संस्था बनाई.
कौर की पुत्री अपर्णा कौर एक प्रसिद्ध पेंटर है, उन्होंने अपनी मां के साथ मिलकर उनके मुहिम को और आगे बढ़ाया. इस संस्था में म्यूजियम और लाइब्रेरी बनाए गए. इसके अलावा यहां पर गरीब घरों की लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा, मुफ्त सिलाई और मुफ्त कंप्यूटर सिखाया जाता है. इस संस्था के म्यूजियम में भारत के कई राज्यों के प्राचीन समय के पेंटिंग धरोहर के रूप में रखे गए थे. लेकिन 28 जुलाई को हुई बारिश के बाद बेसमेंट में बने इस म्यूजियम में लगभग 4 से 5 फुट पानी भर गया. इसके कारण बेसमेंट में लगे करोड़ों के पेंटिंग बर्बाद हो गया.
अजीत कौर ने एमसीडी को लिखी थी चिट्ठी: अब सवाल उठता है, इस बर्बादी के पीछे एमसीडी पर दोष क्यों मंढ़ा जा रहा है. दरअसल, 28 जून को बारिश से पहले अजीत कौर ने एमसीडी को एक चिट्ठी लिखा था. चिट्ठी में उन्होंने बारिश आने से पहले यहां के नाले की सफाई कराने की बात लिखी थी. उन्होंने ये भी लिखा था कि अगर बारिश के कारण बेसमेंट में पानी भर गया तो भारत के यह धरोहर पेंटिंग्स बर्बाद हो जाएंगे. इसके लिए उन्होंने सन् 2013 में हाईकोर्ट के उस ऑर्डर को भी लगाया, जिसमें नालों की सफाई के लिए हाईकोर्ट द्वारा आदेश दिए गए थे. इसके बावजूद एमसीडी ने नाले की सफाई नहीं करवाई, जिसके कारण सैकड़ों साल पुरानी और करोड़ों की यह सारी पेंटिंग्स बर्बाद हो गई.
करोड़ों की पेंटिंग बारिश के कारण हो गई बर्बाद: अपर्णा कौर ने बताया कि दुनिया के कोने-कोने से लोग उनके पास इन पेंटिंग्स को खरीदने के लिए आते हैं. करोड़ों रुपए देने की भी बात करते हैं. लेकिन पद्मश्री अजीत कौर और उनकी सुपुत्री अपर्णा कहती हैं कि कोई पैसों से भला किसी की आंख और कान कैसे खरीद सकता है. वैसे ही यह सारे धरोहर भारत की संपत्ति है. अब सवाल यह है देश की यह धरोहर जो अब बर्बाद हो गया है इसका जिम्मेदार कौन है? बहरहाल पद्मश्री अजीत कौर और अपर्णा कौर इस घटना से बेहद आहत हैं.